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Sunday 04 July 2021 01:00 PM UTC+00 नैनवां. पाईबालापुरा बांध में पानी नहीं होने से पाईबालापुरा पेयजल योजना के नलकूपों में पानी कम आने से नैनवां कस्बे में फिर जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ गई। कस्बे में 72 से 96 घंटों के बीच जलापूर्ति हो पा रही है। जलापूर्ति में सुधार के लिए जलदाय विभाग ने बांध के पेटे वाले नलकूपों में पानी गहरा जाने से पाइप बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। जलदाय विभाग के सूत्रों नेे बताया कि बांध में पानी रहता है तो नलकूपों से भरपूर पानी मिलता रहता है। एक तो बरसात कम होने और ऊपर से बांध में अतिक्रमण कर बोयी अवैध फसल करने वालों ने पीने के पानी से फसलों की सिंचाई कर बांध को मानसून आने से पहले ही सूखा दिया। बांध सूख जाने से स्थिति यह हो गई कि बांध पर लगे एक दर्जन नलकूपों का पानी रीत गया। बांध के पेटे में स्थित चार नलकूपों में ही पानी बचा है। इन नलकूपों में पाइप कम डले होने से इनमें भी पानी की कमी होती जा रही। नलकूपों का डिस्चार्ज बढ़ाने के लिए शनिवार को दो नलकूपों की पाइप बढ़ाकर गहराई तक उतारा है। एक नलकूप में 80 फीट व दूसरे नलकूप में 40 फीट पाइप डाले है। दो और नलकूपों में भी पाइप बढ़ाए जाने हैं। जुगाड़ केे पानी से हो रही जलापूर्ति जलदाय विभाग को जलापूर्ति के लिए पानी का जुगाड़ अलग-अलग तरीकों से करना पड़ रहा है। पेयजल योजना से मिलने वाले पानी के अलावा प्रतिदिन सौ टैंकरों से साढ़े चार लाख लीटर पानी पम्पहाउस में डाला जा रहा है। नगरपालिका के आवासन मंडल व बंजारा बस्ती के दो नलकूपों को अवाप्त कर उनका पानी भी जलापूर्ति में काम लिया जा रहा है। टोडापोल के दो नलकूपों से भी जलापूर्ति करने के बाद भी पानी का संकट घटने की बजाए बढ़ता जा रहा है। नलकूपों में पाइप बढ़ा रहे हैं पेयजल योजना के नलकूपों का पानी रीतता जा रहा है। बांध के पेटे वाले नलकूपों में भी पानी कम हो गया। नलकूपों का डिस्चार्ज बढ़ाने केे लिए शनिवार को दो नलकूपों में पाइप बढ़ा दिए है। पाइपों की व्यवस्था कर दो और नलकूपों में पाइप बढ़ाए जाएंगे। डीपी चौधरी, कनिष्ठ अभियंता, जलदाय विभाग |
Sunday 04 July 2021 01:04 PM UTC+00 करवर. क्षेत्र की खजूरी पंचायत मुख्यालय पर पानी की समस्या को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने करवर-देई सडक़ मार्ग पर अवरोधक लगाकर सडक़ जाम कर दी। ग्रामीण पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं तथा टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं होने पर ग्रामीण में रोष है। जानकारी के अनुसार पेयजल समस्या से त्रस्त ग्रामीण महिलाएं व पुरुष खाली बर्तन लेकर शनिवार सुबह करीब सात बजे करवर-देई सडक़ मार्ग पर पहुंच गए तथा खाली बर्तनों व अवरोधक लगाकर सडक़ मार्ग जाम कर दिया। हालांकि आवागमन ज्यादा नहीं होने से सडक़ के दोनों ओर इक्के दुक्के वाहन ही नजर आए। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पानी की समस्या बनी हुई है। समस्या के निस्तारण के लिए पानी के टैंकर भी स्वीकृत है, लेकिन फिर भी ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा है। समस्या से सरपंच को भी अवगत करा दिया, लेकिन फिर भी समस्या बनी हुई है। निजी व सरकारी नलकूपों का पानी रीत जाने से समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। बाद में सूचना पर करीब 3-4 घंटे बाद खजूरी सरपंच, नायब तहसीलदार रामराय मीणा व करवर थाना पुलिस मौके पर पहुंचे तथा समझाइश कर जाम खुलवाया। इधर सरपंच रेशम बाई मीणा ने बताया कि टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही है, लेकिन नलकूप की मोटर खराब हो जाने से 2-3 दिनों से टैंकर नहीं भर पा रहे है। जिससे व्यवस्था गड़बड़ा गई है। जल्द ही टैंकरों से सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। |
Sunday 04 July 2021 03:30 PM UTC+00 बरधा बांध से अवैध मिट्टी खनन पर एफआइआर दर्ज तालेड़ा थाना पुलिस की जांच में हुई अवैध खनन की पुष्टि जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता ने दी थी रिपोर्ट डेढ़ सौ साल पुराने सिंचाई के लिए बने बरधा बांध का मामला बूंदी. डेढ़ सौ साल पुराने सिंचाई के लिए बने बरधा बांध में अवैध तरीके से मिट्टी खनन मामले में तालेड़ा थाना पुलिस ने आपराधिक प्रकरण (एफआइआर) दर्ज कर लिया। यह प्रकरण जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर अज्ञात जनों के खिलाफ दर्ज किया। अब पुलिस जांच में मिट्टी खनन करने वालों के नाम सामने आ सकेंगे। जल संसाधन विभाग परियोजना खंड के सहायक अभियंता ललित मीणा ने तालेड़ा थानाधिकारी के नाम बरधा बांध की जमीन में अवैध मिट्टी खनन किए जाने की रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में बताया कि बरधा बांध मध्यम सिंचाई परियोजना है। जिसमें 23 गांवों की सिंचाई होती है। बांध के डूब क्षेत्र में कुछ अज्ञात जने मशीनों से, जिनमें जेसीबी और एलएनटी से गैर कानूनी तरीके से खनन कर रहे हैं। जिसको रोका जाना अत्यन्त आवश्यक है। विभाग के अभियंताओं के मना करने पर खनन कर रहे लोग धमकियां दे रहे हैं। मिट्टी खुदाई का काम लगातार जारी रखा जा रहा है। ऐसे में अवैध गैर कानूनी खनन को रुकवाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि विभागीय कर्मचारियों पर किसी प्रकार मारपीट की घटना ना घटे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विभागीय गाइड लाइन के अनुसार बांध के भराव क्षेत्र एमएब्ल्यूएल तक किसी प्रकार की खुदाई नहीं की जा सकती। 26 जून को थाने से जांच अधिकारी एएसआई दुर्गालाल गौतम, सहायक अभियंता ललित मीणा जांच के लिए बांध पर पहुंचे। जहां देखा गया तो बांध में अवैध तरीके से खोदी गई मिट्टी के जख्म बांध में स्पष्ट दिखाई दिए। बांध में गहरी खाइयां दिखाई पड़ी। जो मिट्टी निकालने से हुई। प्रारंभिक जांच में पुष्टि के बाद तालेड़ा थाना पुलिस ने प्रकरण को धारा 379 आइपीसी व 4/21 एमएसआरडी एक्ट का मानते हुए प्रकरण दर्ज कर लिया। इस मामले की जांच अब आगे उपनिरीक्षक लादूराम को सौंपी गई। तालेड़ा थाना अधिकारी महेश सिंह ने बताया कि बरधा बांध में अवैध खनन होने की पुष्टि होने पर विभाग के सहायक अभियंता की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर लिया। नामजद दे रखी रिपोर्ट जल प्रबंधन समिति के कोषाध्यक्ष दयाराम गुर्जर ने बताया कि इस मामले में ग्रामीणों ने भी तालेड़ा थाने और पुलिस अधीक्षक को नामजद रिपोर्ट दे रखी है। ग्रामीणों ने इस मामले में जल संसाधन एवं प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत की थी। ऐसे में पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करें। उन्होंने बताया कि बांध में विभाग का स्टाफ 24 घंटे कार्यरत रहने के बावजूद कैसे बांध की जमीन से सैकड़ों डम्पर मिट्टी खनन हो गया। खाई को मिट्टी से भरवाएं, रोके सीपेज किसानों ने बताया कि इस गहरी खाई से बांध में सीपेज नहीं बढ़े, इससे बचाने के लिए विभाग गहरी खाई को बारिश का पानी आने से पहले मिट्टी से भरवाएं। प्रभारी मंत्री मीणा ने दिए थे मुकदमे के आदेश बूंदी आए प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा के सामने सर्किट हाउस में भाजपा नेता जितेन्द्र सिंह हाड़ा एवं वरिष्ठ पार्षद रमेश हाड़ा ने यह मसला रखा था। दोनों नेताओं ने उन्हें पत्र सौंपने के साथ ही बांध से मिट्टी खनन के बाद पैदा हुए हालातों के फोटो दिखाकर अवगत कराया था। उन्हें बताया था कि आज भी बांध के बूंद-बंूद पानी से खेतों में सिंचाई होती है। यदि बांध मर गया तो किसान आत्महत्या को मजबूर हो जाएंगे। इसे प्रभारी मंत्री मीणा ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक शिवराज मीना को प्रकरण दर्ज किए जाने और जिला कलक्टर आशीष गुप्ता को पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे। इससे पहले मामला जिला परिषद की बैठक में भी जोरशोर से उठा था। |
Sunday 04 July 2021 03:34 PM UTC+00 सींता में आरओ प्लांट का पानी पीकर की जांच बूंदी. जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने शनिवार को सीन्ता एवं उलेड़ा में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत निर्मित सामुदायिक स्वच्छता कॉम्पलेक्स एवं आरओ प्लांट का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी। जिला कलक्टर ने सींता में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित सामुदायिक स्वच्छता कॉम्पलेक्स का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचालय का उपयोग साफ-सफाई के साथ हो। सफाई की व्यवस्था रखी जाए। नियमित रूप से इसका उपयोग हो और पानी की पर्याप्त व्यवस्था रहे। उन्होंने कॉम्पलेक्स में पानी की टंकी और हाथ धोने की व्यवस्था भी देखी। साथ ही ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन योजना के तहत करवाए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने यहां आरओ प्लांट का निरीक्षण भी किया। इसके बाद जिला कलक्टर ने उलेड़ा में आरओ प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आमजन को आरओ प्लांट की सुविधा का अधिकाधिक लाभ मिले।इस दौरान तहसीलदार लक्ष्मीनारायण प्रजापत, बूंदी विकास अधिकारी जगजीवन कौर, स्वच्छ भारत मिशन के जिला परियोजना समन्वयक निजामुद्दीन, ब्लॉक समन्वयक दुर्गाशंकर मीणा, जगदीश चन्द्र शर्मा आदि मौजूद रहे। |
Sunday 04 July 2021 03:37 PM UTC+00 लोगों के सहयोग से रामगढ़ को हरा-भरा करने में जुटे वनकर्मी बजट नहीं, लोगों से ही मांग रहे बीज बूंदी. रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को इन दिनों लोगों की मदद से हरा भरा करने की कवायद चल रही है। वनकर्मी ग्रामीणों से नीम की निमोली, खेर, बेर, गुगल के बीज मांग कर बीजारोपण कर रहे हैं। इससे बारिश के बाद इनके अंकुरित होने से जंगल में पौधों की संख्या बढ़ेगी। इसके लिए रामगढ़ रेंज व जैतपुर रेंज में कई हैक्टेयर भूमि पर इस तरह का कार्य किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि इसके लिए विभाग के पास कोई बजट नहीं हैं, लेकिन वनकर्मी अपने स्तर पर ही इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। 108 हैैक्टेयर में डाले बीज जैतपुर रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी धर्मराज गुर्जर ने बताया कि रेंज में करीब 108 हैक्टेयर भूमि पर निमोली के बीज डालने के साथ ही खेर, बेर, गुलर, बड़, पीपल, जामुन के पौधे लगाए गए हैं। इसमें निमोली, खेर, बेर के बीज 100 हैक्टेयर में डाले गए हैं। वहीं जूलीफ्लोरा हटाने के बाद खाली हुई जमीन पर पीपल, गुलर के पौधे 8 हैक्टेयर में लगाए गए हैं। वहीं बजालिया ग्रासलैण्ड में 40 जामुन के पौधे, 6 बड़, गुलर और पीपल के पौधे लगाए गए हैं। यह कार्य वन्यजीवों के लिए फू्रट की उपलब्धता के लिए किए गए हैं। इसके लिए स्टाफ की ओर से ही श्रमदान किया जा रहा है। ग्रामीणों से मंगवाई निमोली इधर, रामगढ़ रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी रामप्रसाद बोयत ने बताया कि रेंज के गुमानबावड़ी, भैरुपुरा आंतरी, आकोदा वनखण्ड में रामेश्वर महादेव तक बीज डाले गए हैं। इसके लिए ग्रामीणों से नीम की निमोली मंगवाई गई और ग्रामीणों के साथ मिलकर वनकर्मियों ने सभी जगह पर इन्हें डाला है। बीज सूखे हुए हैं, ऐसे में बारिश नहीं होने तक इनको कोई नुकसान भी नहीं होगा। बारिश होने के बाद इनका अंकुरण होना शुरू हो जाएगा। |
Sunday 04 July 2021 03:40 PM UTC+00 मानसून की बेरुखी ने अटकाई बुवाई, किसानों में मायूसी धान की रोपाई अटकी, सोयाबीन की बुवाई करने वाले किसान रुके खेतों में नष्ट होने लगा अंकुरित बीच बूंदी. मानसून की बेरुखी ने भूमिपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी। कई किसानों ने मानसून पूर्व की बारिश में बुवाई कर दी थी, जिस बीज के अब खराब होने की आशंका पैदा हो गई। जबकि बड़ी संख्या में किसान बारिश के बाद बुवाई का इंतजार कर रहे हैं। धान की रोपाई भी आधी-अधूरी अटकी हुई है। असिंचित क्षेत्र के बांधों में पानी नहीं आने से किसान असमंजस में हैं कि कौनसी फसल की बुवाई करें। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी जिले में धान 155 हैक्टेयर में रोपा गया है। जबकि 22 हैक्टेयर में मक्का, 40 हैक्टेयर में उड़द, 45 हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई है। हालांकि कृषि विभाग ने अभी बारिश नहीं आने से खेतों में नुकसान की बात नहीं मानी है। पर मानसून की अधिक देरी पर चिंता बढऩे की बात कही है। अंकुरित होने से पहले खेतों में नष्ट होने लगा बीज कापरेन. बरसात नहीं होने से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई। बीते एक सप्ताह पहले हुई बरसात के बाद कई गांवों में किसानों ने अच्छी बरसात की उम्मीद को लेकर सोयाबीन की बुवाई कर दी। कई जगहों पर धान की रोपाई शुरू कर दी, लेकिन बुवाई के बाद से अब तक बरसात नहीं होने से पर्याप्त नमी के अभाव में खेतों में अंकुरित होने से पहले ही महंगे दामों पर खरीदा गया बीज नष्ट होने लग गया। आजन्दा, कोडक्या, बोयाखेड़ा, चरडाना, अरडाना, बाझड़ली, बलदेवपुरा आदि गांवों में बारिश के बाद 90 फीसदी बुवाई का काम पूरा हो चुका। कापरेन, बलकासा, अड़ीला, बालोद गांवों में बारिश के अभाव में अभी बुवाई शुरू नहीं हुई। किसान सत्यनारायण, जुगराज सिंह, रामदयाल मीणा, कालू लाल मीणा ने बताया कि सोयाबीन का बीज 10 हजार से 16 हजार रुपये प्रति क्विंटल में खरीदा था। बारिश छका रही, इंतजार हो रहा लंबा नोताडा. क्षेत्र में 25 जून के बाद से ही बारिश नहीं होने की वजह से अब किसानों को बुवाई रुकने और बोए गए बीज के नष्ट होने की चिंता सताने लग गई। किसान रामसिंह चौधरी, मुकेश बोहरा ने बताया कि सात दिन पहले हुई बारिश में लगभग 50 प्रतिशत किसानों ने बुवाई कर दी। कुछ किसान बीज तैयार करके उराई करने में बैठे थे, लेकिन अब बारिश के आसार नहीं आने से चिंतित होने लगे। पांच दिन पहले बोया गया सोयाबीन अंकुरित हो चुका, लेकिन तापमान अधिक होने से खेतों में ही नष्ट होने लग गया। गर्मी अधिक होने से कीट प्रकोप भी लगता दिखाई देने लग गया। किसान कर रहे हैं तेज बारिश का इंतजार हिण्डोली. जून माह के आखिरी में बारिश नहीं होने से क्षेत्र में सूखे पड़े बांध तालाबों के चलते भू-जलस्तर गहराने लग गया। गुढ़ाबांध, गोठड़ा, रुणिजा, रामसागर, बाक्या, मेंडी, फूलसागर, शंभू सागर, बसोली, बासनी, पेच की बावड़ी, रूण का खाल, नारायणपुर बांध में अब तक आवक नहीं हुई। बांधों में पानी नहीं होने से आस-पास के किसानों की चिंता बढ़ गई। किसानों ने इन दिनों खेतों में कर रखी सब्जियों की फसल के भी नष्ट होने के आसार पैदा हो गए। |
Sunday 04 July 2021 03:42 PM UTC+00 उप स्वास्थ्य केन्द्र पर पांच वर्षों से जड़ा है ताला बड़ाखेड़ा. सखावदा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले भांड ग्वार में बने उप स्वास्थ्य केन्द्र पर गत वर्षों से ताला जड़ हुआ है। ग्रामीण उप स्वास्थ्य केन्द्र का ताला खुलने के इंतजार में है। ग्रामीणों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। इलाज के लिए उन्हें करीब 7 किमी दूर लाखेरी आना पड़ता है। ग्रामीणों के अनुसार उप स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम नहीं है। यहां कार्यरत एएनएम को लाखेरी अस्पताल में लगा रखा है। ग्रामीण हनुमान गुर्जर, धनराज ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को बरसात के समय होती है, जब उपचार के लिए गांव से बाहर लेकर जाना पड़ता है। यही नहीं कोरोना के दौर में भी उपस्वास्थ केन्द्र का ताला नहीं खुला। उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं खुलने से ग्रामीणों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है या लाखेरी जाना पड़ता है। कोरोना संक्रमण के दौर में भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। धनराज गुर्जर, ग्रामीण भांड ग्वार गांव के उप स्वास्थ्य केन्द्र को लेकर कई बार सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। वहीं क्षेत्रीय विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल को भी इस समस्या से अवगत करवाया है। राजेश कुमार मीणा, सरपंच ग्राम सखावदा एक कंपाउंडर के भरोसे आयुर्वेद चिकित्सालय चिकित्सक की मौत के बाद से पद रिक्त हिण्डोली. कस्बे के ग्राम पंचायत कार्यालय के सामने स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय एक माह से कंपाउंडर के भरोसे संचालित हो रहा है। कस्बे के आयुर्वेद चिकित्सालय में कार्यरत आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी की गत माह सडक़ दुर्घटना में मौत हुई थी। उसके बाद से ही यहां पर पद रिक्त चल रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सालय में आने वाले रोगियों को कंपाउंडर के भरोसे ही उपचार करवाना पड़ता है। वर्तमान में कार्यरत कंपाउंडर बाबूलाल मीणा अकेले ही रहने से काम में परेशानी होती है। यहां पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं है। ऐसे में कई बार कंपाउंडर अवकाश पर जाने पर यहां पर ताले लग जाते हैं। |
Sunday 04 July 2021 03:44 PM UTC+00 तालाब से निकाल रहे मिट्टी लबान. कस्बे पर स्थित तालाब में अवैध खनन कर उसका स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि मेगा हाइवे एवं गांव से सटा वर्षों पुराना एकमात्र तालाब पर अतिक्रमण हो रहा है। वहीं तालाब से अवैध मिट्टी निकालने से गहरे गड्ढे हो गए हैं। लबान सरपंच बुद्धि प्रकाश मीणा ने बताया कि तालाब की खुदाई एवं साफ सफाई के लिए ठेकेदार ने मिट्टी उठाई थी। ठेकेदार ने कोई जगह गहरे गड्ढे बना दिए हैं। उनपर यहां पड़ी काली मिट्टी भरवा कर समतल कर दिया जाएगा। मेज नदी से निकाल रहे बजरी, कर रहे डम्प बूंदी. झालीजी का बराना-गेण्डोली क्षेत्र में आने वाली मेज नदी में बजरी खनन थम नहीं रहा। एडवोकेट अंचल राठौर ने बताया कि यहां नदी से बजरी निकालकर मेणोली के निकट डम्प कर रहे हैं। बाद में इस जगह से शहरों और कस्बों में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर ले जा रहे। बजरी माफिया नदी से रातभर अवैध तरीके से बजरी निकाल रहे हैं, जिससे नदी में गहरी खाइयां हो गई। नदी का स्वरूप बिगड़ गया। यहां बजरी के वाहनों को लग्जरी गाडिय़ा एसकॉर्ट करके निकाल रही, ताकि कोई रोके नहीं। इस बात की जानकारी गेण्डोली थाना पुलिस को होने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर रहे। उन्होंने बताया कि यहां ठेकेदारों के दबदबे के आगे कोई नहीं बोलता। जो बोलते हैं उन्हें भी वह कुछ दिनों में ही अपने पाले में शामिल कर लेते हैं। राठौर ने बताया कि बीते दिनों में बूंदी दौरे के दौरान स्वयं प्रभारी मंत्री ने स्वीकारा था नायब तहसीलदार और तहसीलदार ईमानदार नहीं हो सकते। दो प्रतिशत से लेते ही हैं। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली से निकाल रहे हैं बजरी हिण्डोली. हिण्डोली क्षेत्र में सूखी पड़ी मेज नदी में इन दिनों लोग बड़ी मात्रा में बजरी का अवैध खनन कर रहे हैं, तो कई लोग स्टॉक कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार कुछ समय से मेज नदी सूखी पड़ी हुई है। ऐसे में बजरी खननकर्ताओं ने यहां खनन शुरू कर दिया है। सुबह से शाम तक यहां पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली में लोग बजरी भरकर कई गांव में ले जा रहे हैं। अवैध खनन से नदी का स्वरूप भी बिगडऩे की संभावना है। नदी में बजरी खनन की जानकारी ली जाएगी व शीघ्र ही अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। केसरी सिंह, तहसीलदार, हिण्डोली |
Sunday 04 July 2021 03:47 PM UTC+00 खारा पानी पीने को मजबूर कस्बे के बाशिंदे सुवासा. सुवासा कस्बे के बाशिंदे लंबे समय से खारा पानी पीने को मजबूर है। कस्बे में जनता जल योजना की टंकी से जलापूर्ति होती है और इस टंकी को जिस बोरिंग से भरा जाता है, उसका पानी भी फ्लोराइड युक्त है। इतना ही नहीं टंकी का पानी भी घरों में पूरे दबाव से नहीं पहुंच रहा है। घरों की टंकियां बिना मोटर के नहीं भर पा रही है। ऐसे में ग्रामीणों को 15 साल पहले बनी 19 लाख रुपए की लागत से बनी जनता जल योजना का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है। ग्रामीण ओम प्रकाश भगवान राठौड़ जगदीश प्रजापति ने बताया कि गांव की आबादी पहले से काफी बढ़ गई है। जिस समय टंकी का निर्माण हुआ था। उस समय आबादी ढाई हजार से तीन हजार थी, जो अब बढकऱ चार हजार से पांच हजार हो गई है। गांव में आबादी के अनुसार एक बड़ी टंकी बोरिंग व बस स्टैंड पर आरओ प्लांट की आवश्यकता है। पुरानी बोरिंग का पानी ठीक नहीं होने से ग्रामीण इसे पीने में कम काम ले रहे। वहीं पुरानी टंकी भी जर्जर अवस्था में पहुंचने में है। खराब हो रहे सामान इस पानी से मटकियां कुछ ही दिन में खराब हो जाती है एवं कूलर की बॉडी एक दो महीने में खत्म हो जाती है। लोगों को फ्लोराइड युक्त पानी को पीने में कम और अन्य कार्य के लिए काम में लेना पड़ रहा है। सुवासा सरपंच प्रियंका गोस्वामी ने बताया गांव में बड़ी टंकी व बोरिंग लगाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया है। गांव की आबादी बढऩे से पुरानी टंकी छोटी पडऩे लग गई है। शीघ्र ही गांव में बड़ी टंकी बनाई जाएगी। घरों में व्यर्थ बह रहा पानी को रोका जाएगा। वर्तमान में टंकी को भरने में एक बोरिंग ही काम आ रहा है। दूसरा बोरिंग फेल हो चुका है। गांव में मीठे पानी का नया बोरिंग के लिए जगह की तलाश की जा रही है। ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा। |
Sunday 04 July 2021 03:49 PM UTC+00 संवरने लगी पुरखों की दी सौगात आजादी के बाद नैनवां के कनकसागर व नवलसागर की ली सुध नैनवां. पुरखों से सौगात में मिली पानी की इस धरोहर की आजादी के बाद पहली बार सुध ली तो कस्बे के दोनों रियासतकालीन तालाब कनकसागर व नवलसागर संवर गए। अब बारिश के बाद चार दशकों से सूखे का दंश झेल रहे नैनवां की दोनों तालाब लहरे लेने लगेंगे। पानी की आवकों व तालाब की भूमि पर कब्जों के साथ ही प्रशासन की उदासीनता से तालाब का पेटा बबूलों का जंगल बना हुआ था। सरोवरों को संवारने के चले कार्य के तहत तालाब के पेटे में उगे बबूल हटाने, पानी की आवक के परम्परागत रास्तों को खुलासा करने व तालाबों की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए नगरपालिका ने कदम उठाया। आगे यह कराया जाएगा नगरपालिका की अधिशासी अधिकारी महिमा डांगी ने बताया कि तालाबों की सफाई, पानी की आवक के रास्तों को खुलासा व तालाब की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। अब प्लानिंग तैयार करवाकर तालाबों का सौन्दर्यींकरण कराया जाएगा। पालों पर चौपाटी का निर्माण कराने के साथ ही प्लांटेशन तैयार करवाया जाएगा। खेल राजयमंत्री अशोक चांदना के निर्देश पर नवलसागर के सौन्दर्यीकरण के लिए पांच करोड़ का तकमीना तैयार किया जा चुका है। कनकसागर के सौन्दर्यीकरण का तकमीना तैयार करवाया जा रहा है। |
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