>>: Digest for July 03, 2021

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Table of Contents

बूंदी. डॉक्टर्स डे के अवसर पर रेडक्रॉस की ओर से गुरुवार को रेडक्रॉस भवन में समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने की। विशिष्ट अतिथि नगर परिषद सभापति मधु नुवाल व पीएमओ डॉ.प्रभाकर विजय रहे।
इस अवसर पर जिला कलक्टर आशीष गुप्ता ने कहा कि चिकित्सक की जिम्मेदारी हमेशा ही बड़ी है, लेकिन कोरोना महामारी के दौर में जिले के चिकित्सकों एवं पूरे चिकित्सा तंत्र ने अपनी जिम्मेदारी से भी कई आगे बढकऱ काम किया। लोगों की जान बचाने में जी-जान से जुटे रहे। उन्होंने कहा कि जिले के समूचे चिकित्सा कर्मियों ने जुटकर जिले को महामारी की भयावह परिस्थितियों से बचाया। साथ ही आह्वान किया कि अभी खतरा टला नहीं हैं। ऐसे में अभी भी अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है।
इस मौके पर आइसीयू वार्ड में प्रतिमाह रेडक्रॉस की ओर से दिया जाने वाला 30 हजार रुपये का चेक रेडक्रॉस अध्यक्ष कलक्टर गुप्ता ने पीएमओ डॉ.विजय को सौंपा। साथ ही एक पेटी गाउन और एक पेटी साबुन की भी दी। सोसायटी की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 2 पेटी साबुन और एक पेटी गाउन दिए। सीएमएचओ डॉ. महेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना के दौरान चिकित्सकों ने पूरी निष्ठा के साथ कार्य किया एवं मरीजों के साथ परिजनों ने जैसा व्यवहार रखा।
शुरुआत में सोसायटी सचिव अशोक विजय ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान जिला चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक और सेवानिवृत्त चिकित्सकों का रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से अतिथियों ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान रेडक्रॉस सोसोयटी के धु्रव व्यास, अनिल शर्मा, राजेंद्र रावका, पुरुषोत्तम लाल पारीक, विमल भंडारी, गोपी गलानी, रवि शंकर गौतम, पूर्णिमा दीक्षित, किरण शर्मा, अनुकृति विजय, अंकिता अग्रवाल, श्यामलता शर्मा, लीला गोयल, नंदिनी विजय, इदरिश बोहरा, चंदन शर्मा आदि मौजूद रहे। समारोह का संचालन रेखा शर्मा ने किया।

यह चिकित्सक हुए सम्मानित
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महेन्द्र त्रिपाठी, वरिष्ठ सर्जन विभागाध्यक्ष प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ.प्रभाकर विजय, वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.पवन भारद्वाज, अनिल जांगिड़ एवं बी.एस. मीणा, आरसीएचओ. जे.पी. मीणा, डीपीएम अरविन्द त्रिपाठी, ब्लॉक सीएमएचओ रेडक्रॉस सदस्य पी.सी. मीणा, सेवा निवृत्त फिजीशियन डॉ.बी.एल. चौबीसा, सेवा निवृत्त नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ.लोकेश शर्मा, सेवा निवृत्त अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ.मधुसूदन शर्मा, सेवा निवृत्त वरिष्ठ सर्जन डॉ. सुरेश शर्मा, सेवा निवृत्त फिजीशियन रेडक्रॉस सदस्य डॉ.टी.सी. महावर, सेवा निवृत्त बालरोग विशेषज्ञ डॉ.वी.एन. माहेश्वरी, सेवा निवृत्त होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ.कैलाश चन्द्र शर्मा, सेवा निवृत्त आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.सतीश शर्मा को सम्मानित किया गया।

बूंदी. जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में गुरुवार को पंचकर्म ओटी की फिर से शुरुआत की गई। बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए संचालित विशेष इम्यूनिटी क्लिनिक के दूसरे चरण की भी यहां अतिथियों ने शुरुआत की।
कार्यक्रम में अतिथि सभापति मधु नुवाल, पुलिस अधीक्षक शिवराज मीना, सहायक पुलिस अधीक्षक कुंदन कंवरिया, आयुर्वेद उपनिदेशक डॉ.हेमंत शर्मा थे। अतिथियों ने पंचकर्म ओटी का निरीक्षण कर उपचाररत रोगियों से फीडबैक लिया। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी व पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ.सुनील कुशवाह ने पंचकर्म ओटी इम्यूनिटी क्लिनिक के बारे में जानकारी दी। अतिथियों ने पंचकर्म ओटी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों और भामाशाहों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान आरोग्य समिति के महेश पाटौदी, चंद्रप्रकाश सेठी, घनश्याम जोशी, असरार अली, डॉ.सरिता मीणा, पारुल सोनी, विजेंद्र मीणा, कम्पाउंडर हीरालाल बैरवा, तेजमल प्रजापत आदि मौजूद रहे।
केम्पस प्लेसमेंट 5 को :जिला रोजगार कार्यालय की ओर से एक दिवसीय केम्पस प्लेसमेंट ऑनलाइन, डिजीटल बूंदी में 5 जुलाई को होगा। शिविर में बाहरी प्रतिष्ठित कम्पनी बेरोजगार आशार्थियों का शिविर स्थल पर ही प्रारंभिक चयन करेगी।

40 वर्ष से कर रहे पट्टों का इंतजार, नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं भी
लाखेरी. नगरपालिका के बूंदी रोड के नजदीक गणेश नगर विस्तार योजना व गणेश पुरा बस्ती के दर्जनों बाशिंदों को लंबी अवधि से मकानों के पट्टे व मूलभूत सुविधाओं का बेसब्री से इंतजार है। राज्य सरकार द्वारा आगामी महिनों में प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू कर पट्टे जारी करने की घोषणा से यहां के रहने वालों को एक बार फिर पट्टे मिलने की आस बंधी है।
जानकारी के अनुसार नगरपालिका द्वारा 1980 के लगभग सुभाष नगर व गणेशपुरा में विकसित की गई गणेश नगर, गणेश नगर विस्तार योजना के नाम से आवासीय योजना तैयार की गई थी। यहां पर पालिका ने भूखण्ड भी नीलाम किए थे और लोगों ने मकान भी बनाए थे। बाद के वर्षों में भूमाफिया द्वारा नगरपालिका प्रशासन को धता बताकर अवैध भूखण्ड बेचे। जिससे पूरी योजनाओं का स्वरूप बिगड़ गया और वर्तमान में गणेश विस्तार योजना में करीब 150-200 मकान बिना पट्टों के हैं। यही स्थिति गणेशपुरा में है। यहां भी 100 मकान सरकारी सिवायचक भूमि पर बने हुए है। अधिकृत कॉलोनियां नहीं होने से पालिका प्रशासन यहां पर पर्याप्त मात्रा में विकास भी नहीं कर पा रहा। जिनसे इन लोगों को मूलभूत सुविधाओं का बेसब्री से इंतजार है। हर बार अभियान शुरू होने पर यहां के लोग पट्टे लेने के लिए पालिका पहुंचते हैं, लेकिन पर्याप्त तैयारी नहीं होने और मसलें का निपटारा राज्य सरकार के स्तर पर होने से यहां के बाशिंदे बिना पट्टों के रह जाते हैं।
कच्ची गलियां, पानी की निकासी भी नहीं
गणेशपुरा विस्तार योजना में अतिक्रमण कर मकान बनाने से पालिका प्रशासन यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलबध नहीं करवा पा रहा। जिससे बरसात के दौरान गलियों में कीचड़ हो जाता है और बस्ती के बीच में बरसाती नाला निकलने से बस्ती के लोग पानी उतरने का इंतजार करते रहते है। यहां के बाशिंदों का कहना है कि हमें पट्टे मिल जाए तो सडक़, नाली आदि की सुविधा भी मिलेगी।
यह कहते हैं जनप्रतिनिधि
गणेशपुरा की पार्षद मंजूलता सैनी व विस्तार योजना के पार्षद मुकेश कुमार मीणा ने बताया कि आगामी बोर्ड बैठक में वे इन बस्ती के बाशिंदों को पट्टे मिलने के मामले को उठाएंगे और प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भिजवाएंगे। इस संबंध में पालिका आशा शर्मा ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान से पूर्व बस्तियों का सर्वे करवा कर राज्य सरकार से पट्टे जारी करने की स्वीकृति प्राप्त करने के पूर्ण प्रयास किए जाएंगे।
यह है मामला
गणेश विस्तार योजना व गणेश नगर आवासीय योजना में करीब 250-300 मकान अतिक्रमण कर बने हुए हैं। कुछ मकान तो सरकारी सिवायचक व कुछ मकान पालिका की आवासीय योजना पर अतिक्रमण कर बने हुए हैं। अतिक्रमण नियमन कर पट्टे जारी करने की बात आने पर पालिका प्रशासन के अधिकारी योजना की भूमि बताकर पट्टा जारी नहीं करते।

ग्रामीणों ने बूंदी जिला कलक्ट्रेट में किया विरोध प्रदर्शन
रामगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में मांगे अधिकार, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
बूंदी. रामगढ़ टाइगर रिजर्व बनने के बाद प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने गुरुवार को बूंदी पहुंचकर कलक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीण नैनवां पंचायत समिति सदस्य शैतान सिंह मीना की अगुवाई में ग्रामीण जुलूस के रूप में पहुंचे। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा में आए गांवों के काश्तकारों के अधिकारों से रोक हटे। उन्होंने केसीसी व सहकारी ऋण, ग्रीन हाउस योजना का लाभ दिलाए। साथ ही पुश्तैनी जमीन पर मोबाइल टावर लगाने, कृषि भूमि पर बनाए गए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान का पट्टा, स्वयं की जमीन पर रोजगार स्थापित करने देने, गैर कृषि कार्य के लिए भूमि रूपान्तरण, क्रय-विक्रय पंजीयन व नामान्तरण खोलने आदि मांग रखी। किसानों ने बताया कि इन सभी पर रोक होने से उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही। ग्रामीणों ने बताया कि अब क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाए जाने से क्षेत्र में समस्याएं और बढ़ जाएंगी। ग्रामीणों ने पत्र में स्पष्ट किया कि वह टाइगर रिजर्व क्षेत्र के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राज्य सरकार मूलभूत सुविधाओं पर लगी रोक को हटाएं।
सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाए। ग्रामीणों ने स्टेट हाई-वे 34 जैतपुर-खटकड़ मार्ग को दुरुस्त करने की भी मांग रखी। उन्होंने बताया कि इस सडक़ की मंजूरी के बाद भी निर्माण नहीं हो रहा। उन्होंने टाइगर रिजर्व के लिए होने वाले कार्यों में क्षेत्र के युवाओं को पहली प्राथमिकता देने की भी मांग रखी। ग्रामीणों ने चेताया कि सरकार ने उनकी मांगों पर पन्द्रह दिवस में कोई गौर नहीं किया तो वह आंदोलन को मजबूर होंगे।

सर्वेक्षण की बांट जोह रहे पुरा सभ्यता के अवशेष
सीसोला में मिले प्राचीन सभ्यता के अवशेष, बनास संस्कृति से है साम्यता
इतिहासविदों के अनुसार करीब 1500 से 2000 वर्ष पुराने हैं अवशेष
जजावर. जिले के नैनवां उपखंड के सीसोला गांव में प्राचीन सभ्यता अवशेष मौजूद हैं। गांव के एक टीले पर मिले इन अवशेषों में पाषाण की गोल मुद्रा जैसी आकृतियां, छोटे शिवलिंग, धूप दान, मृदा पात्र समेत अन्य आकृतियां मिली हैं। हालांकि काल निर्धारण इनके सर्वेक्षण के बाद ही किया जाना संभव है। इतिहासविद् श्यामसुंदर शर्मा मानते हैं कि ये अवशेष कम से कम 1500 से 2 हजार वर्ष प्राचीन हैं।
ये अवशेष मिले
पाषाण से निर्मित गोल मुद्रा, अष्टकोणीय मुद्रा, छोटे शिवलिंग, धूप दान, काले व सलेटी मिट्टी के मृदापात्र, खिलौने जैसी आकृतियां प्राप्त हुई है। एक टीले पर प्राचीन परकोटा भी मौजूद है। साक्ष्यों के आधार पर यह गांव 18वीं शताब्दी में दोबारा बसा है।
आस्था को करती है उजागर
इतिहास के व्याख्याता हुकम चंद जैन के अनुसार, भारतीय संस्कृति में विभिन्न समाजों में मन्नत स्तूप स्थापित करने की परम्परा रही है। सीसोला में जो अवशेष मिले हैं, इनमें अधिकतर को पत्थर तराश कर बनाया है। यह देखने में मन्नत सामग्री लग रही है। नीमका थाना निवासी पुरातत्व विद् मदनलाल मीना भी इसका अध्ययन कर रहे हैं।
किया जा रहा है अध्ययन
जानकारी के अनुसार, 1998-1999 में पहली बार खुदाई में प्राचीन अवशेष का पता चला था। इन पर शोध करने वाले कोटा निवासी डॉ. अरविंद सक्सेना इन अवशेषों को हड़प्पाकालीन मानते हैं। डॉ.सक्सेना ने इन साक्ष्यों की जानकारी अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, जयपुर व कोटा में भी दी है। 2002 में इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन में डॉ. सक्सेना का सीसोला पर शोधपत्र पढकऱ पुरातत्वशास्त्री डॉ. सोनेवाना ने इस सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति के समकालीन बताया।
यह अवशेष कम से कम 1500 से 2 हजार वर्ष प्राचीन हैं। बनावट, आकार व कला के आधार पर ये बनास संस्कृति से मेल खाते हैं। दक्षिणी राजस्थान में इस सभ्यता का विस्तार रहा है। कार्बन डेटिंग प्रणाली से इनकी आयु का निर्धारण हो सकता है।
श्याम सुन्दर शर्मा, इतिहासविद्
यह जिस तरह से नजर आ रहे हैं, पूर्वमध्यकालीन लग रहे हैं। इनका तुलनात्मक अध्ययन करके ही आयु काल गणना की जा सकती है। जल्द इनका सर्वेक्षण करवाएंगे। नमाणा में ताम्र संस्कृति के अवशेष मिले हैं।
उमराव सिंह, वृत्त अधीक्षक, पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग

आबकारी विभाग के वृत निरीक्षक कार्यालय को मिला नया भवन
नैनवां. आबकारी विभाग के नैनवां वृत निरीक्षक को नया भवन मिल गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भवन का निर्माण कराकर आबकारी विभाग के सुपुर्द कर दिया। पुराना भवन क्षतिग्रस्त हो जाने से वृत निरीक्षक के कार्यालय के लिए आबकारी विभाग ने 79 लाख 24 हजार रुपए की राशि स्वीकृत कर पुराने भवन के स्थान पर ही नया भवन निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को उपलब्ध कराई थी। निर्माण विभाग ने पुराना भवन ध्वस्त कर 26 अगस्त 2019 को नया भवन निर्माण का कार्य शुरू करवाया था। भवन का निर्माण पूरा कराकर विभाग के सुपुर्द कर दिया। सार्वजनिक निमाण विभाग केे अधिशासी अभियंता बीएस कालोडिय़ा ने बताया कि स्वीकृत राशि में से 25 सौ वर्गगज में 51 लाख रुपए की राशि से भवन निर्माण पूरा हो गया। 51 लाख मेें से निर्माण पर 42 लाख 46 हजार रुपए व शेष राशि बिजली व अन्य सामानों की फिटिंग पर खर्च हुई है।
शेष रही राशि से दूसरी मंजिल पर भी होगा निर्माण
अधिशासी अभियंता ने बताया कि आबकारी विभाग ने भवन निर्माण के लिए निर्माण विभाग को उपलब्ध कराई राशि में से 51 लाख रुपए की राशि ही खर्च होने से अभी लगभग 28 लाख रुपए की राशि बकाया है। बकाया राशि से कार्यालय के ऊपर ही दूसरी मंजिल का भी निर्माण करवाया जाएगा। आबकारी विभाग ने शेष राशि से दूसरी मंजिल का भी निर्माण कराने का अनुशंसा पत्र भेज दिया है।

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