>>: इस बार श्रवण नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में शुरू होगा सावन माह

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उदयपुर. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की गुरू पूर्णिमा के अगले दिन से सावन महीने की शुरुआत होती है। सावन का मास 24 जुलाई शनिवार सुबह 8 बजकर 6 मिनट से आरम्भ होगा, लेकिन उदित पूर्णिमा होने से तिथि का क्षय होगा, अत: श्रावण मास उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर श्रवण नक्षत्र से आरम्भ होगा, वहीं श्रवण पर धनिष्ठा नक्षत्र में 22 अगस्त रक्षा बंधन के दिन पूर्ण होगा। विशेष बात यह है कि इस बार सावन 29 दिन का ही होगा। सावन माह में 4 सोमवार पड़ेंगे और सभी सोमवार का व्रत रखने का विधान है। प्रत्येक सोमवार को व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

श्रवण नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में शुरू होगा सावन

पं. जितेंद्र त्रिवेदी के अनुसार श्रवण नक्षत्र और द्विपुष्कर योग में सावन के पवित्र मास की शुरुआत हो रही है। 24 जुलाई को श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस दिन शुभ आयुष्मान योग बन रहा है। चंद्रमा इस दिन मकर राशि में विराजमान रहेगा। वहीं, सावन मास इस बार 29 दिन का इसलिए है क्योंकि कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का क्षय है। कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि दो हो गई है, ऐसे में कृष्ण पक्ष तो पूरे 15 दिन का होगा। लेकिन शुक्ल पक्ष 14 दिन का ही रहेगा।


सावन का महत्व
सावन माह भगवान शिव को अतिप्रिय है। इसलिए इस माह में शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, उनका जलाभिषेक किया जाता है। पूरे सावन महीने महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन, खासकर कुंवारी कन्या योग्य वर की प्राप्ति के लिए भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक व्रत रखती है। पूरे सावन में भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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