मिथक तोड़ कर रही रक्तदान
स्वैच्छिक रक्तदान कर बचा रहीं लोगों की जिंदगी
अलवर. महिलाएं अब रक्तदान कर लोगों की ङ्क्षजदगी बचाने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रही है। इसके लिए वे विभिन्न सामाजिक संगठन व निजी संस्थाओं से जुड़ कर जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही है।
रक्तदान के प्रति महिलाओं में क्रेज बढ़ा है। एक अनुमान के अनुसार पिछले 4 सालों में स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में करीब 10 प्रतिशत महिलाओं ने रक्तदान किया। जबकि आमतौर पर महिलाओं को लेकर धारणा रहती है कि उनमें खून की कमी रहती है। महिलाएं शारीरिक रूप से भी कमजोर रहती है। महिलाएं अब इस मिथक को तोड़ रही है।
विशेष अवसरो पर कर रही रक्तदान : कई महिलाएं खुद व बच्चों के जन्मदिवस, शादी की सालगिरह सहित खास अवसरों को यादगार बनाने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान कर रही हैं। इसके साथ ही अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित कर रही हैं।
शिविरों में महिलाएं रक्तदान को आ रहीं आगे
स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों में करीब 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं रक्तदान कर रही हैं। इसके साथ ही कुछ महिलाएं विभिन्न संगठनों से जुडकऱ रक्तदान में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
-डॉ. तरुण यादव, ब्लड बैंक प्रभारी, सामान्य अस्पताल