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शहर की भीड़ कहां गई

Thursday 08 June 2023 09:29 AM UTC+00

मिनी सचिवालय बनते ही शहर की आधी भीड़ घटी, नगर परिषद, यूआईटी के बाहर जाते ही जाम से मिलेगी मुक्ति
मिनी सचिवालय बनते ही शहर की आधी भीड़ घटी, नगर परिषद, यूआईटी के बाहर जाते ही जाम से मिलेगी मुक्ति

- जिला न्यायालय का भवन बनने के बाद कचहरी होगी शिफ्ट तो और मिलेगी राहत, यहां हर दिन आते हैं हजारों लोग
- नगर परिषद, यूआईटी, शिक्षा विभाग में भी हर दिन हजारों लोगों का आना-जाना, ये कार्यालय मुख्य सड़कों पर स्थापित

अलवर. मिनी सचिवालय के बनने ही सरकारी विभागों को नया ठोर मिल गया। साथ ही शहर में भीड़ करीब आधी रह गई। यानी कलक्ट्रेट एरिया में हर दिन लगने वाला जाम अब लगभग खत्म हो गया है। जिला न्यायालय का नया भवन बनते ही कचहरी वहां शिफ्ट होगी तो इससे और राहत मिलेगी। इससे शहर का एक हिस्सा जाम मुक्त होगा। अब दूसरी पहल की शहर को आवश्यकता हो रही है। जानकार कहते हैं कि नगर परिषद, नगर विकास न्यास (यूआईटी) व शिक्षा विभाग मुख्य मार्ग पर हैं। यदि इन्हें बाहरी एरिया में मिनी सचिवालय की तरह शिफ्ट कर दिया जाए तो इससे काफी हद तक शहर में जाम की समस्या दूर होगी। इसके लिए जिला प्रशासन को पहल करने की आवश्यकता है।

नगर परिषद चर्च रोड पर है। इसके चारों ओर मुख्य बाजार है। बाजार में हर दिन लाखों की भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा नगर परिषद आने वाले फरियादी भी सैकड़ों में हैं। वह वाहन लेकर आते हैं। इसके अलावा परिषद में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों की गाडि़यां भी यहां से निकलती हैं, जो जाम आदि लगाने में सहायक बनती हैं। क्योंकि यहां पहले से ही भीड़ है और वाहनों से और बढ रही है। इसी तरह यूआईटी भगत सिंह सर्किल के पास है। इसके दो कार्यालय हैं। आर्य नगर मार्ग पर जाम जैसे हालात रहते हैं। शहर के प्रमुख चौराहे पर यह भवन बना है। सेवानिवृत्त इंजीनियर सुरेश यादव कहते हैं कि यदि यूआईटी का भवन बाहर शिफ्ट होगा तो इससे मार्ग का चौड़ीकरण भी हो सकता है जो भविष्य की जरूरत है। शिक्षा विभाग भी इसके दूसरी ओर बना हुआ है। इस मार्ग पर भी वाहनों की भीड़ बढ़ रही है। विभाग में शिक्षा गाडि़यां लेकर पहुंचते हैं।

विभाग छोटे, जगह बहुत, इस जमीन का दूसरे प्रोजेक्ट में हो सकता उपयोग

यूआईटी ने मिनी सचिवालय निर्माण के लिए काफी मशक्कत की। उन्होंने पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग का बंगला, स्वास्थ्य विभाग का पुराना भवन आदि का ऑक्शन करके पैसे जुटाए थे। इसी तरह अन्य विभाग यहां शहर में संचालित हैं, जिनके पास स्टाफ कम है लेकिन कार्यालय का आकार कई गुना है जहां बड़े प्रोजेक्ट प्रशासन लांच कर सकता है। नंगली सर्किल पर सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, यातायात पुलिस, समग्र शिक्षा अभियान परियोजना कार्यालय काफी बड़े हैं। यदि इन्हें भी एक मिनी सचिवालय में शिफ्ट किया जाए तो प्रशासन के पास बड़ी जमीन कोष में शामिल होगी। हालांकि नए डीएम पुखराज सेन ने मिनी सचिवालय के निरीक्षण के दौरान संबंधित अफसरों को सचिवालय विस्तार की योजना बनाने के निर्देश दिए थे।


कुछ विभाग चल रहे किराये के भवनों पर
मिनी सचिवालय में करीब 30 विभाग शिफ्ट होने थे जो लगभग सभी आ गए। प्रशासन व पुलिस से जुड़े विभाग सर्वाधिक शामिल थे। डीआईजी स्टांप कार्यालय आना बाकी है। यहां करीब 250 रूम हैं, जिसमें करीब 15 रूम खाली बजाए जा रहे हैं जो रिकॉर्ड रखने से लेकर एक-दो विभागों को दिए जाने बाकी हैं। बाकी किराये पर चल रहे श्रम विभाग को कलक्ट्रेट में शिफ्ट किया जा रहा है। पोस्ट ऑफिस किराये के भवन में चल रहा है।

ये विभाग मिनी सचिवालय आए

- जिला प्रशासन
- पुलिस प्रशासन

- पंजीयन कार्यालय
- एसडीएम अलवर व तहसील कार्यालय

- निर्वाचन विभाग
- रसद विभाग

- सतर्कता विभाग
- कोषागार

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
नगर परिषद कार्यालय बाजार के बीच में है। ऐसे में कार्यालय खुली जगह में होना चाहिए। इसके लिए पहल करेंगे। इससे जाम आदि की नौबत जो आती है वह कम होगी।
- घनश्याम गुर्जर, सभापति, नगर परिषद

मिनी सचिवालय के बनने से फरियादी वहीं जाते हैं। कचहरी आदि नए भवन में शिफ्ट होने से शहर का एक हिस्सा जाम मुक्त होगा। इसी तरह बाकी बड़े विभागों को भी अन्य जगहों पर स्थापित करने के लिए प्रशासन पहल करे।

-- संजय शर्मा, शहर विधायक

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