>>: 1992 में जलाई पहली ज्योत, सजेगा सबसे ऊंचा खाटू श्याम बाबा का दरबार, 15 दिन से जुटे कोलकाता के कारीगर

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जयपुर। जयपुर में खाटू वाले श्याम प्रभु का अलौकिक दरबार सज रहा है। जिसमें देशभर के भजन गायन अपनी प्रस्तुति से श्याम प्रभु को रिझाएंगे। 80 फीट लंबे और 30 ऊंचे श्याम प्रभु के दरबार को बनाने में पिछले 15 दिन से कोलकाता के कारीगर जुटे हुए है। दरबार को आज अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह सब तैयारी 6 अक्टूबर को शास्त्री नगर के खंडेलवाल कॉलेज में होेने वाले श्याम महोत्सव को लेकर की जा रही है।

श्री श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति जयपुर अपना 31वां वार्षिक श्याम महोत्सव 6 से व 8 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। पहले दिन 6 अक्टूबर को कलश यात्रा के साथ आयोजन शुरू होगा। कलश यात्रा राधा दामोदरजी के मंदिर से रवाना होकर खंडेलवाल कॉलेज शास्त्री नगर जयपुर पहुंचेगी। कलश यात्रा संयोजक ललित प्रसाद खंडेलवाल ने बताया कि बाबा की इस कलश शोभायात्रा में लगभग 2500 महिलाएं समान गणवेश में सिर पर कलश लिए बाबा का गुणगान व मंगल गीत गाते हुए चलेगी।

श्याम बाबा का मुख्य रथ मुख्य आकर्षण
कलश यात्रा का शुभारंभ आनंदी देवी शारडा व काले हनुमानजी मंदिर के महंत गोपाल दास आरती कर करेंगे। कलश यात्रा में बाबा के आगे हाथी घोड़े ऊँट व विशाल लवाजमे के साथ बैंड मंगल ध्वनियां बजाते हुए चलेंगे। इसमें गणेशजी, हनुमानजी व श्याम बाबा का मुख्य रथ मुख्य आकर्षण होगा। कलश यात्रा के स्वागत के लिए यात्रा मार्ग में 21 स्वागत गेट बनाए गए है। कलश यात्रा पर फूलों की वर्षा होगी व लगभग 1 किमी सड़क पर फूल बिछाये जाएंगे। इस बीच 251 दीप जलाकर बाबा श्याम की आरती की जाएगी।

150 फ़ीट लंबा डॉम तैयार
संस्था के मंत्री शंकर झालानी ने बताया कि 7 व 8 अक्टूबर को विशाल भजनामृत महोत्सव होगा। इस महोत्सव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। भक्तों के बैठने के लिए 150 फ़ीट लंबा डॉम तैयार किया गया है। 6 बजे से भजनामृत रसगंगा आरम्भ होगी, 9 अक्टूबर केा सुबह 4 बजे तक चलेगी। इसमें लखबीर सिंह लक्खा (मुम्बई), संजय मित्तल, संजू शर्मा , शुभम रूपम, राजू मेहरा, विकास रुहिया, आशीष सुल्तानिया, विकास कपूर (कोलकाता), मनोज शर्मा ग्वालियर, संतोष व्यास रींगस, मुकेश बागड़ा जयपुर, आशु वर्मा पानीपत, जस्सी सैनी अलवर के अलावा कई कलाकार अपने भजनों से श्याम प्रभु को रिझाएंगे।

पहली ज्योत 15 अगस्त 1992 को जगाई
संस्था के मंत्री शंकर झालानी ने बताया कि बाबा के भक्तों ने बाबा की पहली ज्योत 15 अगस्त 1992 को जगाई थी। तब से आज तक बाबा की पावन ज्योत प्रत्येक सप्ताह शनिवार को बाबा के किसी भी इच्छुक भक्त के निवास पर निरंतर जगाई जाती है। जिसमें बाबा का अनुपम श्रृंगार व स्थानीय भजन गायकों की ओर से सत्संग किया जाता है। एक कमरे से शुरू हुई संस्था ने आज विशेष पहचान बनाई है।

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