>>: ART--हुनर ने दिलाई पहचान, मिनिएचर आर्ट में यशस्वी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में

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जोधपुर।
कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता एक पत्थर तबीयत से उछालो तो सही। इन शब्दों को चरितार्थ कर रही है जोधपुर की यशस्वी सोनी। जिन्होंने अपनी मेहनत से अपने हुनर को एक नई पहचान दिलाई और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया। दुनियाभर में अपनी बनावट, कलाकृतियों से सुर्खियों में रहने वाला जोधपुर के 'ताजÓ उम्मेद भवन (छीतर पैलेस) को यशस्वी ने मेडिकल टेबलेट-कैप्सूल, बादाम, राजमा, पीपल के पेड़ का पत्ते, चावल, सेब, टीशर्ट सहित 12 अलग-अलग आधारों पर खूबसूरती व बारीकी से उकेरा। इनकी इस कला को बेहतरीन मानते हुए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम ने सराहा। मिनिएचर आर्ट में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान पाने वाली यशस्वी जोधपुर की पहली बालिका कलाकार है।
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7 साल की उम्र से लगा शौक
यशस्वी ने 7 साल की उम्र में चौथी क्लास में पढ़ाई के दौरान पेंटिंग, चित्रकारी शुरू की। बाद में, अपने पेंटिंग के शौक को जारी रखा और हर प्रकार की चित्रकारी करने लगी। यशस्वी कैलीग्राफी, वाटर कलर पेंटिंग, नेल आर्ट, फेस पेंटिंग, मिनिएचर पेंटिंग के अलावा प्रसिद्ध यूरोपियन एल्कोलिंक आर्ट में अपनी कला का प्रदर्शन किया है।
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इंटीरियर डिजाइन बनना है लक्ष्य
एसपीएस स्कूल से स्कूलिंग के बाद भी यशस्वी ने अपना शौक जारी रखा। अब वह अपना कॅरियर इसी क्षेत्र में बनाना चाहती है। यशस्वी नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग जोरहाट (आसाम) में पढ़ाई कर रही है और इंटीरियर डिजाइनर बनना चाहती है। यशस्वी के पिता महेश सोनी सुनारी का काम करते है, माता नीता गृहणी व छोटा भाई खुश पढ़ाई कर रहा है।

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