>>: अजमेर में भी विवादित रहे झाझडिय़ा,डाकघर में लगवा दिए थे निजी कैमरे

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अजमेर. डाक सेवा से राज्य सेवा में आकर श्रम आयुक्त बने और अब भ्रष्टचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़े प्रतीक झाझडिय़ा का अजमेर में भी विवादों से नाता रहा है। जयपुर में तीन लाख रूपए की बंधी वसूले पकड़े गए झाझडिय़ा ने अजमेर में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होनें डाककर्मचारियों को ईमानदारी व पादर्शिता का पाठ खूब पढ़ाया। वे स्वंय को तत्तकालीन जिला कलक्टर का बैचमेट भी बताने से नहीं चूकते थे। डाक विभाग में प्रवर अधीक्षक (डाकघर) के पद रहते हुए उन्होंने मुख्य डाकघर में समुदाय विशेष के लोगों के निजी सीसीटी कैमरे लगवा दिए थे। यह कैमरे डाक छंटाई सहित अन्य संवेदनशील एरिया में लगे थे। विभाग के पास आमतौर पर यह शिकायत आती थी कि कोई डाक को खोल कर पढ़ लेता है। ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करने और जिम्मेदार कार्मिकों को चिन्हित करने बजाय उन्होनें लोगों को डाकघर में अपने सीसीटीवी कैमरे लगाने की छूट दे डाली थी। केन्द्र सरकार के महकमें में इस तरह निजी लोगों द्वारा सीसीटीवी लगाने तथा उसे कहीं भी देखने की जानकारी जब अन्य लोगों व संस्थाओं को मिली तो इसका विरोध भी हुआ था।

मिली थी चार्जशीट की चेतावानी

मुख्य डाकघर में निजी सीसीटीवी लगाने की जानकारी तत्तकालीन पोस्ट मास्टर जनरल (दक्षिणी क्षेत्र) राजस्थान, रामभरोसा गुप्ता को लगी तो उन्होनें झाझडिय़ा को बुलाकर डांट लगाई। इसके बाद भी निजी सीसीटीवी कैमरे नहीं हटवाए गए तो पीएमजी ने झाझडिय़ा को चार्जशीट जारी करने की चेतावनी दी गई। इसके बाद निजी सीसीटीवी कैमरे हटवाए गए तथा उन्हें लोगों के घर पर भिजवाया गया।

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