>>: Digest for July 06, 2021

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-केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने जारी के दिशा निर्देश...फरलो पर रहे विद्यार्थी हो सकते हैं फेल,रुकेगा रिजल्ट

-31 जुलाई है परिणाम तिथि

श्रीगंगानगर. इस साल 12 वीं कक्षा में बिना पढ़ाई किए ही प्रमोट होने की चाहत रखने वाले कुछ विद्यार्थियों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नये परिपत्र ने परेशानी खड़ी कर दी है। सीबीएसई ने इस परिपत्र में साफ कर दिया है कि ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं होने वाले या प्री-बोर्ड और अद्र्धवार्षिक परीक्षा से गायब रहने वाले छात्र-छात्राओं को अनुपस्थित ही माना जाएगा। हालांकि अब बोर्ड आगे तय करेगा कि अनुपस्थित छात्रों को परीक्षा का विकल्प देना है या नहीं। गौरतलब है कि अभी तक 12वीं के सभी विद्यार्थी यही मानकर चल रहे थे कि वे शत प्रतिशत अगली कक्षा के लिए क्रमोन्नत हो जाएंगे। परंतु बोर्ड के इस निर्णय ने बच्चों झूठी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

-5 जुलाई तक अपलोड करने हैं अंक

बोर्ड ने 12 वीं का परिणाम तैयार करने के लिए मानक जारी कर दिए हैं। साथ ही स्कूलों के लिए ऐसा पोर्टल तैयार किया है जिसमें स्कूलों को केवल नम्बर अपलोड करने होंगे उनका प्रतिशत पोर्टल पर अपने आप निकल आएगा। सभी स्कूलों ने बोर्ड द्वारा बताए मानकों के अनुसार पोर्टल पर नम्बर अपलोड करना शुरू कर दिए हैं। पांच जुलाई तक सभी स्कूलों के पास नम्बर अपलोड करने की समय सीमा है।

-पोर्टल पर शॉ होगा एबसेंट

सीबीएसई की ओर से स्कूलों को स्पष्ट किया गया है कि ऐसे विद्यार्थियों को शून्य अंक देने की बजाए अनुपस्थित ही दिखाया जाए। कुछ विद्यार्थी एनओसी जमा कराने के समय स्कूल में पढ़ रहे थे। लेकिन अब विद्यार्थी ने टीसी कटवा चुके हैं। या वे अन्य किसी कारण से स्कूल का हिस्सा नहीं है। इस कारण से उनके लिए परीक्षा परिणाम की गणना भी उपलब्ध नहीं है।

- स्वयंपाठी विद्यार्थियों को परीक्षा का इंतजार

पिछले सत्र में स्वयंपाठी,पत्राचार अथवा श्रेणी सुधार के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को मूल्यांकन के लिए परीक्षा का इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि कोरोना के हालात सामान्य होने पर बोर्ड की ओर से जब भी परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। तब ही इन विद्यार्थियों को अवसर मिल सकेगा।

ये हैं अंक निर्धारण सूत्र

कक्षा मानदंड प्रक्रिया अंक भार
12वीं यूनिट टेस्ट, मिड-टर्म, प्री-बोर्ड 40 प्रतिशत

11वीं सैधान्तिक परीक्षा के अंक 30 प्रतिशत
10वीं 3 श्रेष्ठ विषयों के आधार पर 30 प्रतिशत

सीबीएसइ के निर्देशानुसार संपूर्ण सत्र के दौरान विद्यालय की कक्षाओं और परीक्षण से गायब रहे विद्यार्थी 12 वीं रिजल्ट में अनुपस्थित माने जाएंगे। जबकि विषय परिवर्तन के संबंध बोर्ड से पूर्व में ली गई मंजूरी जरुरी है।

-भूपेश शर्मा,समन्वयक,विद्यार्थी परामर्श केंद्र,शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर-

सीबीएसई ने परिपत्र जारी किया है। इसमें ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं होने वाले या प्री-बोर्ड और अद्र्धवार्षिक परीक्षा से गायब रहने वाले छात्र-छात्राओं को अनुपस्थित माना जाएगा।

हंसराज यादव,सीडीइओ, शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर।

गंगनहर में सिंचाई पानी पर बवाल--किसानों ने सिंचाई पानी की मांग को लेकर अलग-अलग किया कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन

-किसानों का अब चलेगा धरना,संयुक्त मोर्चा का आठ जुलाई को महापड़ाव की घोषणा

श्रीगंगानगर.गंगनहर में जुलाई माह का 2400 क्यूसेक शेयर के अनुसार खखां हैड पर पूरा सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर सोमवार को किसान संगठनों ने अलग-अलग कलक्ट्रेट पर विरोध-प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया।पुलिस-प्रशासन ने कलक्ट्रेट पर बैरीकेट्स लगाकर तगड़ा तामझाम किया।
इस कारण किसान कलक्ट्रेट के अंदर नहीं जा सके। किसानों ने बाहर विरोध-प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण किसान मजदूर समिति के जिला प्रवक्ता संतवीर सिंह,विक्रम सिंह,राजा हेयर,हरजिंद्र सिंह मान,हरविंद्र सिंह समाग सहित किसानों ने गंगासिंह चौक पर टैं्रट लगाकर धरना शुरू कर दिया। किसानों ने बताया कि दो-तीन दिन में गंगासिंह चौक पर बड़ा किसान आंदोलन किया जाएगा। इसकी रणनीति तैयार की जा रही है।

सभा कर आठ को पड़ाव की घोषणा की
जबकि किसान आर्मी,किसान संघर्ष समिति,जय किसान आंदोलन व अखिल भारतीय किसान सभा के सयुंक्त आह्वान पर किसानों ने जिला कलक्टर कार्यालय पर भारी पुलिस जाब्ते के बीच प्रदर्शन व सभा क। किसानों ने गत बुधवार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में सिंचाई विभाग के लिखित समझौते से मुकरने का आरोप लगाया और कहा कि गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी देने की की मांग को लेकर 8 जुलाई को प्रशासन ठप्प करने का ऐलान किया व जिला मुख्यालय पर पड़ाव जारी रखने की घोषणा सभा में वक्ताओं ने की। साथ ही जिले के विधायकों व सांसद को जमकर फटकार लगाई
पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने आंदोलन की आगामी घोषणा करते हुए राज्य सरकार व सिंचाई विभाग पर किसानों को बर्बाद करने का आरोप। किसान नेता पृथ्वीपाल सिंह संधु,किसान आर्मी के सयोंजक मनिंदर सिंह मान, किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अमरसिंह बिश्नोई रमन रंधावा, गुरबलपाल सिंह संधु आदि ने संबोधित किया।

श्रीगंगानगर. इलाके में पंचायराज चुनाव की सुगबुहाहट से राजनीतिक सरगर्मियां भी जोर पकडऩे लगी है। वहीं जिला प्रमुख बनने के लिए कई दावेदारों ने अभी से ग्रामीण इलाकों का दौरा भी शुरू कर दिया है। यहां तक कि भाजपा और कांग्रेस ने नए चेहरों को आगे लाने की कवायद शुरू की है।

भाजपा ने तो अपने मंडल स्तर के प्रभारियों से जमीनी फीडबैक भी मांगा है। इसके लिए युवा चेहरों को लाने का प्रयास किया जाएगा।

वहीं पुराने भाजपाईयों ने अपने पारिवारिक और परिचितों के युवाओं को टिकट की जुगात की रणनीति तय की है। इधर, कांग्रेसियों ने भी अपने अपने समर्थकों को गांवों में जनसंपर्क करने के संकेत दे दिए है। कई कांग्रेसी तो अभी से सक्रिय हो गए है।

जिला प्रमुख का पद इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। इस कारण दोनों दलों में पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों के साथ साथ पूर्व प्रधानों ने भी इसके साथ साथ पंचायत समिति के प्रधान की कुर्सी पाने के लिए का दौर शुरू हो चुका है। जिले के अधिकांश इलाकों में किसान आंदोलन का असर देखने को मिलेगा।
इस बार पंचायत समिति के प्रधान बनने के लिए श्रीगंगानगर, सादुलशहर और सूरतगढ में अधिक कशमकश रहेगी।

इन तीनों पंचायत समितियों में प्रधान का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण प्रधानगी बनने के अधिक संभावित दावेदार तैयार हो गए है। कईयों ने तो अभी से दोनो दलों से संपर्क करना भी शुरू कर दिया है। वहीं विधायकों के यहां भी धोक लगाने वालों की संख्या एकाएक बढ़ी है।

इधर, रायसिंहनगर और पदमपुर की पंचायत समितियों में सामान्य महिला का पद आरक्षित किया गया है। वहीं श्रीकरणपुर में एससी महिला, अनूपगढ़ में एससी, घड़साना में ओबीसी महिला का पद आरक्षित होने के कारण संभावित दावेदारों के नाम सामने आने लगे है। य्
इस बीच, श्रीगंगानगर पंचायत समिति में इस बार प्रधान का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। पूरे जिले में इस पंचायत समिति में सबसे ज्यादा डायरेक्टरों के पद है। यहां कुल डायरेक्टरों के पद २९ है।

वहीं अनूपगढ़ में प्रधान का पद एससी के लिए आरक्षित किया गया है। यहां कुल १५ डायरेक्टरों के पद है। इसी तरह श्रीकरणपुर में प्रधान एससी महिला के लिए आरक्षित है। यहां १५ पंचायत समिति सदस्य के पद है।

रायसिंहनगर में फिर से इस बार महिला प्रधान बनेगी। यहां सदस्यों की संख्या १९ है। पदमपुर में भी महिला प्रधान की कुर्सी पर बैठेगी। यहां १७ सदस्य है। वहीं घड़साना में ओबीसी महिला प्रधान के लिए आरक्षित है। यहां कुल सदस्य १७ है। वहीं श्रीविजयनगर में प्रधान इस बार एससी के लिए आरक्षित किया गया है। यहां १५ सदस्य है। सूरतगढ़ में इस बार सामान्य वर्ग से प्रधान बनेगा।

इस कारण यहां प्रधान का चुनाव अधिक रोचक रहने की संभावना है। यहां २३ सदस्य है। इसी प्रकार सादुलशहर में भी सामान्य वर्ग होने के कारण राजनीतिक सरर्मियां अधिक रहेगी। यहां १९ सदस्य है।
इस पंचायतराज चुनाव में किसान आंदोलन का असर रहेगा। श्रीकरणपुर, पदमपुर, अनूपगढ़, घड़साना, रायसिंहनगर, श्रीगंगानगर और सादुलशहर पंचायत समितियों में किसान संगठनेों की अधिक पकड़ है।

इस कारण ग्रामीण वोटर पर कांग्रेस अपनी दावेदारी अधिक कर रही है। वहीं भाजपा ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद किसान आंदोलन के ठंडा पडऩे के बाद अपनी जड़े फिर से जमाने का दावा किया है।

इन दोनों दलों ने अपने अपने पुराने कार्यकर्ताओं को बढ़ावा देने के संकेत दिए है। हालांकि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर पिछले एक महीने से कई लोग सक्रिय हो चुके है। इन लोगों में कई भाजपाई है तो कई कांग्रेसी। वहीं वामपंथी विचारधारा वाले लोग भी सिंचाई पानी के मुददे से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे है।

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