>>: Digest for July 05, 2021

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Table of Contents

नागौर. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आरओ का मीठा पानी पिलाने के नाम पर पिछले कुछ सालों में करोड़ों का खेल खेला गया है। अधिकारियों ने जनता के करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए, लेकिन पानी से फ्लोराइड नहीं निकाल पाए। सरकार ने पानी में घुले 'फ्लोराइड' को निकालकर ग्रामीणों को मीठा पानी देने की जो योजना बनाई, लेकिन अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते उसी योजना पर 'फ्लोराइड' जम गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कई अधिकारी और ठेकेदार सलाखों के पीछे जाएंगे।

गौरतलब है कि नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना के कार्य में हो रही देरी एवं जिले में फ्लोराइड की समस्या को देखते हुए जलदाय विभाग ने करीब सात साल पहले नागौर की विभिन्न पंचायत समितियों में करोड़ों रुपए खर्च कर आरओ प्लांट स्थापित लगवाने शुरू किए। ताकि ग्रामीण फ्लोराइड मुक्त मीठा पानी पी सकें। योजना के प्रथम चरण में जिले में 140 आरओ प्लांट स्थापित किए गए। जिसके लिए सरकार ने 28 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था, जिसके तहत नागौर उपखंड सहित, लाडनूं, डीडवाना, कुचामन, मकराना, खींवसर, जायल, मेड़ता, डेगाना, रियां के चयनित गावों में 140 प्लांट लगाए गए। यानी प्रति प्लांट 20 लाख रुपए का बजट दिया गया। इसके बाद वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने जिले के 92 गांवों में आरओ प्लांट लगाने के लिए और बजट जारी किया, जिसके बाद जिले में 232 आरओ प्लांट स्थापित हो गए। इसी प्रकार तृतीय व चतुर्थ चरण में 200 से अधिक प्लांट लगाने के कार्यादेश दिए गए, लेकिन एक कम्पनी ने काम पूरा नहीं किया। सूत्रों के अनुसार जिले में कुल 467 प्लांट स्थापित किए गए।

आंधी में उड़ा 20 लाख का प्लांट, अधिकारी अनजान
जिले में लगाए गए आरओ प्लांट से ग्रामीणों को मीठा पानी भले ही नहीं मिला, लेकिन जनता के लाखों रुपए बर्बाद कर दिए गए। अधिकारी ने कमिशन के चक्कर में उन स्थानों पर भी आरओ लगवा दिए, जहां नहरी पानी पहुंच चुका था। ऐसा ही एक मामला नागौर पंचायत समिति के पाडाण गांव में सामने आया है। पाडाण में जहां आरओ प्लांट लगाया गया है, उससे 100 मीटर नहरी परियोजना की वीटीसी है। यहां प्लांट लगाने से पहले नहरी पानी पहुंच गया था। गौर करने वाले बात यह है कि गत 5 जून को आए अंधड़ से पाडाण का पूरा प्लांट ही उड़ गया, जिसका मलबा अलाय कार्यालय में रखा गया है, बिजली का सामान चोर चुरा कर ले गए और ट्यूबवैल में किसी ने रेत और पत्थर भरकर बेकार कर दिया। इसी प्रकार धुंधवालों की ढाणी व खेराट के आरओ प्लांट भी लम्बे समय से बंद पड़े हैं, जबकि जलदाय विभाग के एसई का कहना है कि पूरे जिले में प्लांट को छोडकऱ सभी चालू हैं।

ग्रामीणों ने कार्ड ही नहीं बनवाए
सरकार की इस योजना के तहत आरओ प्लांट संचालन के लिए ठेकेदार कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं के एटीएम कार्ड बनाए जाने थे, जिसके तहत एक लीटर के बदले उपभोक्ता को प्रथम चरण में लगे प्लांट का 10 पैसे व द्वितीय चरण में लगे प्लांट के पानी के लिए 20 पैसे चार्ज देना था। लेकिन दुर्भाग्य रहा कि ग्रामीणों ने आरओ का पानी लेने के लिए एटीएम कार्ड ही नहीं बनाए। जिसके चलते कई गांवों में प्लांट लगा तो दिए, लेकिन चालू नहीं हो सके।

कोस्ट इतनी रखी कि शेष राशि लेने की जरूरत नहीं पड़ी
जानकारी के मुताबिक प्लांट लगाने वाली कम्पनी को 7 साल तक आरओ प्लांट की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। विभाग की शर्तों के अनुसार कम्पनी को 65 फीसदी भुगतान प्लांट का काम पूरा करने पर तथा शेष भुगतान आरओ प्लांट की उचित देखभाल करने तथा उपभोक्ताओं को पानी उपलब्ध कराने पर किश्तों में करने का प्रावधान रखा गया। साथ ही कम्पनी को 7 सालों में प्लांट पर होने वाला खर्च व बिजली का खर्च वहन करना था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बड़े स्तर पर खेले गए खेल में आरओ प्लांट की कोस्ट (लागत) इतनी अधिक रखी कि कम्पनी को शेष 35 प्रतिशत राशि लेने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी और उसने प्लांट्स देखभाल करना उचित नहीं समझा।

एक प्लांट खराब, बाकी सब ठीक
जिले में 450 से अधिक आरओ प्लांट लगे हुए हैं, उनमें से एक खराब है, बाकी सब चल रहे हैं। इसके अलावा एक फॉन्टस कम्पनी को हमने 62 आरओ प्लांट लगाने काम दिया था, लेकिन उसने काम पूरा नहीं किया और जो प्लांट लगाए, उनकी भी देखभाल नहीं की, जिस पर उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी राशि जब्त कर जुर्माना भी लगाया और डी-मार्क कर दिए। शेष रहे प्लांट को बनाने के लिए दूसरी कम्पनी को काम देने की प्रक्रिया चल रही है।
- जगदीशप्रसाद व्यास, जदलदाय विभाग, नागौर


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नागौर.डिस्कॉम की ओर से शनिवार को जिले में बिजली चोरों के खिलाफ चले सतर्कता अभियान में विभाग को एक दर्जन अवैध बिजली के ट्रांसफार्मर मिले। 37.44 लाख का जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही इस माह चले अभियान में अब तक एक करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी भी पकड़ी जा चुकी है। करीब दस घंटे तक चले इस अभियान में 169.95 लाख का जुर्माना बिजली चोरों पर लगाया गया। डिस्कॉम से मिली जानकारी के अनुसार बिजली चोरों को पकडऩे के लिए अधीक्षण अभियंता आर. बी. सिंह की ओर से पूरे वृत में क्षेत्रवार दलों का गठन कर उनको कार्रवाई के निर्देश दिए गए। टीम प्रभारी को प्रति घंटे के कार्रवाई की रिपोर्ट भी अधीक्षण अभियंता कार्यालय में देने के लिए कहा गया था। निर्देश मिलने के बाद गठित टीमें अलसुबह करीब पांच बजे अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्कता जांच के लिए रवाना हो गई। टीम की ओर से कुल 900 स्थानों पर संदेह के आधार पर जांच की गई। इसमेंं 230 जगहों पर बिजली चोर चोरी करते पकड़े गए। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग को कार्रवाई के दौरान 20 पोल की अवैध लाइन गिरानी पड़ी। इस दौरान कुछ जगहों पर आंशिक रूप से विरोध की स्थिति का भी सामना करना पड़ा। अधीक्षण अभियंता आर. बी. सिंह ने बताया कि खींवसर उपखण्ड के ग्राम आकला, बैराथल, लालावास, भावण्डा, मगरावास से एक-एक अवैध ट्रांसफॉर्मर और मुण्डवा उपखण्ड के ग्राम बलाया फिडोद से एक-एक और करणु से दो, पारासर से तीन बिजली के अवैध रूप से संचालित ट्रांसफार्मर मिले। कुल बारह ट्रांसफॉर्मर जब्त किए गए। यह सभी ट्रांसफार्मर झाडिय़ों आदि में छिपाकर रखे गए थे। इनको तलाश करने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस माह अब तक की कार्रवाइयों में 964 वीसीआर भरी जा चुकी है। सिंह ने बताया कि यह सतर्कता अभियान जारी रहेगा।

नागौर. कोरोना काल में अपनों को खो चुके परिवारों को संबंल प्रदान करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी स्वयं रविवार को उनके द्वार पहुंचे। कलक्टर ने इन परिवारों को ढांढ़स बंधाते हुए उन्हें आर्थिक सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए। सोनी ने मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अंतर्गत सहायता राशि के यह चेक रविवार को दो गांवों में जाकर कोरोना काल में विधवा हुई महिलाओं को प्रदान किए।

कलक्टर सोनी ने ग्राम गुड़ला में शारदा तथा सारणवास में बेतुल बानो, जिनके पति की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई थी, उन्हें मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि के चेक प्रदान किए। इन महिलाओं को एकमुश्त एक्सग्रेसिया राशि के अतिरिक्त 1500 रुपए की आजीवन मासिक पेंशन की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। इस बारे में भी कलक्टर ने कोरोना काल में विधवा हुई महिलाओं को पूर्ण जानकारी दी। इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामदयाल मांझू, तहसीलदार सुभाषचंद्र व जगदीश चांगल आदि मौजूद रहे। इसी प्रकार कलक्टर के निर्देश पर रविवार को जिले के उपखण्ड अधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत एकमुश्त एक्सग्रेसिया राशि के चेक विधवा महिलाओं को उनके घर जाकर सौंपे।

21 विधवा महिलाओं को सहायता राशि व पेंशन स्वीकृत
कलक्टर द्वारा कोरोना काल में विधवा हुई जिले की 21 महिलाओं को मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अन्तर्गत प्रत्येक महिला को एक-एक लाख रुपए की एकमुश्त एक्सग्रेसिया राशि एवं प्रत्येक महिला को 1500 रुपए की आजीवन मासिक पेंशन की स्वीकृतियां जारी की हैं। इसके तहत उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित ब्लॉक स्तरीय कमेटी की अभिशंसा पर उपखण्ड क्षेत्र डेगाना की एक, कुचामन की 5 महिलाओं, खींवसर की 4 महिलाओं, डीडवाना की 3 महिलाओं, रियांबड़ी की 4 महिलाओं तथा मेड़ता की 4 महिलाओं सहित कुल 21 महिलाओं को मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अन्तर्गत राशि स्वीकृत कर योजना से लाभान्वित किया गया।

नागौर. आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रविवार को कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा के साथ मिले प्रतिनिधि मंडल से वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गत 22 अप्रेल को बाड़मेर पुलिस द्वारा कमलेश प्रजापत नामक युवक के किए गए एनकांउटर प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।
सांसद ने अपने पत्र में कहा कि कुम्हार समाज के साथ सर्व समाज द्वारा किए गए आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने केंद्र को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। क्योंकि मामले के वीडियो फुटेज देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि मामला पूर्ण रूप से फर्जी है।

राज्य सरकार के मंत्री पर लगाए आरोप
सांसद बेनीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि राजस्थान सरकार के एक मंत्री और उसके परिजनों का नाम एनकांउटर करवाने में सामने आ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार की कोई एजेंसी ऐसे मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती और सीबीआई प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन है, ऐसे में सीबीआई जांच की स्वीकृति को लेकर कुम्हार समाज के साथ सर्व समाज को प्रधानमंत्री से अपेक्षाएं हैं। सांसद ने पत्र लिखने के बाद कहा कि जरूरत पड़ी तो आगामी लोक सभा सत्र में भी इस मामले को उठाया जाएगा।

नागौर. बेटियों की समृद्धि-खुशहाली में समाज का भविष्य टिका हुआ है। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर के पोस्टमास्टर सचिन किशोर शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर 51 दिवसीय सुकन्या समृद्धि योजना का अभिप्रेरणा शिविर में डाक विभाग की ओर से डाक विभाग द्वारा की ओर से हुए कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटियों का विकास ही सामाजिक एवं देश के विकास का आधार है। सुकन्या समृद्धि योजना बालिका विकास की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। अभिभावकों को अपनी बच्चियों एवं देश के लिए इसमें जागरुक रहने की जरूरत है। यही नहीं, योजना के तहत जुडऩे पर बालिका के अभिभावकों पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। इस दौरान पोस्टमास्टर जनरल ने सुकन्या खाता धारक बालिकाओं को पासबुक व उपहार वितरित किए। जोधपुर के सहायक निदेशक तरुण कुमार शर्मा ने योजना से जुड़े बिंदुओं पर प्रकाश डाला। संचालन उपडाकपाल महेश टांक ने किया। इस दौरान 151 बालिकाओं के खाते खोले गए।

जल संरक्षण का लिया संकल्प
नागौर. केंद्र सरकार की महती योजना जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के एक दिवसीय प्रशिक्षण में ग्राम पंचायत बाराणी के ग्राम रातड़ी में एक दिवसीय प्रशिक्षण व आमुखीकरण कार्यक्रम हुआ । इसमें अध्यक्षीय उद्बोधन में बाराणी सरपंच हरू देवी सारण ने समिति सदस्यों को टीमवर्क से काम करने व अधिक से अधिक लोगों को सहभागिता के लिए प्रेरित किया। जल बचत व जल संरक्षण के लिए संकल्प लिया गया। जिला एचआरडी सलाहकार डॉ. तेजवीर चौधरी ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2024 तक प्रत्येक घर में जल का कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने ग्राम जल एवं स्वछता समिति के दायित्व , भूमिका व जन सहयोग , बैंक खाता संधारण व कार्य की देख रेख व रखरखाव करना आदि की जानकारी दी। कृषक सेवा संस्थान , आई एस ए मेनेजर सहदेव ने परंपरागत जल स्त्रोतों का रखररवाव की जानकारी दी। पीएचईडी के कनिष्ठ अभियंता सत्यनारायण ने जल जीवन मिशन की तकनीकी पहलु पर जानकारी दी।

नागौर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी एवं इससे जुड़े लाभों से जुडऩे के लिए किसानों को अब अब प्रधानमंत्री फसल बीमा रथयात्रा उनके बीच पहुंचकर बताने का काम करेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ से काश्तकारों जोडऩे एवं जागरुक करने के लिए बीमा रथयात्रा गुरुवार को रवाना हुआ। रथयात्रा को हरी झण्डी उपखंड अधिकारी अमित चौधरी ने दिखाकर रवाना किया। इनके साथ कृषि अधिकारी शंकरराम सियाक, श्योपाल जाट भी थे। कृषि अधिकारी शंकरराम सियाक ने बताया कि किसानों को मूंग, मोठ, ज्वार, बाजरा, ग्वार, तिल, कपास, चवला एवं मूंगफली आदि खरीफ फसलों की बीमा योजना से जोडऩे का कार्य किया जाएगा। जिला कलक्टर के निर्देशानुसार रथयात्रा गांवों में किसानों को योजना की महत्ता के बारे में समझाने का काम करेगी।
बीमा रथ जिले की प्रत्येक तहसील मे एक जुलाई से 25 जुलाई तक संबधित तहसील के गावों मे भ्रमण कर क ृषको को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संबधित सम्पूर्ण जानकारी दी जायेगी। कृषको को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है , फसल बीमा कौन करवा सकता है, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित राशि, फसल बीमा के लिए कृषक द्वारा देय प्रिमियम राशि, बीमा मे शामिल जोखिमों , गैर ऋणी किसान द्वारा फसल बीमा लेने क े लिए जरूरी दस्तावेज, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क े तहत बीमा ईकाई , स्थानिक आपदाओ से फसल में नुकसान होने पर सूचना दर्ज करने की प्रक्रिया सहित बीमा संबधित सभी शंकाओ को समाधान किया जाएगा । इस मौक पर जिले मे योजना क्रियान्वन के लिए अधिकृत फसल बीमा कम्पनी रिलायन्स जनरल ईन्श्योरेस कम्पनी के जिला प्रबन्धक विराट कुमार एंव अभिलाषसिंह ने बताया कि खरीफ फसलो का ऋणी एवं गैर ऋणी किसान अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित कि गई फसलो का बीमा करवा कर योजना का लाभ उठा सकते है। अधिसूचित फसलो का बीमा करवान े की अन्तिम तिथि 31 जुलाई एवं ऋणी कृषको के लिए फसल बीमा योजना में फसल बदलन े की सूचना देने की अन्तिम तिथि 29 जुलाई है। योजना से बाहर होने की अन्तिम दिनांक 24 जुलाई होगी।
यह है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
कृषि विभाग के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की फसलों से जुड़े हुए जोखिमों की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई करने का काम करेगी। अचानक आए जोखिम या प्रतिकूल मौसम के चलते फसलों के नुकसान का आंकलन कर भरपाई होगी। बीमित क्षेत्र में कम वर्षा, प्रतिकूल मौसम के चलते बुवाई, रोपण आदि न हो पाना, सूखा, शुष्क स्थिति, बाढ़, जलप्लावन, कीटों के व्यापक प्रभाव, भूस्खलन, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि आदि से नुकसान होने पर फायदा मिलेगा। इसमें खरीफ मौसम के लिए दो प्रतिशत, रबी मौसम के लिए 1.5 प्रतिशत, व्यवसायिक और बागवानी फसलों के लिए बीमित राशि प्रीमियम दर पांच प्रतिशत रहेगी।

कुचलने से आठ महीने की मासूम सहित पति-पत्नी की मौत
टायर से कुचलने पर पत्नी व मासूम बेटी की मौके पर मौत
गम्भीर घायल पति का नागौर अस्पताल में दम टूटा



पुलिस के अनुसार रविवार शाम खजवाना चौराह पर तेज गति से जा रहे ट्रेलर ने मोटरसाइकिल को चपेट में ले लिया। जिससे मोटरसाइकिल पर सवार कुचेरा निवासी इन्द्रसिंह (30) पुत्र गुमान सिंह रावणा राजपूत गम्भीर घायल हो गया। उसकी पत्नी मुन्नीकंवर (28) व करीब आठ महीने की मासूम बेटी भावना को ट्रेलर ने बूरी तरह कुचल दिया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इन्द्रसिंह की भी देर रात मौत हो गई।

मासूम ने मां की गोद में
तोड़ दिया दम
जानकारी के अनुसार इन्द्रसिंह अपनी पत्नी मुन्नीकंवर व मासूम भावना को लेकर रविवार शाम मोटरसाइकिल से अपने ससुराल गारासनी जा रहा था। बाइपास पर खजवाना चौराहा पर चढते ही ट्रेलर ने उन्हें चपेट में ले लिया। हादसा इतना खतरनाक था कि युवती व मासूम भावना टायरों के चिपक गए। मासूम अपनी मां की गोद में ही थी। मासूम ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। ट्रेलर ने दोनों को बूरी तरह से कुचल दिया।

मौके पर उमड़ी भीड़
दुर्घटना की खबर सुनते ही मौके पर भारी भीड़ उमड़ गई। सहायक उप निरीक्षक महेश कुमार भी मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और घायल इन्द्रसिंह को पुलिस के वाहन से शहर के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे नागौर रैफर कर दिया गया। जिस पर निजी वाहन से उसे नागौर के जवाहर लाल नेहरू जिला अस्पताल पहुंचाया गया। मृतकों के शव स्वास्थ्य केन्द्र की मोर्चरी में रखवाए गए। सोमवार सुबह उनका पोस्टमार्टम होगा। पति इन्द्रसिंह ने देररात नागौर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।


-झूठे प्रेम के जाल में फंस रही है बालिकाएं, मरने-मारने तक पहुंच रही है बात
- पांच साल में 13 बालिकाओं का अब तक नहीं चला पता

-पोक्सो एक्ट के मामले भी बढ़े तो लड़कियों के घर से भागने के भी
ग्राउण्ड रिपोर्ट

संदीप पाण्डेय
नागौर. घर से दरबदर या फिर खून से तरबतर, कुछ ऐसा ही नजर आता है नागौर जिले में प्रेम कहानी का हश्र। गुढ़ा भगवान दास का वाकया कोई नया नहीं है। पिछले कुछ समय से मोहब्बत के नाम पर जान लेने-देने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मोहब्बत सच्ची होने का तो पता नहीं पर अनेक घरों की खुशियां बिखर कर रह गईं। कई घर से बाहर कर दिए गए तो कई घर न जाने की जिद पर बालिका सदन में ही ठहर गई। बाबुल का घर छोडऩे में नाबालिग बालिकाओं की संख्या यकायक काफी बढ़ी तो उनके अपहरण-शोषण के मामले भी खूब दर्ज हो रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार पिछले तीन साल में बालिकाओं की गुमशुदगी के मामले काफी सामने आए। कई बालिकाओं को महीनों बाद भी पुलिस दस्याब नहीं कर पाई। नाबालिग बालिकाओं की संख्या गुमशुदा बालकों से ज्यादा है। पिछले साल 93 बालिकाएं लापता हुईं जिनमें से 86 मिलीं, सात अब तक लापता हैं। पांच साल में 13 बालिकाओं का अब तक पता नहीं चला। वर्ष 2021 के शुरुआती छह महीनों में करीब तीन दर्जन बालिकाएं घर से निकल गईं। इनमें भी कई अभी तक दस्तयाब नहीं हो पाईं। कुछ दिन पूर्व महिला थाने में दर्ज मामले में नाबालिग प्रेमी जोड़ा ही लापता हो गया था, जिसे बाद में नोखा से दस्तयाब किया गया।
...कहीं हत्या तो कहीं आत्महत्या

नाबालिग पर प्रेम का भूत सवार हो जाता है। ऐसे में शातिर इश्कबाज किसी भी हालत में उसे पाने के लिए मरने-मारने पर भी उतारू हो जाते हैं। ऐसे कई मामलों में मोहब्बत को खून से रंग दिया। कुचामन इलाके में कुछ समय पहले लिचाणा के पास एक ढाणी में पिस्टल लेकर गए युवक ने पहले फायरिंग की फिर खुद को गोली मार ली। बताया जाता है कि यहां रहने वाली पंद्रह साल की नाबालिग से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। वो उसे ही भगाकर ले जाना चाहता था। ऐसा ही एक मामला दधवाड़ा में हुआ। युवक कथित प्रेमिका को अपने साथ पुणे ले जाना चाहता था। उसके इनकार करने पर दोनों ने साथ आत्महत्या करने की कोशिश की, युवक की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि उसकी प्रेमिका बाल-बाल बच गई। इसी तरह एक मामला रोल थाना इलाके का है, इसमें सगाई होने के बाद भी युवक ने हत्या कर दी। ऐसे ही कई मामलों में नासमझी के साथ जिद ने खुशियां उजाड़ दी।
प्रेम विवाह के नाम पर झांसा

सूत्र बताते हैं कि हाल ही परबतसर में ऐसा ही मामला सामने आया। बालिका किसी युवक के झांसे में आकर उसके साथ दिल्ली चली गई। कुछ दिन उसने साथ रखा, शादी का झांसा देकर शोषण करता रहा। बाद में पुलिस ने दस्तयाब किया तो बालिका ने युवक के खिलाफ अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज कराया। ऐसे ही एक मामले में बालिका को कई महीनों तक इधर-उधर घुमाकर शोषण करने वाला युवक फरार है। सूत्र बताते हैं कि अधिकांश नाबालिग झूठे प्रेमजाल में फंसकर घर से भाग रही हैं। न तो कानूनन इनका विवाह हो पाता है न ही शातिर युवक उन्हें पूरी तरह अपनाते हैं। ऐसे में वे ठगकर घर लौट आती हैं। कुछ दिन पहले ही कथित प्रेम विवाह करने वाली नाबालिग निकली मकराना की युवती ने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया है। मकराना इलाके की रहने वाली नाबालिग के प्रेम विवाह और उसके बाद हुए हंगामे ने अजमेर कलक्ट्रेट तक को हिला दिया था। 23 जून को वह बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुई तब भी माता-पिता के घर जाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद भी माता-पिता उसे लेने आए, तब भी उसका यही जवाब था। उसने कहा कि उसने प्रेम विवाह किया है। उसे नाबालिग बताना गलत है। इसी तरह के अनेक नाबालिग घर से दरबदर हो रही हैं।
हाईकोर्ट का आदेश, पुलिस दस्तयाबी में फेल

सूत्रों के अनुसार एक बालिका करीब सवा साल पहले घर से गायब हो गई। उसके किसी प्रेमी के साथ बाहर रहने की सूचना मिली। परिजनों ने बालिका को नाबालिग बताते हुए हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका दायर की। इस पर हाईकोर्ट ने बाल कल्याण समिति को आदेश दिए कि उसकी आयु का पुन: निर्धारण कर बताए। आठ महीने हो गए, समिति ने एडीजी, कलक्टर, एसपी समेत अन्य जिम्मेदारों को पत्र लिखे पर पुलिस अब तक उसकी दस्तयाबी नहीं कर पाई है।
हकीकत पर एक नजर

सूत्र बताते हैं कि अधिकांश मामलों में प्रेम विवाह के नाम पर मासूम बालिकाओं का शोषण किया जाता है। शादी करने और साथ रहकर जिंदगी बिताने की सब बातें बेमानी है। मोबाइल के बढ़ते चलन के साथ मोहब्बत की झूठी कहानी गढ़ी जा रही है। थानों में दर्ज पोक्सो मामलों पर नजर डालें तो ऐसा ही सबकुछ सामने आया। बालिका को प्रेमजाल में फंसाकर उसका शोषण करने वालों पर ये मामले दर्ज हैं। कुछ बालिकाओं के घर से निकलने के बाद नहीं मिलना कमोबेश यह साबित करता है कि पुलिस की पकड़ ढीली है।
इनका कहना है

आरोपी की पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ उसके बचपन में मिली प्रताडऩा/शोषण के साथ कई और कारण है जो अपराध के लिए बाध्य करते हैं। कुछ फिल्म से प्रभावित होकर तो कुछ नाकामयाबी के डर से खुद अथवा साथी को मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं।
-डॉ अखिलेश जैन, मनोचिकित्सक जयपुर

जरा सी नासमझी बालिकाओं के जीवन को गलत दिशा दे रही है। उनमें अच्छा-बुरा सोचने की क्षमता पैदा की जाए, परिवार की भी जिम्मेदारी है कि उनके असामान्य व्यवहार पर ध्यान दें। गलत कदम उठाने पर बालिकाएं घर से दरबदर हो जाती हैं, साथ ही समाज में भी पुर्नस्थापित होने में काफी परेशान होती हैं।
-मनोज सोनी, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति

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