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कोटा. मोड़क स्टेशन. जिले के मोड़क में मंगलम् सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल से आसपास से ग्रामीण और किसान खासे परेशान हैं। इस फैक्ट्री की सीमेंट के कण और धूल की परत आसपास के खेतों में जम जाती है। इससे फसलें बर्बाद हो रही है। किसानों की कई बार मिर्ची की फसल बर्बाद हो चुकी है। इस कारण ज्यादातर किसानों ने तो अब मिर्ची की खेती करना ही छोड़ दिया है। उधर, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी प्रदूषण मानकों के अनुरूप जांच के खानापूर्ति कर इतिश्री कर लेते हैं। मानव जीवन पर पड़ रहे प्रतिकूल असर का अभी तक कोई अध्ययन तक नहीं करवाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
एक हज़ार बीघा से अधिक भूमि में होती थी मिर्ची की खेती

फैक्ट्री के समीप के गांव चोसला, मोड़क गांव के किसानों ने बताया कि फैक्ट्री लगने के बाद कुछ समय तक तो कम्पनी प्रबंधन ने सीमेंट के कण और मिट्टी को उड़ने नहीं दिया। कुछ समय बाद प्रबंधन ने इस और ध्यान देना बंद कर दिया। पहले यहां एक हजार बीघा से अधिक भूमि में मिर्ची की खेती होती थी, लेकिन सीमेंट के कण हवा में उड़कर खेतों में आ जाते हैं। इससे मिर्ची की पौध खराब हो जाती है। अब किसान ग्रीन हाउस व पॉली हाऊस लगाकर मिर्ची व अन्य खेती करते हैं, लेकिन फैक्ट्री से उड़ रही धूल से परेशान है और फसलें खराब हो रही हैं। किसानों के अनुसार, मिर्ची के साथ में कपास और अन्य सभी फसलें तबाह हो रही हैं। यहां की मिर्ची की जबर्दस्त डिमांड थी और देशभर के बड़े खरीदार आते हैं।

फैक्ट्री प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान
पहले मिर्ची की फसल बहुत होती थी, लेकिन सीमेंट के कण और धूल ने क्षेत्र में मिर्ची की फसल को तबाह कर दिया है। फैक्ट्री संचालकों को कई बार शिकायत की है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं किया है। खेत में लगे पोली हाउस पर सीमेंट और धूल की मोटी परत ज़मी हुई है, जो पोली हाउस की फसल को प्रभावित करती है। सोलर प्लांट लगा रखा है, उसकी प्लेट पर भी धूल जम रही है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

फसलें हो रही खराब
कृषि पर्यवेक्षक रामसागर मीणा के अनुसार मिर्ची की फसल फलाव के वक्त सीमेंट के कण और धूल जमने से खराब हो जाती है। इससे उत्पादन भी नहीं बैठ पाता है। किसान प्रदूषण वाले क्षेत्र में ऐसी फसल को नहीं लगाए। फसल की बुवाई से पहले कृषि अधिकारियों से सम्पर्क करें।

मंगलम सीमेंट फैक्ट्री में प्रदूषण की जांच
प्रदूषण नियंत्रण विभाग, कोटा के क्षेत्रीय अधिकारी अमित सोनी का कहना है कि मंगलम सीमेंट फैक्ट्री में प्रदूषण की पहले भी जांच करवाई गई थी। फैक्ट्री के आसपास प्रदूषण नियंत्रित िस्थति में है। इसकी लगातार जांच करवाई जाती है। फसलों के नुकसान का कोई अध्ययन नहीं करवाया है।

फैक्ट्री से धूल नहीं उड़ती
मंगलम् सीमेंट कम्पनी के प्रबंधक पीआर चौधरी का कहना है कि ऐसा मामला या डस्ट से फसल खराब होती है तो किसान उसका वीडियो भेजे। किसानों की समस्या का समाधान करेंगे। फैक्ट्री से धूल नहीं उड़ती है।

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