>>Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment! |
अब शुरू हुआ गणगौर पूजन, 16 दिन तक घर-घर पूजे जाएंगे ईसर-पार्वती Friday 29 March 2024 05:22 PM UTC+00 चैत्र कृष्ण प्रतिपदा यानी धूलंडी के दिन से ही गणगौर पूजन शुरू हो गया है। मेवाड़ में गणगौर पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यहां घर-घर ईसर व पार्वती के पूजन की परंपरा है। सोमवार से गणगौर पूजन शुरू हो गया। ऐसे में गणगौर पूजन करने वाली महिलाएं व छोटी बच्चियां बाग-बगीचों से पाती (सेवरा) लेकर आई व गणगौर के गीत गाते हुए व पूजन किया। यह पूजन 16 दिन तक किया जाएगा। शहर के भोईवाड़ा में आज भी यह परंपरा कायम है। यहां की बच्चियां पास ही के पार्क से फूल व पत्तियों से सेवरा सजाकर गीत गाती हुई लाती हैं व मन्दिर में रखी छोटी गणगौर की पूजा करती हैं। बाद में घूमर भी करती हैं। यह पूजा कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए करती हैं, वहीं सुहागिन महिलाएं सुहाग की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। गणगौर के अंतिम चार दिन महत्वपूर्ण होते हैं। शहर में गणगौर घाट पर महिलाएं, युवतियां व बालिकाएं गणगौर, ईसर व कानूड़े की प्रतिमाएं लेकर आती हैं और यहां जल कुसुंबे देती हैं। इन दिनों ही पर्यटन विभाग की ओर से मेवाड़ फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाता है, जो देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। दशामाता व्रत 4 अप्रेल को होली दहन के दूसरे दिन से दशामाता की कथाएं भी शुरू हो चुकी हैं । अब से दस दिन बाद महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना कर दशामाता की पूजा करेंगी। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशामाता का पूजन किया जाता है। दशामाता का व्रत इस बार 4 अप्रेल को रखा जाएगा। इससे पूर्व महिलाएं दशामाता की पूजा कर उनकी कथाएं सुनेंगी। दशामाता व्रत के दिन महिलाएं कच्चे सूत का 10 तार का डोरा लाकर उसमें 10 गांठ लगाती हैं और पीपल वृक्ष की कुमकुम, मेहन्दी, लच्छा, सुपारी आदि से पूजा के बाद वृक्ष को सूत लपेटती हैं। पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं। परिवार में अच्छी आर्थिक स्थिति और सुख शांति के लिए महिलाएं दशामाता की पूजा करती हैं। |
| You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription. |
