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आबकारी-ग्रामीणों के बीच फायरिंग, दोनों पक्षों ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप
- तीन ग्रामीण घायल, आबकारी का एक एएसआइ भी जख्मी
हनुमानगढ़. गांव गंगागढ़ क्षेत्र में हथकढ़ शराब के खिलाफ कार्रवाई के लिए गई आबकारी पुलिस एवं ग्रामीणों के बीच मंगलवार को फायरिंग हो गई। इसमें आबकारी पुलिस का एक एएसआइ तथा तीन ग्रामीण जख्मी हो गए। चारों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस संबंध में मामला दर्ज कराने के लिए दोनों पक्ष टाउन थाने पहुंच गए। देर रात तक दोनों पक्षों के दर्जनों लोग थाने के भीतर एवं बाहर जमा थे। सूचना मिलने पर डीएसपी प्रशांत कौशिक टाउन थाना पहुंचे। आबकारी पुलिस के अधिकारी तथा गंगागढ़ के ग्रामीण भी थाने पहुंच गए। आबकारी पुलिस के अधिकारी पुलिस को परिवाद देने से पहले कुछ बताने से बचते रहे। पत्रकारों से बातचीत करने से भी इनकार कर दिया। वहीं ग्रामीणों ने आबकारी पुलिस पर मारपीट एवं फायरिंग के आरोप लगाए।
जानकारी के अनुसार टाउन पुलिस को मंगलवार देर शाम सूचना मिली कि गांव गंगागढ़ के पास फायरिंग में कई जने घायल हो गए हैं। इस पर पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। फायरिंग में जख्मी आबकारी पुलिस के एएसआइ हुसैन खान, गांव गंगागढ़ निवासी उधम सिंह, बलविन्द्र सिंह तथा सुखविन्द्र सिंह घायल हो गए। चारों का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। हालांकि चारों में से किसी की स्थिति गंभीर नहीं है।
ग्रामीणों का यह आरोप
जिला अस्पताल में भर्ती ग्रामीण व उनके परिजनों ने बताया कि उनके परिवार की महिला गर्भवती है। उसे लेकर वाहन से हनुमानगढ़ जा रहे थे। रास्ते में आबकारी पुलिस से साइड को लेकर विवाद हो गया। आबकारी पुलिसकर्मी मारपीट करने लगे। जब विरोध किया तो फायरिंग कर दी। घायल युवकों के परिजनों ने जिला अस्पताल में भी हंगामा किया। इस पर पुलिस दो जनों को थाने ले गई।
बचते रहे अधिकारी
वहीं आबकारी पुलिस के अधिकारी घटना की जानकारी देने से बचते रहे। फायरिंग की वजह तथा एक एएसआई के जख्मी होने के संबंध में आबकारी विभाग एवं पुलिस के अधिकारियों ने पुलिस को परिवाद देने से पहले कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। हालांकि इतना जरूर बताया कि आबकारी दल गंगागढ़ क्षेत्र में हथकढ़ शराब बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही के लिए गया था।
ठेकेदार आए पक्ष में
घटना की सूचना मिलने पर कई शराब ठेकेदार भी टाउन थाने में जमा हो गए। फायरिंग की घटना पर रोष जताते हुए हथकढ़ शराब बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की। उनका कहना था कि हथकढ़ की वजह से शराब बिक्री घट गई है। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
परिवाद के आधार पर जांच
फायरिंग में चार जने जख्मी हुए हैं। उनको जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है। हालांकि अब तक किसी पक्ष ने परिवाद नहीं दिया है। परिवाद के आधार पर जांच कर पुलिस आगामी कार्यवाही करेगी। - प्रशांत कौशिक, डीएसपी, हनुमानगढ़।

इंदिरागांधी नहर में अब पेयजल की चिंता खत्म
-बादलों के बरसने का सिलसिला जारी रहने पर आगे सिंचाई पानी भी मिलने की उम्मीद

हनुमानगढ़. पौंग बांध के जल ग्रहण क्षेत्रों में बरसात होने से इस बांध का जल स्तर महज दो दिनों में ही करीब पंद्रह फीट तक सुधर गया है। इससे पूरे जुलाई में राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में पेयजल चलाने की चिंता दूर हो गई है। बांधों में आवक का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आगे सिंचाई पानी चलने की उम्मीद भी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के आसपास बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में बारह जुलाई को बादल फटने के कारण तेज बरसात होने पर पौंग बांध में दो लाख ९० हजार क्यूसेक पानी की आवक हुई। इसी तरह तेरह जुलाई को एक लाख २१ हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। इससे पौंग बांध का जल स्तर अब १२९१ फीट के करीब हो गया है। बादलों की मेहरबानी नेे रीत रहे बांधों में जान फूंक दी है। इससे पहले पिछले पखवाड़े में औसतन छह हजार से आठ हजार क्यूसेक प्रतिदिन के हिसाब से ही पौंग बांध में पानी की आवक हो रही थी। इसके कारण बांधों का जल स्तर लगातार नीचे की तरफ जा रहा था।
हालात यह हो गए थे कि पौंग बांध का जल स्तर बीते सप्ताह १२७७ फीट तक नीचे चला गया था। इसके कारण बीबीएमबी चेयरमैन ने दस जुलाई के बाद राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में पेयजल में भी कटौती करने की चेतावनी दे दी थी। राजस्थान सरकार की ओर से काफी दबाव बनाने पर बीस जुलाई तक शेयर को यथावत रखा गया था। अब बीते दो दिनों में बांधों का लेवल बारह से पंद्रह फीट तक सुधरने से जुलाई में पेयजल संकट टल गया है। चार-पांच दिनों तक इसी तरह आवक होने पर राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी भी मिल सकता है। इंदिरागांधी नहर से प्रदेश में हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित दस जिलों में जलापूर्ति होती है। वर्तमान में इंदिरागांधी नहर में बिना सिंचाई रेग्युलेशन के करीब छह हजार क्यूसेक पानी पेयजल चलाया जा रहा है। इसमें पेयजल की मांग पूरी होने पर किसान खेतों में भी पानी लगा रहे हैं।

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