>>: 'लास्ट वार्निंग' को भी हल्के में ले गए डॉ रोहिताश्व, अब निष्कासन को देंगे चुनौती- क्लीन चिट मिलने की जताई उम्मीद

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जयपुर।

प्रदेश भाजपा में पार्टी विरोधी अनर्गल बयानबाज़ी करने के दोषी पाए गए पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा के निष्कासन का मामला आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी गलियारों चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि प्रदेश नेतृत्व के इस सख्त रुख के बाद क्या पहले से चली आ रही गुटबाज़ी और तूल पकड़ेगी या फिर शांत हो जायेगी। हालांकि पूर्व मंत्री पर चले अनुशासन के डंडे के बाद की परिश्थियों पर कई तरह के कयास और अटकलें लगाई जा रही हैं।

 

इस बीच पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा के निष्कासन का मामला आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी चर्चा में है। वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया खेमे के समर्थक इस कार्रवाई का अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं।

 

.... और 'शिशुपाल' बन गए रोहिताश्व
पूर्व मंत्री व् वरिष्ठ भाजपा नेता रोहिताश्व शर्मा पर कार्रवाई को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने पहले ही संकेत दे दिए थे। डॉ पूनिया ने रोहिताश्व शर्मा के पार्टी विरोधी बयान सामने आने के बाद पिछले महीने उन्हें नोटिस जारी कर 'लास्ट वार्निंग' भी दे दी थी।

 

मीडिया के एक सवाल पर तब डॉ पूनिया ने रोहिताश्व का नाम लिए बगैर 'शिशुपाल' कहते हुए चेताया था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने पार्टी विरोधी बयानबाजी करने वाले नेताओं की तुलना शिशुपाल से करते हुए कहा था कि शिशुपाल की 99 गलतियां भगवान कृष्ण ने बर्दाश्त की थी। लेकिन 100 वीं गलती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूनिया के इस बयान से अंदाज़ा लगाया जा रहा था कि अब यदि नेताओं की ओर से पार्टी विरोधी बयानबाज़ी का सिलसिला जारी रहा तो ऐसे नेताओं से सख्ती से निपटा जाएगा।

 

पूनिया ने ऐसे बयानवीर नेताओं को तब चेताते हुए कहा था कि यदि किसी नेता को कोई पीड़ा है तो मीडिया की बजाय पार्टी आलाकमान और अपने नेताओं को बताया जाए। उन्होंने पार्टी की विचारधारा के प्रति अनुशासन बनाये रखने के भी निर्देश दिए थे।

 

भाजपा बैठकों में नहीं हो सकेंगे शामिल
पूर्व मंत्री व् वरिष्ठ भाजपा नेता के खिलाफ अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने निष्कासन की कार्रवाई की है। जारी हुए निष्कासन आदेश के अनुसार अब रोहिताश्व शर्मा अगले 6 वर्ष तक भाजपा के किसी भी बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे। यदि इस बीच निष्कासन वापस नहीं हुआ तो उनका वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से उम्मीदवारी करने की संभावना भी ख़त्म हो जायेगी।

 

क्लीन चिट मिलने की उम्मीद
प्रदेश नेतृत्व की ओर से निष्कासन की कार्रवाई होने के बाद भी रोहिताश्व शर्मा को केंद्रीय संगठन से क्लीन चिट मिलने की उम्मीद है। रोहिताश्व शर्मा का कहना है कि उनके खिलाफ हुई कार्रवाई की शिकायत वे दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर करेंगे। उन्होंने एक प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से मिलकर निष्कासन को गलत बताने और इसे रद्द करने की अपील की जायेगी। उन्होंने इस कार्रवाई पर जल्द ही क्लीन चिट मिलने की उम्मीद जताई।

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