>>: प्रीमियम जमा कराने के बावजूद क्लेम नहीं देना अनुचित

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

जोधपुर. महानगर स्थाई लोक अदालत ने जनउपयोगी सेवा परिवाद का निस्तारण करते हुए हैल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा कराने के बावजूद कंपनी की ओर से उपभोक्ता को बीमा क्लेम नहीं देने को अनुचित मानते हुए क्लेम के साथ पांच हजार रुपए परिवाद व्यय के अलग से देने का आदेश दिया। चांदपोल स्थित माता का कुंड निवासी दिनेशचंद्र पुरोहित ने अधिवक्ता भुवनेश छंगाणी के मार्फत स्थाई लोक अदालत में परिवाद पेश किया। प्रार्थी यूनाइटेड कमर्शियल बैंक में हेड कैशियर के पद पर कार्यरत थे, बैंक की ओर से कार्यरत कर्मचारियों का ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम जमा किया जाता रहा था,सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रार्थी ने पॉलिसी जारी रखी तथा वेतन के अकाउंट से लगातार प्रीमियम जमा करवाते गए। दो वर्ष पूर्व प्रार्थी ने चिकित्सक की सलाह पर एंजियोग्राफी तथा हार्ट में स्टंट लगाए गए। इलाज तथा अन्य पर हुए खर्च का नियमानुसार क्लेम बीमा कंपनी को भेजा। बार-बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद कंपनी ने क्लेम नहीं दिया।

नोटिस मिलने के बाद भी जवाब नहीं
हैल्थ इंश्योरेंस कम्पनी बीमा प्रीमियम के लिए उपभोक्ता को बार-बार तकाजा करती रहती है लेकिन क्लेम सेटलमेंट के वक्त आना कानी करती है, इस मामले में बीमा कंपनी तथा बैंक को कोर्ट के नोटिस मिलने के बाद भी जवाब नहीं दिया। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष ओमकुमार व्यास तथा सदस्य मगनलाल बिस्सा ने हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी हेरीटेज हेल्थ टीपीए प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ परिवाद स्वीकार करते हुए 92,987 रुपये के साथ हर्जाने का आदेश दिया।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.