>>: विधायक ने उठाई अफीम खेती बंद करने की मांग, बोले सरकार खुद करें खेती

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कोटा.
राजस्थान समेत अन्य राज्यों में अफीम की खेती (opium farming ) करने वाले किसानों से अवैध राशि वसूलने के भ्रष्टाचार का बड़ा खेल सामने आने के बाद सत्तारूढ़ सरकार के कांग्रेस विधायक भरतसिंह ने अफीम खेती बंद करने की मांग उठाई है। विधायक ने कहा कि वर्तमान में अफीम की खेती ईमानदारी की नहीं रही। बल्कि इसमें नस-नस तक भ्रष्टाचार पनप चुका है। न केवल भ्रष्टाचारी अफसर किसानों को अपने शिकंजे में फांस रहे हैं, बल्कि भ्रष्टाचारी अफसर व कर्मचारी सरकारी कोष को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उत्तरप्रदेश के गाजीपुर स्थित अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक शंशाक यादव से 16 लाख 32 हजार रुपए बरामद होने के बाद विधायक भरतसिंह कुंदनपुर ने कहा, केन्द्र सरकार को अफीम खेती को बंद कर देना चाहिए। इसमें नियोजित तरीके से भ्रष्टाचार होता है। पहले भी कोटा में नारकोटिक्स अधिकारी रिश्वत लेते पकड़ा जा चुका है। उन्होंने कहा, सांसदों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। अफीम की खेती बंद होने पर ही भ्रष्टाचार बंद होगा। दवाइयों के उपयोग के लिए सरकार बाहर से अफीम क्रय करे या फिर सरकार के स्तर पर खेती हो। पहले सरकार ने कहा था कि डोडा-पोस्त नष्ट किए जाएंगे, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा। डोडा पोस्त की तस्करी हो रही है। उन्होंने कहा, अफीम खेती ईमानदारी से किया जाना अब संभव नहीं है। आपको बता दें कि विधायक भरतसिंह कुन्दनपुर इससे पहले भी अफीम की खेती में पनप रहे भ्रष्टाचार को लेकर कई बार आवाज उठा चुके हैं।

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने शनिवार को उदयपुर-कोटा मार्ग पर हैंगिंग ब्रिज टोल नाके के पास कार्रवाई करते हुए उत्तरप्रदेश के गाजीपुर स्थित अफीम फैक्ट्री के महाप्रबंधक (आईआरएस) शंशाक यादव के पास से 16.32 लाख रुपयों के साथ गिरफ्तार किया था। एसीबी टीम को जानकारी मिली थी कि उक्त राशि अफीम काश्तकारों से अवैध रूप से वसूली गई है। आरोप अधिकारी को कोटा एसीबी ने रविवार को न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जहां से उसे चार दिन के रिमांड पर सौंपा गया।


30 से 36 करोड़ रुपए एडवांस वसूल लिए-
एसीबी कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि महाप्रबंधक शशांक यादव द्वारा नीमच में अफीम फैक्ट्री में कार्यरत अन्य कर्मचारी अजीत सिंह व दीपक यादव के मार्फत दलालों के जरिए अफीम की बढिय़ा गाढ़ता एवं मारफीन प्रतिशत ज्यादा बताकर 10-12 आरी का पट्टा दिलवाने के लिए साठ से अस्सी हजार रुपए प्रति किसान, चितौडगढ़, प्रतापगढ़, कोटा एवं झालावाड़ के अफीम किसान से वसूले जा रहे हैं। जो काश्तकार रुपए नहीं देते, ये लोग उसकी अफीम को घटिया बताकर गाढ़ता एवं मारफीन प्रतिशत कम कर देते हैं। अफीम लैब के अजीत सिंह एवं कोडिंग टीम के दीपक कुमार यादव ने दलालों के माध्यम से 6000 से अधिक अफीम किसानों से 10-12 आरी के पट्टे दिलवाने के नाम पर 30 से 36 करोड़ रुपए एडवांस वसूल लिए। शेष चालीस हजार से अधिक किसानों की अफीम की जांच होना बाकी है।

गाढ़ता एवं मारफीन प्रतिशत पर देते पट्टे-
अफीम फैक्ट्री नीमच में पूरे मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के नारकोटिक्स विभाग के लाइसेंसी अफीम काश्तकारों की अफीम जमा की जाती है। इस फैक्ट्री में वर्तमान में इस वर्ष अफीम देने वाले मध्यप्रदेश व राजस्थान के काश्तकारों की अफीम के सैम्पल्स की जांच का कार्य चल रहा है। जांच के बाद ही अफीम की गाढ़ता व मारफीन प्रतिशत के हिसाब से काश्तकारों को भुगतान किया जाता है। गाढ़ता एवं मारफीन प्रतिशत के हिसाब से ही नारकोटिक्स विभाग द्वारा अफीम काश्तकारों को 6 आरी, 10 आरी एवं 12 आरी के पट्टे वितरित किए जाते हैं।

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