>>: ड्रॉप आउट बालिकाओं को पुन: शिक्षा से जोड़ा जाएं : जिला कलक्टर

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नागौर. राज्य बालिका नीति के क्रियान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय समिति एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। समिति अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित बैठक में सबसे पहले महिला अधिकारिता के उप निदेशक जितेन्द्र शर्मा ने गत 25 फरवरी को आयोजित बैठक की अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद आगामी समय में आयोजित होने वाली गतिविधियों तथा ब्लॉक टास्क फोर्स से संबंधित बैठक की कार्ययोजना व क्रियान्वयन के निमित्त चर्चा हुई।

बैठक में कलक्टर डॉ. सोनी ने कहा कि जिले के सभी विभागों में महिला उत्पीडऩ रोकने के लिए समितियों का गठन शत-प्रतिशत किया जाए, बेटियों के प्रति लापरवाही रखने वालों से ज्यादा असंवेदनशील कोई नहीं हो सकता। साथ ही 15 अगस्त तक जिला एवं तहसील स्तर पर विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों में कार्यशाला आयोजित करवाने तथा इसमें महिलाओं व बालिकाओं की अधिकतम सहभागिता का प्रयास सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने विभिन्न ब्लॉक व जिला स्तर पर महिला जनप्रतिनिधियों की संपन्न बैठक की कार्य योजना व संख्या के प्रति भी संतोष प्रकट किया तथा सतत् रूप से इसके पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से गौरव बिटिया डेस बोर्ड बनाने के संबंध में भी चर्चा की गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न शालाओं में 2800 से भी अधिक गौरव बिटिया डेश बोर्ड लगवाए जा चुके हैं। बैठक में तेजस्विनी, गरिमा हेल्पलाइन, सखी सेंटर एवं महिला सुरक्षा व परामर्श केंद्र के संबंध में भी समीक्षा की गई।
बैठक में उपस्थित सदस्यों के सुझावों के आधार पर जिला कलक्टर ने जिले में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाली एवं विभिन्न पदों को प्राप्त करने वाली बालिकाओं को जिले की ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने का आग्रह किया तथा विभिन्न अवसरों पर, विविध प्रशिक्षण शिविर व कार्यशालाओं में उन्हें प्रेरणादायी उद्बोधन के लिए निमंत्रित करने के भी निर्देश दिए। कोरोना की इन विषम परिस्थितियों में वर्चुअल माध्यम से भी बेटियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही बेटियों के जन्मदिन पर विभिन्न विभागों द्वारा पौधरोपण आदि प्रेरणादायी कार्यक्रम समायोजित करने का भी सुझाव दिया।

बैठक में कलक्टर ने शिक्षा, चिकित्सा व आईसीडीएस तीनों विभागों के समन्वित कार्यक्रम अभियान लाडेसर की चर्चा करते हुए जिले में 900 से भी अधिक किशोरी बालिकाओं के ड्रॉप आउट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग को महिला एवं बाल विकास विभाग से सहयोग लेकर इस संबंध में सूची बनाकर स्टेट ओपन या राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के माध्यम से परीक्षा दिलाकर ड्रॉप आउट बालिकाओं को पुन: शिक्षा से जोडऩे के निर्देश दिए। बैठक में पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना तथा आगामी वर्ष की कार्य योजना की भी जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि 22 जनवरी 2015 को लागू बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना तथा ***** जांच प्रतिषेध एक्ट 1994 के तहत वर्ष 2017-18 में नागौर जिले को चुना गया। शिक्षा विभाग से इसमें यह अपेक्षा की गई कि शिकायत पेटी, सुझाव पेटी एवं गार्गी मंच की स्थापना के साथ ही सभी विद्यालयों में शत-प्रतिशत स्वच्छ शौचालय का निर्माण करवाया जाएं। इसी प्रकार अन्य विभागों को भी कार्ययोजना के संबंध में जानकारी दी गई।

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