बनेठा. क्षेत्र में वर्षा काल के दौरान अच्छी वर्षा की उम्मीद से किसानों ने उड़द ,मूंग की खरीफ फसल की बुआई की थी, लेकिन इस वर्ष वर्षा की कमी से उड़द व मूंग की फसल में रोग लगने से कई जगह खेतों मे उगी हुई फसल 80 प्रतिशत से अधिक खराब हो चुकी हैं, जिससे किसानों को फसल की हकाई-बुवाई की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा हैं। अब कटाई के समय जब जिन खेतों में बहुत ज्यादा मात्रा में फसल में नुकसान दिखने लगा हैं वहां किसान या तो फसलों को मवेशियों को चरा रहे हैं या फिर सीधे ही ट्रैक्टर का पंजा चलाकर हकाई कर अगली फसल रबी के लिए खेतों को तैयार कर रहे हैं।ताकि उन्हें फसलों की कटाई का भी खर्च नहीं भोगना पड़े। रामफूल , सोराज ,खुशीराम , बन्नालाल , रामलाल ,जगदीश , श्योजीलाल सहित कई किसानों ने बताया कि ढिकोलिया ,मोहम्मदगढ़ ,गोठड़ा , मोखपुरा , रघुनाथपुरा ,खेलनिया विजयगढ़ सहित कई गांवों में उड़द व मूंग की दलहन फसलें येलो मोजेक लट व अन्य फसली रोग से ग्रसित होकर पीली पड़ जाने से खराब हो गई है। ऐसे में कई खेतों मे किसान इसमें से पैदावार निकलने की आस ही छोड़ कर खड़ी फसल में मवेशियों के हवाले कर दी है, वही कई किसान अगली फसल की आस में खड़ी फसल की जुताई करते नजर आ रहे है। गौरतलब हैं कि गत वर्ष भी अतिवृष्टि के कारण खरीफ की उड़द, मूंग सहित अन्य फसलें नष्ट हो गई थी। किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कई किसानों ने खरीफ फसल का बीमा करवा रखा हैं, लेकिन अभी बीमा कम्पनी ने सर्वे नहीं किया हैं। किसानों ने मुआवजा देने की मांग की है।
October 03, 2020 at 09:24AM