>>: Digest for July 03, 2021

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Table of Contents

डीडवाना (नागौर) . शहर की कुचामन रोड स्थित पदमानियां बास के पास एक मकान में गुरुवार की दोपहर चोरो ने दीनदहाड़े चोरी की वारदात को अंजाम दे दिया। अज्ञात चोर 14 लाख रुपए से ज्यादा के जेवरात व नकदी चुरा ले गए।

जानकारी के अनुसार यहां बने मकान में भागीरथ अग्रवाल अपनी पत्नी, दो पुत्र (प्रकाश अग्रवाल व दीपक अग्रवाल) के साथ रहता है। चोरी की वारदात को तब अंजाम दिया गया जबकि पत्नि सुजानगढ में आयोजित एक शादी समारोह में भाग लेने गई हुई थी, भागीरथ अग्रवाल शहर में ब्याही अपनी पुत्री ऊषा से मिलने गया हुआ था।

बड़ा भाई प्रकाश अग्रवाल निमोद स्थित कटर मशीन फेक्ट्री व छोटा भाई दीपक अग्रवाल छोटी छापरी स्थित अपनी ईमित्र की दुकान पर था। चोरी की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जानकारी जुटाते हुए अज्ञात चोरों की तलाश जारी कर दी है। पीडि़त भागीरथ अग्रवाल ने इस संबंध में पुलिस को लिखित शिकायत देते हुए बताया कि वो और उसका परिवार दोपहर डेढ बजे से शाम पांच बजे तक घर पर नही था। शाम को भागीरथ सबसे पहले अपने घर पहुंचा तो घर के मुख्य दरवाजे का ताला टुटा हुआ मिला।

अंदर जाकर देखा तो जगह-जगह सामान बिखरा हुआ था। एक अनुमान के अनुसार चोर द्वारा एक ही लोहे की राड जैसे हथियार से घर के मुख्य दरवाजे का ताला व अंदर छोटी-बड़ी अलमारियो को तोड़ा था। जानकारी के अनुसार अज्ञात चोर चार जोड़ी टॉपस, दो सोने के सूत, 3 जोड़ी चांदी के मंगल सुत्र, 2 जोड़ी सोने की चुड़ी, चांदी के सिक्के 10, चांदी के गिलास 2, चांदी का चौपड़ा 1, सोने का 2 तोले का हार, सोने की कंठी, लगभग 3 लाख 85 हजार रुपए की नकदी सहित अन्य सामान चुरा ले गये। नकदी व सोने चांदी के आभुषणों की अनुमानित कीमत लगभग सवा चौदह लाख रुपए आंकी जा सकती है।

भागीरथ अग्रवाल के पुत्र दीपक अग्रवाल ने बताया कि 3 लाख रुपए नागौरी गेट के पास से एक व्यक्ति से लेकर आये थे। दीपक ने बताया कि उक्त 3 लाख रुपए पड़ोस में रहने वाले पड़ोसी को देने थे। वो रुपए उनके (भागीरथ) के नही थे। पुलिस ने पीडि़त द्वारा दी गई रिर्पोट के आधार पर मामला दर्ज करते हुए जांच आरंभ कर दी है।

राधेश्‍याम शर्मा @ मेड़तासिटी (नागौर) . करीब ढाई साल तक कांस्टेबल सुखराम विधायक के गनमैन रहे, इस बीच रिश्ते ऐसे बन गए कि सुखराम विधायक को अपनी बहन मानने लगा। अब जब कांस्टेबल सुखराम की दुर्घटना में मौत हो गई तो विधायक ने अपने बहन होने का फर्ज निभाते हुए इनके परिवारों को सहारा दिया है।

कांस्टेबल की 2 पुत्रियों की शादी को लेकर विधायक दंपती दो तोला सोना व 51 हजार रुपए देने के लिए आगे आए हैं। दरअसल, विधायक इंदिरा देवी बावरी के यहां ढाई वर्ष गार्ड रहे सुखराम विगत फरवरी माह में चुनावी ड्यूटी में जाने के बाद गोटन थाने के लिए रिलिव हो गए।

इस दरम्यान विधायक परिवार के साथ सुखराम के रिश्ते एक तरह से पारिवारिक ही हो गए। विधायक बताती है कि सुखराम ने मुझे अपनी बहन मानकर सुरक्षा दी। सुखराम अपनी दो बेटियों की शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। अब जब वो इस दुनिया में नहीं है तो मेरा बतौर बहन फर्ज बनता है कि मैं सुखराम के बेटियों की शादी के लिए सहयोग करुं।

10-10 ग्राम के स्वर्ण आभूषण व 51 हजार देगी विधायक
विधायक इंदिरा देवी अब मृतक कांस्टेबल बावरी की पुत्रियों की आगामी महीनों में जब शादी होगी तब 10-10 ग्राम के स्वर्ण आभूषण तथा शादी खर्च के लिए 51 हजार रुपए का सहयोग करेगी। विधायक ने बताया कि अगर सुखराम इस दुनिया में होता तो उनके मन में यही रहता कि मैं मेरी पुत्रियों की शादी बड़े धूम-धाम से करुं। साथ ही परिवार को किसी तरह की कमी नहीं खले इसके लिए विधायक दंपती ने आगे आकर सहयोग करने का निर्णय किया है।


आईजी, एसपी ने जब चेक सौंपा, तब ही ठान ली - पुत्रियों के लिए कुछ करना है
दरअसल, मृत्यु के बाद सुखराम के अंतिम संस्कार के दौरान अजमेर रेंज आईजी एस. सेंगथिर और नागौर पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह ने मौके पर ही 1 लाख 11 हजार रुपए का मृतक की आश्रित पत्नी के नाम चेक दिया।

इस दौरान विधायक ने मृतक के बेटे सुरेंद्र की अनुकम्पा नौकरी की आईजी, एसपी से मांग की थी। जिस पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने उचित कार्रवाई कर अनुकम्पा नियुक्ति का आश्वासन दिया। आईजी और एसपी की ओर से चेक दिए जाने के दौरान ही विधायक इंदिरा देवी बावरी और उनके पति रेशल सिंह ने यह ठान ली थी कि गनमैन रहे मृतक सुखराम के पुत्रियों की शादी में सहयोग करना है।

राधेश्‍याम शर्मा @ मेड़तासिटी (नागौर) . करीब ढाई साल तक कांस्टेबल सुखराम विधायक के गनमैन रहे, इस बीच रिश्ते ऐसे बन गए कि सुखराम विधायक को अपनी बहन मानने लगा। अब जब कांस्टेबल सुखराम की दुर्घटना में मौत हो गई तो विधायक ने अपने बहन होने का फर्ज निभाते हुए इनके परिवारों को सहारा दिया है।

कांस्टेबल की 2 पुत्रियों की शादी को लेकर विधायक दंपती दो तोला सोना व 51 हजार रुपए देने के लिए आगे आए हैं। दरअसल, विधायक इंदिरा देवी बावरी के यहां ढाई वर्ष गार्ड रहे सुखराम विगत फरवरी माह में चुनावी ड्यूटी में जाने के बाद गोटन थाने के लिए रिलिव हो गए।

इस दरम्यान विधायक परिवार के साथ सुखराम के रिश्ते एक तरह से पारिवारिक ही हो गए। विधायक बताती है कि सुखराम ने मुझे अपनी बहन मानकर सुरक्षा दी। सुखराम अपनी दो बेटियों की शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। अब जब वो इस दुनिया में नहीं है तो मेरा बतौर बहन फर्ज बनता है कि मैं सुखराम के बेटियों की शादी के लिए सहयोग करुं।

10-10 ग्राम के स्वर्ण आभूषण व 51 हजार देगी विधायक
विधायक इंदिरा देवी अब मृतक कांस्टेबल बावरी की पुत्रियों की आगामी महीनों में जब शादी होगी तब 10-10 ग्राम के स्वर्ण आभूषण तथा शादी खर्च के लिए 51 हजार रुपए का सहयोग करेगी। विधायक ने बताया कि अगर सुखराम इस दुनिया में होता तो उनके मन में यही रहता कि मैं मेरी पुत्रियों की शादी बड़े धूम-धाम से करुं। साथ ही परिवार को किसी तरह की कमी नहीं खले इसके लिए विधायक दंपती ने आगे आकर सहयोग करने का निर्णय किया है।


आईजी, एसपी ने जब चेक सौंपा, तब ही ठान ली - पुत्रियों के लिए कुछ करना है
दरअसल, मृत्यु के बाद सुखराम के अंतिम संस्कार के दौरान अजमेर रेंज आईजी एस. सेंगथिर और नागौर पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह ने मौके पर ही 1 लाख 11 हजार रुपए का मृतक की आश्रित पत्नी के नाम चेक दिया।

इस दौरान विधायक ने मृतक के बेटे सुरेंद्र की अनुकम्पा नौकरी की आईजी, एसपी से मांग की थी। जिस पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने उचित कार्रवाई कर अनुकम्पा नियुक्ति का आश्वासन दिया। आईजी और एसपी की ओर से चेक दिए जाने के दौरान ही विधायक इंदिरा देवी बावरी और उनके पति रेशल सिंह ने यह ठान ली थी कि गनमैन रहे मृतक सुखराम के पुत्रियों की शादी में सहयोग करना है।

गच्छीपुरा (नागौर) . ग्राम हरनावा में गुरुवार रात अज्ञात चोरों ने तीन घरो में घुसकर जेवरात व नगदी पर हाथ साफ कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही सुबह गच्छीपुरा पुलिस ने मौके पर पंहुच कर जानकारी जुटाई और कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कर साक्ष्य जुटाए।


पीडि़ता करिश्मा पुत्री छोटुलाल प्रजापत ने पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया कि वह और उसकी दादी घर में सो रहे थे तो रात्रि में पिछवाडे़ से अज्ञात चोरों ने कमरे की खिडक़ी तोडक़र घुस गए और कमरे के अंदर से कुंडी लगाकर जेवरात व नगदी ले गए। इसी प्रकार पोकरराम पुत्र भीखाराम व कालुराम पुत्र भीखाराम के घर में चोरो नें घुस कर लाखों के माल पर हाथ साफ कर दिया।

रिपोर्ट के अनुसार तीनों घरों से दस लाख के सोने चांदी के आभूषण व चार लाख दस हजार रुपए नगद चोरी हो गए। थानाधिकारी देवीलाल विश्नोई ने नागौर से एसएफएल टीम बुलाई। टीम ने तीनों घरों से खिडक़ी तोडऩे के तरीके एवं मौके पर मिले पदचिह्नों सहित अन्य साक्ष्य जुटाए। जानकारी के अनुसार तीनों भाई मजदूरी के लिए पांच दिन पहले ही ईंचलकरणजी गए थे और अप्रेल में घर में शादी हुई थी। तीनों के जाने के बाद घरों में महिलाएं ही थी।

फिर वही तरीका
एक साल पहले अगस्त 2020 में चोर इसी गांव में दो घरों में खिडक़ी तोड़ कर लाखों के माल पर हाथ साफ कर गए थे। उसी तरह आस पास के कई गांवों में खिडक़ी तोड़ गैंग ने चोरियां की थी। जिस पर तत्कालीन थानाधिकारी अब्दुल रउफ ने कार्रवाई करते हुए टोंक मालपुरा से मोंग्या गैंग के कालु मोग्या को जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की। जिसने तीन चार चोरियां करना कबुल किया और खेड़ी लीला में हुई चोरी का पूरा माल बरामद कर आरोपी को जेल भेजा था। पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है। पुलिस वृत्ताधिकारी नन्दलाल सैनी ने पुलिस थाने में आकर आवश्यक जानकारी जुटाकर जल्द से जल्द चोरियों का खुलासा करने के लिए टीम गठित की।

-तेरह जिंदा कारतूस मिले, एक आरोपी पहले पाक जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था, दो हत्या के आरोपी

कोर्ट में पेश कर पांचों को चार दिन के रिमाण्ड पर लिया गया है। मामले की जांच सदर थाना प्रभारी को सौंपी गई है। बताया जाता है कि एसपी के निर्देशन में साइबर टीम पिछले कुछ दिनों से इन पर नजर रखे हुए थी।

नागौर एसपी अभिजीत सिंह ने बताया कि विभिन्न स्त्रोत के जरिए इन पांचों के डकैती की योजना बनाने की सूचना मिली। रात करीब ढाई बजे ये बदमाश नागौर के मेला मैदान पर थे। इस पर नागौर सीओ विनोद कुमार सीपा और कोतवाली सीआई बृजेंद्र सिंह ने दबिश दी। बदमाशों के पास हथियार होने से पुलिस सजग थी और उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। बदमाश किसी सर्राफा कारोबारी अथवा पेट्रोल पंप को निशाना बनाने का प्लान बना रहे थे। इस पर जब पुलिस को आता देखा तो वे भागने लगे, लेकिन पुलिस जवान चारों तरफ थे, इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

ये हुए गिरफ्तार
पुलिस की कार्रवाई में सुभाष (38) पुत्र हरिकिशन निवासी ईन्नाणा हाल अरावली वन विभाग के पीछे नागौर, पवन बेनीवाल (25) पुत्र निम्बाराम निवासी बरणगांव, दिनेश (25) पुत्र निम्बाराम निवासी बरणगांव थाना सदर नागौर, धर्मेन्द्र (26)पुत्र ईश्वरसिंह निवासी जैसलान थाना जसवतगढ नागौर और उम्मेदराम (22) पुत्र गणपतराम निवासी तिलवासनी थाना पीपाड़ सिटी जिला जोधपुर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनके पास से दो देसी पिस्टल मय 13 जिंदा कारतूस व दो मोटरसाइकिल जब्त की। मामला पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज किया गया, जबकि अनुसंधान सदर थानाधिकारी को सौंपा गया है।

हत्या समेत कई मामले

सूत्रों का कहना है कि जसवंतगढ़ के धर्मेन्द्र और पीपाड़ सिटी के उम्मेदराम पर हत्या का एक मामला चल रहा है। हत्या पादूकलां में वर्ष 2018 को हुई बताई। इसके अलावा अन्य आरोपियों पर भी अलग-अलग तरह के मामले दर्ज हैं।

जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है सुभाष

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन बदमाशों का सरगना सुभाष है। वर्ष 2014 में सुभाष को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने उठाया था। इसको मौलाना रमजान के साथ गिरफ्तार किया गया था। सुभाष तब समाज सुधार के नाम पर लोगों को गुमराह करता था। इन दोनों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया था। उस दौरान सुभाष बस्सी मोहल्ले में परचून की दुकान करता था। उसने वर्ष 2013 में खींवसर विधानसभा से चुनाव के लिए पर्चा भी दाखिल किया था।

इनका कहना है

पांचों को डकैती की योजना बनाते पकड़ा है। रिमाण्ड पर उनसे पूछताछ की जा रही है। कई और खुलासे होने की संभावना है।
-अभिजीत सिंह, एसपी नागौर

चिकित्सा विभाग के मेडिकल रिलीफ सोसायटी की तर्ज पर बनेगी पशुपालन मेडिकल रिलीफ सोसायटी
-इसके गठन की कवायद शुरू
-प्राम्भिक स्तर पर इसमे अध्यक्ष , सचिव व उपाध्यक्ष सहित कुल 10 लोग रहेंगे शामिल, प्रगतिशील पशुपालको को वरीयता देते हुए इसमे किया जाएगा शामिल
-पशुओं, चिकित्सालयों के विकास का करेगी काम

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के बजट अधिभाषण इसकी घोषणा की गई थी। मुख्यालय से इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी होने के बाद इसके गठन की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसमें नागौर पशुपालन विभाग एरिया के 68 अस्पतालों को शामिल किया गया है।
पशु पालकों के लिए खुशखबरी है। अब जिले के अस्पतालों का कायाकल्प करने का काम अब राजस्थान पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी करेगी। समिति के गठन के लिए हालांकि गत 29 जून को जयपुर से ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए थे, लेकिन कोविड की वजह से इसमें आंशिक रूप से विलंब हो गया। अब उच्चाधिकारियों ने इसके जल्द ही गठन किए जाने के संकेत जिलों के संयुक्त चिकित्सा निदेशकों को दिए हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद विभाग की ओर से जिले में प्रथम श्रेणी पशु अस्पताल एवं पशु चिकित्सालयों को शामिल किया है। 15 प्रथम श्रेणी के अस्पताल एवं 52 पशु चिकित्सालयों में इस सोसायटी का गठन किया जाएगा।

समिति में यह रहेंगे शामिल
पशुपालन विभाग के अनुसार राजस्थान पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी में जिले व ब्लॉक स्तरीय श्रेणी रहेगी। जिला मुख्यालय में इसमें संयुक्त निदेशक अध्यक्ष, संबंधित अस्पताल के इंचार्ज इसके सचिव एवं क्षेत्रीय नोडल आफिसर इसमें उपाध्यक्ष का जिम्मा संभालेंगे। दो प्रगतिशील पशुपालक भी शामिल किए जाएंगे। इसमें भामाशाहों को भी शामिल किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि हालांकि इसमें प्रारंभिक स्तर पर कुल दस लोग शामिल किए जाएंगे, लेकिन सदस्यों की संख्या सीमित नहीं रहेगी। सोसायटी में और भी कई लोगों को शामिल किया जा सकता है। इसकी बैठकें आदि भी मेडिकल विभाग की तर्ज पर ही हुआ करेगी। यही व्यवस्थाएं ब्लॉकों के अस्पतालों में भी रहेगी।

जीर्ण चिकित्सालयों की भी लेगी सुध
पशुपालन विभाग के अनुसार इसमें यह सोसायटी संबंधित अस्पताल के विकास से जुड़े सभी कार्यों में अहम भूमिका निभाएगी। अस्पताल के विकास में भवन की खराब स्थिति, पशुओं के उपचार की बेहतर व्यवस्था सहित सभी कामों में अब सोसायटी भी बराबरी से भागीदारी करेगी। यही नहीं, अस्पतालों में आने वाली दवाओं एवं पशुओं की चिकित्सा से जुड़े सभी अहम विषयों पर अब सोसायटी की राय एवं इसके प्रस्तावों को भी प्रशासनिक प्रक्रिया में मानते हुए अमल में लाने का काम किया जाएगा। विभाग की ओर से इस संबंध में जिले के अस्पतालों में सभी इंचार्जों को दिशा-निर्देश जारी कर इसके जल्द गठन किए जाने के लिए कह दिया गया है। सोसायटी के गठन किए जाने की प्रक्रिया की शुरूआत होने के बाद अब पशु चिकित्सालयों की तस्वीर भी बदलने की उम्मीद जगी है।

इनका कहना है...
प्रथम श्रेणी अस्पताल एवं पशु चिकित्सालयों में राजस्थान पशु चिकित्सा रिलीफ सोसायटी के गठन किए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

जगदीश बड़बड़, संयुक्त निदेशक, पशुपालन नागौर

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