>>: राजस्थान के इस शहर में अब बनेगा लैंड बैंक, 25 लाख रुपए होंगे खर्च

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राजसमंद नगर पालिका का गठन 1956 में हुआ था। कांकरोली, धोईंदा और राजनगर को मिलाकर 1991 राजसमंद जिले का गठन किया गया। राजसमंद नगर पालिका से 2012 में नगर परिषद बनाई गई थी। इसके बावजूद आज तक लैंड बैंक नहीं बनाया गया। इस पर राजस्थान पत्रिका ने 02 जनवरी के अंक में 'नगर परिषद के गठन के 12 साल बाद भी नहीं बना लैंड बैंक' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। इसमें बताया कि नगर परिषद की कई जमीनों पर अतिक्रमण हो गया है। इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से लैंड बैंक नहीं बनवाया गया। फरवरी माह में लैंड बैंक बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए टेण्डर आमंत्रित किए गए। नगर परिषद की कमेटी ने टेण्डर को खोल भी लिए, लेकिन वर्क ऑर्डर देने से पहले ही आचार संहिता लग गई। इसके कारण यह मामला दो माह के लिए ठंडे बस्ते में चला गया। अब चुनाव के बाद वर्क ऑर्डर देकर फर्म से काम शुरू करवाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान नगर परिषद की जमीन पर अतिक्रमण का प्रयास किया गया था, जिसे बाद में तोड़ा गया था।

यह होगा फायदा
जानकारों के अनुसार संबंधित फर्म नगर परिषद को हस्तांतरित खसरों की पहचानकर उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी एकत्र कर मौका मुआयना करेगी और रिकार्ड को सही करवाकर संधारित करेगी। इससे नगर परिषद की जमीन पर अतिक्रमण पर रोक लगेगी, विकास कार्यो के लिए ऑक्शन आदि में आसानी होगी। भूमि की जानकारी होने पर मास्टर प्लान के अनुसार विकास कार्य करवा सकेंगे।
यहां जमीन की थी हस्तांतरित
नगर परिषद के अनुसार धोईंदा में 1252 बीघा जमीन हस्तांतरित की गई थी। इसी प्रकार जावद में 215, राजनगर में 479, सेवाली में 66, किशोरनगर में 265, सनवाड़ 365, कांकरोली 321, हवाला 24, गुड़ली में 96 और आसोटिया में 365 बीघा जमीन हस्तांतरित की गई थी। इसमें रास्ता, बाड़ा, नाले और आबादी भूमि शामिल है।
आचार संहिता के चलते नहीं दिया वर्कऑर्डर
नगर परिषद की और लैंड बैंक बनाने के लिए टेण्डर हो चुका है, लेकिन आचार संहिता लगने के कारण वर्कऑर्डर नहीं दिया गया। इस पर करीब 25 लाख रुपए खर्च होंगे। आचार संहिता के बाद वर्क ऑर्डर दिया जाएगा।
- तरूण बाहेती, एक्सईएन नगर परिषद राजसमंद

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