जयपुर
उत्तर पश्चिम रेलवे एक तरफ समयबद्ध ट्रेन चलाकर रेलवे के संसाधनों का बेहतर प्रयोग से कमाई कर रहा है। दूसरी तरफ प्राकृतिक सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके प्रतिवर्ष करोड़ों का राजस्व भी बचा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने 7126 किलोवाट क्षमता के सौर पैनल स्थापित किए हैं। हर साल रेलवे की इससे 93 लाख से अधिक यूनिट की बचत हो रही है। इसे मुद्रा में परिवर्तित करें तो यह 5.64 करोड़ रुपए होती है।
उत्तर पश्चिम रेलवे इस साल 8.68 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर तेजी से काम कर रहा है। संयंत्र स्थापना के लिए 528.63 हेक्टेयर (1306.27 एकड़) क्षेत्रफल के 32 खाली भूखण्डों की पहचान कर यहां कार्य स्वीकृत कर दिए गए हैं। पहले चरण में 450 एकड़ जमीन की 2 जगहों पर 84 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्र और दूसरे चरण में 30 एकड़ जमीन की एक जगह पर 6 मेगावॉट क्षमता के सौर संयंत्र के लिए निविदा मांग ली गई है।
सौर ऊर्जा से रोशन हैं स्टेशन
उत्तर पश्चिम रेलवे ने हरित ऊर्जा की पहल करते हुए जयपुर रेलवे स्टेशन पर 500 किलोवॉट का दो, अजमेर स्टेशन पर 500 किलोवॉट का एक और जोधपुर रेलवे स्टेशन पर कुल 770 किलोवॉट का एक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है। इसका प्रभाव यह है कि यह तीनों ही स्टेशन अपनी जरूरत की ऊर्जा यहीं से प्राप्त कर लेते हैं।
वर्कशॉप हैं सबसे अव्वल
देश के रेलवे वर्कशॉप की अगर बात करें तो उत्तर पश्चिम रेलवे के वर्कशॉप बेहतरीन श्रेणी में हैं। जोधपुर वर्कशॉप में 440 किलोवॉट, अजमेर वर्कशॉप में 192 किलोवाट, डीआरएम कार्यालय जोधपुर 200 किलोवॉट, क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर 210 किलोवॉट, भगत की कोठी 250 किलोवॉटा, मारवाड़ जंक्शन 120 किलोवॉट के संयंत्र से उपयोगी सौर ऊर्जा प्रतिदिन तैयार कर उपभोग कर रहा है।