>>Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment! |
You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself. |
Table of Contents
|
आरओ प्लांट लगाने में करोड़ों का खेल : ग्रामीणों को मीठा पानी पिलाने की योजना पर जमा 'फ्लोराइड' Sunday 04 July 2021 06:21 AM UTC+00 नागौर. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आरओ का मीठा पानी पिलाने के नाम पर पिछले कुछ सालों में करोड़ों का खेल खेला गया है। अधिकारियों ने जनता के करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए, लेकिन पानी से फ्लोराइड नहीं निकाल पाए। सरकार ने पानी में घुले 'फ्लोराइड' को निकालकर ग्रामीणों को मीठा पानी देने की जो योजना बनाई, लेकिन अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत के चलते उसी योजना पर 'फ्लोराइड' जम गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कई अधिकारी और ठेकेदार सलाखों के पीछे जाएंगे। गौरतलब है कि नागौर लिफ्ट कैनाल परियोजना के कार्य में हो रही देरी एवं जिले में फ्लोराइड की समस्या को देखते हुए जलदाय विभाग ने करीब सात साल पहले नागौर की विभिन्न पंचायत समितियों में करोड़ों रुपए खर्च कर आरओ प्लांट स्थापित लगवाने शुरू किए। ताकि ग्रामीण फ्लोराइड मुक्त मीठा पानी पी सकें। योजना के प्रथम चरण में जिले में 140 आरओ प्लांट स्थापित किए गए। जिसके लिए सरकार ने 28 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था, जिसके तहत नागौर उपखंड सहित, लाडनूं, डीडवाना, कुचामन, मकराना, खींवसर, जायल, मेड़ता, डेगाना, रियां के चयनित गावों में 140 प्लांट लगाए गए। यानी प्रति प्लांट 20 लाख रुपए का बजट दिया गया। इसके बाद वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने जिले के 92 गांवों में आरओ प्लांट लगाने के लिए और बजट जारी किया, जिसके बाद जिले में 232 आरओ प्लांट स्थापित हो गए। इसी प्रकार तृतीय व चतुर्थ चरण में 200 से अधिक प्लांट लगाने के कार्यादेश दिए गए, लेकिन एक कम्पनी ने काम पूरा नहीं किया। सूत्रों के अनुसार जिले में कुल 467 प्लांट स्थापित किए गए। आंधी में उड़ा 20 लाख का प्लांट, अधिकारी अनजान ग्रामीणों ने कार्ड ही नहीं बनवाए कोस्ट इतनी रखी कि शेष राशि लेने की जरूरत नहीं पड़ी एक प्लांट खराब, बाकी सब ठीक
|
Nagaur. बिजली चोरी करना इनको मंहगा पड़ा Sunday 04 July 2021 03:46 PM UTC+00 नागौर.डिस्कॉम की ओर से शनिवार को जिले में बिजली चोरों के खिलाफ चले सतर्कता अभियान में विभाग को एक दर्जन अवैध बिजली के ट्रांसफार्मर मिले। 37.44 लाख का जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही इस माह चले अभियान में अब तक एक करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी भी पकड़ी जा चुकी है। करीब दस घंटे तक चले इस अभियान में 169.95 लाख का जुर्माना बिजली चोरों पर लगाया गया। डिस्कॉम से मिली जानकारी के अनुसार बिजली चोरों को पकडऩे के लिए अधीक्षण अभियंता आर. बी. सिंह की ओर से पूरे वृत में क्षेत्रवार दलों का गठन कर उनको कार्रवाई के निर्देश दिए गए। टीम प्रभारी को प्रति घंटे के कार्रवाई की रिपोर्ट भी अधीक्षण अभियंता कार्यालय में देने के लिए कहा गया था। निर्देश मिलने के बाद गठित टीमें अलसुबह करीब पांच बजे अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्कता जांच के लिए रवाना हो गई। टीम की ओर से कुल 900 स्थानों पर संदेह के आधार पर जांच की गई। इसमेंं 230 जगहों पर बिजली चोर चोरी करते पकड़े गए। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विभाग को कार्रवाई के दौरान 20 पोल की अवैध लाइन गिरानी पड़ी। इस दौरान कुछ जगहों पर आंशिक रूप से विरोध की स्थिति का भी सामना करना पड़ा। अधीक्षण अभियंता आर. बी. सिंह ने बताया कि खींवसर उपखण्ड के ग्राम आकला, बैराथल, लालावास, भावण्डा, मगरावास से एक-एक अवैध ट्रांसफॉर्मर और मुण्डवा उपखण्ड के ग्राम बलाया फिडोद से एक-एक और करणु से दो, पारासर से तीन बिजली के अवैध रूप से संचालित ट्रांसफार्मर मिले। कुल बारह ट्रांसफॉर्मर जब्त किए गए। यह सभी ट्रांसफार्मर झाडिय़ों आदि में छिपाकर रखे गए थे। इनको तलाश करने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस माह अब तक की कार्रवाइयों में 964 वीसीआर भरी जा चुकी है। सिंह ने बताया कि यह सतर्कता अभियान जारी रहेगा। |
कलक्टर पहुंचे जरूरतमंदों के द्वार, प्रदान किए सहायता राशि के चेक Sunday 04 July 2021 03:48 PM UTC+00 नागौर. कोरोना काल में अपनों को खो चुके परिवारों को संबंल प्रदान करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी स्वयं रविवार को उनके द्वार पहुंचे। कलक्टर ने इन परिवारों को ढांढ़स बंधाते हुए उन्हें आर्थिक सहायता राशि के चेक भी प्रदान किए। सोनी ने मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अंतर्गत सहायता राशि के यह चेक रविवार को दो गांवों में जाकर कोरोना काल में विधवा हुई महिलाओं को प्रदान किए। कलक्टर सोनी ने ग्राम गुड़ला में शारदा तथा सारणवास में बेतुल बानो, जिनके पति की कोरोना के कारण मृत्यु हो गई थी, उन्हें मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि के चेक प्रदान किए। इन महिलाओं को एकमुश्त एक्सग्रेसिया राशि के अतिरिक्त 1500 रुपए की आजीवन मासिक पेंशन की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। इस बारे में भी कलक्टर ने कोरोना काल में विधवा हुई महिलाओं को पूर्ण जानकारी दी। इस मौके पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रामदयाल मांझू, तहसीलदार सुभाषचंद्र व जगदीश चांगल आदि मौजूद रहे। इसी प्रकार कलक्टर के निर्देश पर रविवार को जिले के उपखण्ड अधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत एकमुश्त एक्सग्रेसिया राशि के चेक विधवा महिलाओं को उनके घर जाकर सौंपे। 21 विधवा महिलाओं को सहायता राशि व पेंशन स्वीकृत |
Video : सांसद हनुमान बेनीवाल ने की कमलेश प्रजापत एनकाउंटर प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग Sunday 04 July 2021 04:05 PM UTC+00 नागौर. आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रविवार को कुम्हार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा के साथ मिले प्रतिनिधि मंडल से वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गत 22 अप्रेल को बाड़मेर पुलिस द्वारा कमलेश प्रजापत नामक युवक के किए गए एनकांउटर प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। राज्य सरकार के मंत्री पर लगाए आरोप |
बेटियों की समृद्धि-खुशहाली में देश का भविष्य Sunday 04 July 2021 04:06 PM UTC+00 नागौर. बेटियों की समृद्धि-खुशहाली में समाज का भविष्य टिका हुआ है। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर के पोस्टमास्टर सचिन किशोर शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर 51 दिवसीय सुकन्या समृद्धि योजना का अभिप्रेरणा शिविर में डाक विभाग की ओर से डाक विभाग द्वारा की ओर से हुए कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटियों का विकास ही सामाजिक एवं देश के विकास का आधार है। सुकन्या समृद्धि योजना बालिका विकास की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। अभिभावकों को अपनी बच्चियों एवं देश के लिए इसमें जागरुक रहने की जरूरत है। यही नहीं, योजना के तहत जुडऩे पर बालिका के अभिभावकों पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। इस दौरान पोस्टमास्टर जनरल ने सुकन्या खाता धारक बालिकाओं को पासबुक व उपहार वितरित किए। जोधपुर के सहायक निदेशक तरुण कुमार शर्मा ने योजना से जुड़े बिंदुओं पर प्रकाश डाला। संचालन उपडाकपाल महेश टांक ने किया। इस दौरान 151 बालिकाओं के खाते खोले गए। जल संरक्षण का लिया संकल्प |
काश्तकारों के बीच पहुंचकर उन्हें बताएंगे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ Sunday 04 July 2021 04:31 PM UTC+00 नागौर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जानकारी एवं इससे जुड़े लाभों से जुडऩे के लिए किसानों को अब अब प्रधानमंत्री फसल बीमा रथयात्रा उनके बीच पहुंचकर बताने का काम करेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ से काश्तकारों जोडऩे एवं जागरुक करने के लिए बीमा रथयात्रा गुरुवार को रवाना हुआ। रथयात्रा को हरी झण्डी उपखंड अधिकारी अमित चौधरी ने दिखाकर रवाना किया। इनके साथ कृषि अधिकारी शंकरराम सियाक, श्योपाल जाट भी थे। कृषि अधिकारी शंकरराम सियाक ने बताया कि किसानों को मूंग, मोठ, ज्वार, बाजरा, ग्वार, तिल, कपास, चवला एवं मूंगफली आदि खरीफ फसलों की बीमा योजना से जोडऩे का कार्य किया जाएगा। जिला कलक्टर के निर्देशानुसार रथयात्रा गांवों में किसानों को योजना की महत्ता के बारे में समझाने का काम करेगी। |
परिवार का काल बनकर आया ट्रेलर Sunday 04 July 2021 06:20 PM UTC+00 कुचलने से आठ महीने की मासूम सहित पति-पत्नी की मौत
मासूम ने मां की गोद में मौके पर उमड़ी भीड़ |
नाबालिग मोहब्बत का अंजाम घर से दरबदर या फिर खून से तरबतर Sunday 04 July 2021 06:39 PM UTC+00
-पोक्सो एक्ट के मामले भी बढ़े तो लड़कियों के घर से भागने के भी संदीप पाण्डेय सूत्रों के अनुसार पिछले तीन साल में बालिकाओं की गुमशुदगी के मामले काफी सामने आए। कई बालिकाओं को महीनों बाद भी पुलिस दस्याब नहीं कर पाई। नाबालिग बालिकाओं की संख्या गुमशुदा बालकों से ज्यादा है। पिछले साल 93 बालिकाएं लापता हुईं जिनमें से 86 मिलीं, सात अब तक लापता हैं। पांच साल में 13 बालिकाओं का अब तक पता नहीं चला। वर्ष 2021 के शुरुआती छह महीनों में करीब तीन दर्जन बालिकाएं घर से निकल गईं। इनमें भी कई अभी तक दस्तयाब नहीं हो पाईं। कुछ दिन पूर्व महिला थाने में दर्ज मामले में नाबालिग प्रेमी जोड़ा ही लापता हो गया था, जिसे बाद में नोखा से दस्तयाब किया गया। नाबालिग पर प्रेम का भूत सवार हो जाता है। ऐसे में शातिर इश्कबाज किसी भी हालत में उसे पाने के लिए मरने-मारने पर भी उतारू हो जाते हैं। ऐसे कई मामलों में मोहब्बत को खून से रंग दिया। कुचामन इलाके में कुछ समय पहले लिचाणा के पास एक ढाणी में पिस्टल लेकर गए युवक ने पहले फायरिंग की फिर खुद को गोली मार ली। बताया जाता है कि यहां रहने वाली पंद्रह साल की नाबालिग से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। वो उसे ही भगाकर ले जाना चाहता था। ऐसा ही एक मामला दधवाड़ा में हुआ। युवक कथित प्रेमिका को अपने साथ पुणे ले जाना चाहता था। उसके इनकार करने पर दोनों ने साथ आत्महत्या करने की कोशिश की, युवक की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि उसकी प्रेमिका बाल-बाल बच गई। इसी तरह एक मामला रोल थाना इलाके का है, इसमें सगाई होने के बाद भी युवक ने हत्या कर दी। ऐसे ही कई मामलों में नासमझी के साथ जिद ने खुशियां उजाड़ दी। सूत्र बताते हैं कि हाल ही परबतसर में ऐसा ही मामला सामने आया। बालिका किसी युवक के झांसे में आकर उसके साथ दिल्ली चली गई। कुछ दिन उसने साथ रखा, शादी का झांसा देकर शोषण करता रहा। बाद में पुलिस ने दस्तयाब किया तो बालिका ने युवक के खिलाफ अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज कराया। ऐसे ही एक मामले में बालिका को कई महीनों तक इधर-उधर घुमाकर शोषण करने वाला युवक फरार है। सूत्र बताते हैं कि अधिकांश नाबालिग झूठे प्रेमजाल में फंसकर घर से भाग रही हैं। न तो कानूनन इनका विवाह हो पाता है न ही शातिर युवक उन्हें पूरी तरह अपनाते हैं। ऐसे में वे ठगकर घर लौट आती हैं। कुछ दिन पहले ही कथित प्रेम विवाह करने वाली नाबालिग निकली मकराना की युवती ने अपने माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया है। मकराना इलाके की रहने वाली नाबालिग के प्रेम विवाह और उसके बाद हुए हंगामे ने अजमेर कलक्ट्रेट तक को हिला दिया था। 23 जून को वह बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश हुई तब भी माता-पिता के घर जाने से इनकार कर दिया था। उसके बाद भी माता-पिता उसे लेने आए, तब भी उसका यही जवाब था। उसने कहा कि उसने प्रेम विवाह किया है। उसे नाबालिग बताना गलत है। इसी तरह के अनेक नाबालिग घर से दरबदर हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार एक बालिका करीब सवा साल पहले घर से गायब हो गई। उसके किसी प्रेमी के साथ बाहर रहने की सूचना मिली। परिजनों ने बालिका को नाबालिग बताते हुए हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका दायर की। इस पर हाईकोर्ट ने बाल कल्याण समिति को आदेश दिए कि उसकी आयु का पुन: निर्धारण कर बताए। आठ महीने हो गए, समिति ने एडीजी, कलक्टर, एसपी समेत अन्य जिम्मेदारों को पत्र लिखे पर पुलिस अब तक उसकी दस्तयाबी नहीं कर पाई है। सूत्र बताते हैं कि अधिकांश मामलों में प्रेम विवाह के नाम पर मासूम बालिकाओं का शोषण किया जाता है। शादी करने और साथ रहकर जिंदगी बिताने की सब बातें बेमानी है। मोबाइल के बढ़ते चलन के साथ मोहब्बत की झूठी कहानी गढ़ी जा रही है। थानों में दर्ज पोक्सो मामलों पर नजर डालें तो ऐसा ही सबकुछ सामने आया। बालिका को प्रेमजाल में फंसाकर उसका शोषण करने वालों पर ये मामले दर्ज हैं। कुछ बालिकाओं के घर से निकलने के बाद नहीं मिलना कमोबेश यह साबित करता है कि पुलिस की पकड़ ढीली है। आरोपी की पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ उसके बचपन में मिली प्रताडऩा/शोषण के साथ कई और कारण है जो अपराध के लिए बाध्य करते हैं। कुछ फिल्म से प्रभावित होकर तो कुछ नाकामयाबी के डर से खुद अथवा साथी को मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं। जरा सी नासमझी बालिकाओं के जीवन को गलत दिशा दे रही है। उनमें अच्छा-बुरा सोचने की क्षमता पैदा की जाए, परिवार की भी जिम्मेदारी है कि उनके असामान्य व्यवहार पर ध्यान दें। गलत कदम उठाने पर बालिकाएं घर से दरबदर हो जाती हैं, साथ ही समाज में भी पुर्नस्थापित होने में काफी परेशान होती हैं। |
You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription. |