>>: निचली बस्तियां बचाने को ऊंची करवाई नालों की दीवार

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अजमेर. शहर की निचली बस्तियों में बरसात के दौरान पानी का भराव रोकने के लिए नालों की दीवारें ऊंची करवाई जा रही हैं। निगम ने इसी सप्ताह नालों की सफाई का ठेका दिया है। नालों की सफाई व मरम्मत के काम में गति नजर नहीं आ रही। शहर के छोटे-बड़े नालों को लेकर पोकलेन, जेसीबी मशीनों सहित करीब 200 से अधिक सफाईकर्मी लगाए गए हैं। लेकिन सभी नालों की बारिश पूर्व सफाई पर संशय है। कई जगह तो आनासागर एस्केप चैनल के बेसिन व दीवार मरम्मत का काम अधूरा है, जबकि मानसून आने को है।एस्केप चैनल की मरम्मत अधूरी

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एस्केप चैनल की मरम्मत के नाम पर कई करोड़ रुपए स्वीकृत कराए गए। पिछले दो-तीन सालों से इस पर काम किया जाता है जो बारिश के दौरान रोक दिया जाता है। इन दिनों तोपदड़ा रेलवे फाटक के पास एस्केप चैनल के बेसिन व दीवार निर्माण का काम चल रहा है।

पाल बीचला व धोबीघाट के पास कचरे से अटा नाला

पाल बीचला, धोबीघाट व आगे तक नाले की सफाई का कार्य पूर्व में ठेकेदार को दिए जाने के बावजूद सफाई व दीवार मरम्मत का कार्य नहीं किया गया। जिससे इस क्षेत्र में स्थिति विकट होना तय है।22 नालों की ऊंची की रिटेनिंग वॉल

निगम प्रशासन ने नालों से सटी निचली बस्तियों सेंटपॉल, गुर्जर धरती, नगरा, सहित रामगंज क्षेत्र व खानपुरा दौराई तक करीब 22 नालों को चिन्हित कर उनकी सुरक्षा दीवारों को दो से पांच फीट तक ऊंचा किया है। ताकि पानी का दबाव आने पर उफन कर बस्तियों में न जा सके। हालांकि कई जगह नालों की मरम्मत का काम फिलहाल जारी है।

शहर में नालों के हालात

बड़े नाले

एस्केप चैनल- 5 आनासागर से खानपुरा, काजी का नाला, वैशाली नगर छतरी योजना, अविनाश माहेश्वरी स्कूल के पास सांसी बस्ती भगवान गंज, पुलिस चौकी।

छोटे नाले - करीब 80 से 100

छोटी नालियां- 150

सफाई के साजो-सामान

पोकलेन मशीन- 2

जेसीबी- 10

डंपर ट्रैक्टर ट्रॉली- 50

कर्मचारी- 200.

इनका कहना हैठेका हाल ही में हुआ है। 30 जून तक काम पूरा कराने का लक्ष्य है। मानूसन पूर्व कार्य पूरा करवाने के प्रयास रहेंगे। सिविल लाइन, ब्रह्मपुरी के बड़े नाले में सफाई की भी जा चुकी है।

रूपाराम चौधरीसफाई प्रभारी, नगर निगम।

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