>>: मादा पैंथर की मौत : वह भूख-प्यास से भटकती रही,आखिर भारी पत्थर गिरने से गुफा के द्वार पर तोड़ दिया दम

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अजमेर/ब्यावर. जिले के मसूदा उपखंड क्षेत्र के बेबरा बावड़ी की पहाड़ी क्षेत्र स्थित गुफा के द्वार पर मृत मिले पैंथर (मादा) ने आखिरी सांस तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया। भारी भरकम पत्थर छिटक कर छाती पर गिर जाने से वह जिंदगी की जंग हार गया। देलवाड़ा रोड स्थित क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय में सहायक वन संरक्षक की उपस्थिति में पैंथर के शव मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया। उसकी मौत करीब चार-पांच दिन पहले हो गई थी। उसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे। प्राथमिक पड़ताल में सामने आया कि पैंथर भूखा-प्यासा था। शव का परिसर में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मामले में विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

पैंथर भूखा-प्यासा

गुफा को पत्थर डालकर बंद करने वालों के बारे में वन विभाग जानकारी जुटा रहा है। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. जावेद, डॉ. विश्वास कुमार व डॉ. सोबिर सिंह ने पोस्टमार्टम किया। इस दौरान सहायक वन संरक्षक नरेन्द्रसिंह शेखावत भी मौजूद रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्राथमिक जांच में सामने आया कि पैंथर भूखा-प्यासा था। उसका पेट पूरी तरह से पिचक गया था। उसकी उम्र करीब पांच से छह साल बताई जा रही है। अंतिम संस्कार के दौरान क्षेत्रीय वन अधिकारी भैंरूसिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

पुलिस टीम ने की पड़ताल

पैंथर जिस स्थान पर मृत मिला, वहां वन विभाग की टीम पहुंची। इस दौरान सरपंच सुरेन्द्र सिंह सहित ग्रामीण भी साथ रहे। गुफा सहित आस-पास के क्षेत्र की जांच की गई, लेकिन वहां पर पैंथर के शावक नहीं मिले हैं। मादा पैंथर होने से शावक होने की संभावना को देखते हुए वन विभाग की टीम ने क्षेत्र की सघन जांच की।

मुकदमा दर्ज होगा, होगी विभागीय कार्रवाई

गुफा को बंद करने के मामले में वन विभाग की ओर से मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। गश्त करने में लापरवाही सामने आने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में सारे तथ्य जुटाए जा रहे हैं। अगर किसी का नाम सामने आता है तो विभाग कार्रवाई करेगा।

इनका कहना है

मादा पैंथर की मौत करीब चार-पांच दिन पहले हो गई। पत्थरों से दबने से शरीर क्षतिग्रस्त हो गया। यह भूखी व प्यासी थी। यह मादा पैंथर वयस्क थी। एक बार खाने के बाद चार-पांच दिन रह सकती है।

डॉ. जावेद

22 जून को गुफा को बंद किए जाने की जानकारी मिली। इस दौरान वनपाल राकेश मालाकार के साथ गए। क्षेत्र में गश्त करने के लिए क्षेत्रीय वन अधिकारी से बात की थी। वनपाल को भी गश्त करने का आग्रह किया। इसके बाद बुधवार को पैंथर के मृत मिलने की जानकारी मिली। इस मामले में वनपाल को सूचना दी। इसके बावजूद देर रात तक वो नहीं पहुंचे, जबकि क्षेत्रीय वन अधिकारी व पुलिस मौके पर पहुंची। इसमें वन विभाग की लापरवाही रही है।

सुरेन्द्र सिंह, सरपंच, कानाखेड़ा

- कानाखेड़ा सरपंच सुरेन्द्र सिंह से सूचना मिली कि पैंथर का शव मिला है। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। गश्त करने में लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

नरेन्द्रसिंह शेखावत, सहायक वन संरक्षक, अजमेर रेंज

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