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राजसमंद. कोरोना महामारी की तीसरी लहर में जिले का चिकित्सा तंत्र दूसरी लहर के मुकाबले अब ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है। इस बार ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता, ऑक्सीजन बेड, कोविड केयर सेंटर, स्टॉफ, दवाएं और अन्य इंतजाम बेहतर हैं। सम्भावित हालात के मद्देनजर जिले के सरकारी अस्पताल व्यवस्थाओं को और ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। राज्य सरकार के अलावा अन्य कई निजी समूहों से भी मदद ली जा रही है।
इस बार जिले के दो सरकारी अस्पतालों में ही ऑक्सीजन की उत्पादन क्षमता पिछली बार के 78 सिलेण्डर के मुकाबले पांच गुना से ज्यादा बढ़कर 466 सिलेण्डर की हो जाएगी। इसके अलावा अस्पतालों में दूसरी लहर में 420 ऑक्सीजन बेड थे, जबकि इस बार दरीबा में दो और अस्पतालों में 450 बेड की क्षमता विकसित होने से यह आंकड़ा 900 के करीब हो जाएगा।

ऑक्सीजन प्लांट : नाथद्वारा-राजसमंद में 466 सिलेण्डर उत्पादन क्षमता ज्यादा
नाथद्वारा अस्पताल में 44 सिलेण्डर का प्लांट पहले से है। नगर पालिका की ओर से 100 सिलेण्डर का तैयार है और डीआरडीओ की ओर से 200 सिलेण्डर के प्लांट का ढांचा बन रहा है। कुल क्षमता 344 सिलेण्डर की हो जाएगी, जबकि दूसरी लहर में औसतन 180-200 सिलेण्डर प्रतिदिन की खपत थी। ऐसे में करीब 150 सिलेण्डर ऑक्सीजन अतिरिक्त उपलब्ध होगी। यहां बेड बढ़ाए जा सकेंगे, वहीं बॉटलिंग करके ऑक्सीजन आसपास के अस्पतालों में भी भेजी जा सकेगी। आरके जिला अस्पताल की 34 सिलेण्डर की उत्पादन क्षमता पहले से है, जबकि 100 सिलेण्डर क्षमता का प्लांट बन चुका है। 66 सिलेण्डर क्षमता का प्लांट एनएचएम से बना है। कुल 200 सिलेण्डर ऑक्सीजन प्रतिदिन बनेगी, जबकि यहां कोरोना के चरम पर होने की स्थिति में 300 सिलेण्डर प्रतिदिन की मांग थी।

ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर : 500 से ज्यादा का दान
जिलेभर में दूसरी लहर में मची तबाही को देखकर बड़ी संख्या में दानदाता और कई औद्योगिक समूह-संस्थाओं ने आगे आकर ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर भेंट किए थे। 25 ऑक्सीन कॉन्संट्रेटर नाथद्वारा तथा 40 अकेले राजसमंद अस्पताल में ही भेंट किए। जिलेभर के सरकारी अस्पतालों को ये उपकरण उपलब्ध कराए गए।

42 आईसीयू बेड और मांगे
नाथद्वारा अस्पताल के पीएमओ डॉ. कैलाशबिहारी भारद्वाज ने बताया कि मंदिर मण्डल से 30 और आईसीयू बेड की मांग की है, जिसमें 4 बेड एनआईसीयू के लिए, 11 पीआईसीयू के लिए और 15 बेड जनाना इकाई के लिए मांगे हैं। ऑक्सीजन बेड की क्षमता भी बढ़ाकर 100 तक की जा रही है।

दवाएं भी मंगवाईं
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जिला अस्पताल ने अभी से जरूरी दवाएं मंगवा ली हैं। राज्य सरकार को भेजी गई मांग पर दवाओं, जरूरी चिकित्सकीय सामग्री का स्टॉक भेज दिया गया है।

दरीबा में 450 बेड के दो अस्पताल तैयार
दूसरी लहर में जरूरत पडऩे पर आपातकालीन इंतजामों के तहत राज्य सरकार की ओर से मंजूर करीब पांच करोड़ रुपए खर्च कर प्रशासन ने दरीबा के डीएवी स्कूल में 350 ऑक्सीजन बेड का कोविड केयर सेंटर तैयार करवाया था। हालांकि इसका काम पूरा होने में निर्धारित समय सीमा पार हो गई थी और दूसरी लहर में कुछ खास मदद नहीं मिली, लेकिन अब जरूरत पड़ी तो यहां एकसाथ सैकड़ों रोगियों का इलाज हो सकेगा। इसके अलावा हिन्दुस्तान जिंक ने खुद एक 100 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल तैयार किया है।

41.48 फीसदी आबादी को लग चुकी पहली डोज
जिले में दूसरी लहर की शुरुआत के समय मार्च के अंत तक वैक्सीनेशन प्रोग्राम की गति धीमी थी, जो अप्रेल में कोरोना के पीक पर आने के दौरान और कम हो गई। जून में टीकाकरण अभियान वैक्सीन की उपलब्धता बढऩे पर फिर तेज हो गया है। जिले की करीब 12 लाख से ज्यादा जनसंख्या है, जिसमें 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के 8 लाख 11 हजार 803 लोग हैं, जिनमें से 3 लाख 36 हजार 725 को पहली डोज यानि 41.48 फीसदी तथा 79 हजार 435 लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। करीब 9.78 प्रतिशत लोग दोनों डोज लगवाकर पूरी तरह सुरक्षित हो चुके हैं।

मेडिकल स्टॉफ भी बढ़ा
जिलेभर के ग्रामीण अस्पतालों में 195 में से 156 डॉक्टर कार्यरत हैं, जबकि 39 विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी अब भी बनी हुई है। गत मई में आपातकालीन भर्ती के तहत 25 मेडिकल ऑफिसरों के खाली पदों के विरुद्ध भर्ती कर 21 के ऑर्डर जारी किए, जिनमें से 18 ने ड्यूटी ज्वॉइन की थी। इसके अलावा राजसमंद जिला अस्पताल और नाथद्वारा सामान्य चिकित्सालयों में 70 प्रतिशत डॉक्टर्स के पद भरे हुए हैं।

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८११८०३ लोगों का है टीकाकरण का लक्ष्य
३३६७२५ लोगों को दी जा चुकी है पहली डोज
७९४३५ लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी
9.78 प्रतिशत लोग दोनों डोज लगवाकर पूरी तरह सुरक्षित हैं
450 के दो नए अस्थायी अस्पताल और हैं तैयार
544 सिलेण्डर कुल उत्पादन क्षमता हो जाएगी अस्पतालों में

राजसमंद/नाथद्वारा. कांकरोली के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में दो माह बाद शुक्रवार से प्रभु के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खुल गए। अब नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में दर्शन खुलने का इंतजार है।
आराध्य प्रभु श्रीनाथजी मंदिर मेें दर्शन कब खुलेेंगे, यह गुरुवार देर रात तक तय नहीं हुआ, परंतु मंदिर मंडल के द्वारा दर्शन व्यवस्था को लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन को बंद हुए शुक्रवार को दो माह पूरे हो गए। द्वारकाधीशजी मंदिर में दर्शन के लिए शुक्रवार को सीमित संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उन्हें गाइडलाइन के अनुसार दर्शन करवाए गए।
इधर, आराध्य प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन खोलने को लेकर राज्य सरकार की गाइड-लाइन के अनुसार २८ जून से दर्शन खोले जाने थे, परंतु यहां के मंदिर को खोलने को लेकर जिला कलक्टर एवं समिति के सदस्यों के द्वारा मंदिर की व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद दर्शन खोलने का निर्णय किया गया है। इसको लेकर गुरुवार तक तो कमेटी के सदस्यों ने निरीक्षण नहीं किया। कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद सरकार की जारी गाइड-लाइन पर प्रदेश के धार्मिक स्थलों को गत ३ मई से बंद करने का निर्णय लिया था। ऐसे में प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन ३ मई को रविवार होने की वजह से श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ की संभावना को देखते हुए २ मई को ही बंद कर दिए गए थे।
दर्शन खुले तो चले रोजगार
बाजार में सबसे अधिक चर्चा है कि जब प्रदेश के अधिकांश धार्मिक स्थल को २८ जून से खोलने के निर्देश हैं, इसके बावजूद प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन नहीं खुलने से शहर के कई दुकानदारों को मलाल है कि ना जाने कब श्रीजी बावा के दर्शन खुलेंगे और कब उनका रोजगार फिर से चलेगा।

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