>>: Digest for July 20, 2021

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

You are receiving a digest because your subscriptions have exceeded your account's daily email quota. Your quota has automatically reset itself.

टोंक. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सआदत अस्पताल में कोविड मरीजों की कोरोना व अन्य नि:शुल्क जांच के लिए टोंक विधायक सचिन पायलट ने करीब एक करोड़ रुपए लागत के उपकरण व अन्स संसाधन सआदत अस्पताल को उपलब्ध करवाए, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी का आलम यह रहा कि इनमें से कुछ उपकरण अभी तक सुचारू तक नहीं किए गए है, ऐसे में मरीजों की जांच के नाम जेब कटना बदस्तुर जारी है।

इस उपकरणों में मुख्य रूप से इम्यूनो ऐसे एनालाइजर ऑटोमेटिक मशीन आ तो गई है,लेकिन स्थानीय चिकित्सा प्रशासन द्वारा रिजेन्ट(जांच किट) उपल्ब्ध नहीं कराए जाने से मशीन शो-पीस बनकर रह गई है। इस कारण मरीजों को इससे होने वाली नि:शुल्क जांच का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह मशीन गत माह से प्रयोगशाला में रखी हुई है।


पायलट ने की थी स्वीकृत
कोरोना जांच के लिए चिकित्सकों द्वारा करवाई जाने वाली प्रमुख तीन जांच डी-डाईमर, आईएल-6 व सीआरपी जैसी महंगी जांच की सुविधा मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच में नहीं होने पर मरीजों की परेशानी को देखते हुए टोंक विधायक सचिन पायलट ने सआदत अस्पताल में चिकित्सीय उपकरणों, केमिकल्स व अन्य आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के लिए एक करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी। हालांकि ये तीनों जांच मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना में शामिल नहीं है।

मरीजों की कट रही जेब
विगत दिनों टोंक विधायक के दौरे पर आने के दौरान मरीजों की जांच के नाम पर हो रहे नुकसान के बारे में बताया गया था। इस पर पायलट ने तत्काल उपकरण स्वीकृत करने की बात कही थी और चिकित्सा प्रशासन से सूची मांग कर उपकरण व संसाधन भी भिजवा दिए, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता का आलम यह रहा कि यह अब तक सुचारू नहीं हो पाई। और मरीजों को बाहर निजी लैब से जांच करवानी पड़ रही है।

प्रयोगशाला में जांच के लिए मशीन तो मिल गई है, लेकिन अभी तक इसके लिए रिजेन्ट (जांच कीट) उपल्ब्ध नहीं हो पाया है, जिसके लिए प्रमुख चिकित्साअधिकारी को आवगत करा दिया गया है। जैसे ही रिजेन्ट मिल जाएगा जांच शुरू कर दी जाएगी।
डॉ वसीम अंसारी, प्रयोगशाला प्रभारी, सआदत असपताल टोंक।


सआदत अस्पताल स्थित प्रयोगशाला में इम्यूनो ऐसे एनालाइजर ऑटोमेटिक मशीन से कोरोना सहित अन्य जांच के लिए काम में आने वाले रिजेन्ट के लिए 23 तारीख को टेण्डर खोले जाएंगे। उसके बाद जल्द ही लोगों को जांच का लाभ मिलने लगेगा।
अशोक यादव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टोंक

इम्यूनो ऐसे एनालाइजर ऑटोमेटिक मशीन की खरीद प्रकिया सीएमएचओ द्वारा की गई है। इसके रिजेन्ट उपल्ब्ध कराने के लिए भी वहीं से कार्रवाई होगी।
डॉ बीएल मीणा, उपनियंत्रक सआदत अस्पताल टोंक।

दूनी. बीसलपुर पेयजल योजना परियोजना की लापरवाही एवं अनदेखी से दूनी के कालाकाकरा ढाणी स्थित ओवरफ्लो हुई टंकी से रविवार कई घंटों तक पेयजल व्यर्थ बहता रहा। क्रमवार मिलने वाले नीर को लेकर एक मोहल्ला शाम तक नीर को तरसता रहा। बाद में सूचना पर पहुंचे कर्मचारियों ने वॉल की मरम्मत कर व्यर्थ बहते पेयजल को रोका। इस दौरान व्यर्थ बहे पानी से आस-पास केे गड्ढे भर गए।

उल्लेखनीय है की पम्प हाउस से छोड़े गए पानी से कालाकाकरा स्थित टंकी ओवरफ्लो हो गई, इसके बाद कई घंटों तक पानी व्यर्थ बहता रहा इससे आस-पास के गड्ढ़े लबालब हो गए। ग्रामीणों की ओर से सूचना देने के बाद पहुंचे कर्मचारी ने वॉल की मरम्मत कर व्यर्थ बह रहे पानी को रोका।

जलदाय विभाग कर्मचारी ने बताया की बीसलपुर पेयजल योजना की ओर से अगर वॉल खोलकर कस्बे की टंकियों में सप्लाई देते तो क्रम अनुसार दो मोहल्ले में सप्लाई की जा सकती थी, लेकिन लापरवाही के चलते पानी व्यर्थ बह गया। बीसलपुर पेयजल योजना विभाग के सहायक अभियंता भूपेन्द्र ने बताया की वॉल खराब होने के कारण पानी व्यर्थ बहा है जिसे अब मरम्मत करा दिया गया है।

बिजली कटौती से ग्रामीण परेशान
पचेवर. कस्बे सहित आस पास के गांवों में विद्युत निगम द्वारा न तो संधारण कार्य कराया जा रहा है और न ही नई बिजली कंपनी की लाइन डाली जा रही है।इसके बाद भी कस्बे सहित मलिकपुर, सूरसागर, गुलाबपुरा, नगर, आवडा, हनुतिया, बालापुरा, सेलसागर, किरावल, चैनपुरा सहित दर्जनों गांवों में पिछले चार - पांच दिनों से अघोषित बिजली कटौती का सिलसिला चल रहा है।

विद्युत निगम के अभियंताओं की लापरवाही के चलते आमजन को गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है। गर्मी के बढ़ते तापमान के साथ उमस से लोगों के हाल बेहाल हो गए है। सुरेन्द्र कुमार रेगर, बद्री माली, खेमचन्द वर्मा, भागचंद रेगर, सुवालाल, गणेश लाल रेगर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के दिन होने के साथ उमस से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।

विद्युत कटौती के बारे में निगम के अभियंताओं को फोन किया तो उनके द्वारा बिजली कटौती को लेकर संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा है। इधर, डिग्गी के कनिष्ठ अभियंता संजय मीणा ने बताया कि पचेवर, नगर, चैनपुरा, पारली व किरावल फीडर क्षेत्र के गांवों में पिछले तीन दिन से लगातार विद्युत लाइन में फाल्ट आने की वजह से बिजली आपूति बाधित हो रही है।

निवाई. उपखंड क्षेत्र के गांव बहड़ में शनिवार रात पिंजरे में शिकार रखने के दो घंटे बाद ही मादा बघेरा पिंजरे में कैद हो गया। करीब एक माह से गांव बहड़ की पहाड़ी में बनी गुफा से रात होते ही बघेरा निकलकर गांव में मवेशियों का शिकार कर रहा था। इससे ग्रामीण भयभीत और डरे हुए थे।

ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने गांव बहड़ की पहाड़ी के नीचे पिंजरा रख दिया गया, लेकिन बघेरा पिंजरे में कैद नहीं हो पाया। वन विभाग ने पिंजरे में बघेरे के लिए प्रतिदिन शिकार नहीं रखा जाता था, जिससे बघेरा गांव के पशुओं का शिकार कर पहाड़ की गुफा में चला था।

जिससे एक माह से ग्रामीणों में हडकंप मच हुआ था। ग्रामीणों ने बहड़ की पहाड़ी में बघेरे होने के वीडिओ और फोटो वन कर्मियों को दिखाए। जिसके बाद पहाड़ी में खाली पिंजरा रखकर वन कर्मियों ने औपचारिकता पूरी कर ली, लेकिन बघेरा गांव के मवेशियों का शिकार पर शिकार करता रहा।

ग्रामीणों में बढ़ते आक्रोश के चलते आखिर वन कर्मियों को लगातार तीन-चार दिन पिंजरे में शिकार बांधा। शनिवार की रात को पिंजरे में एक बकरा बांधते ही दो घंटे बाद बघेरा पिंजरे में कैद हो गया। बघेरे के पिंजरे में कैद होते ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।

वन कर्मियों की सूचना पर क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी दिनेश दोतानिया गांव बहड़ पहुंचे। बघेरे को देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। रेंजर दोतानिया ने उप वन संरक्षक श्रवण कुमार रेड्डी को बघेरे के पिंजरे में कैद होने की सूचना दी। बघेरे के पिंजरे को वाहन से वन रेंज संजय वन लाया गया।

पिछले दो सालों से बघेरे का गांव कांटोली, नोहटा, बस्सी, बारेडा, बहड़, रामनगर, धतूरी, किवाड़ा सहित आसपास के गांवों में मूमेंट रहने और पिछले दो वर्षों में बघेरे की ओर से करीब 55 से अधिक पशुओं का शिकार करने से ग्रामीणों में रोष बढ़ता जा रहा है।


ग्रामीणों की ओर से लगातार बघेरों को पकडऩे के लिए मांग की जा रही है, लेकिन वन विभाग पर कान पर जूं तक नहीं रेंग रही थी। विभिन्न गांवों में बघेरे की ओर से मवेशियों का शिकार करने से ग्रामीण भयभीत है। इसका कारण यह भी था कि बघेरे का लगातार कुनबा बढ़ रहा है, जिससे पशुओं व मवेशियों के शिकार में बढऩे लगे हैं।

दो शावक भी है

शनिवार की रात बघेरे के पिंजरे में कैद होने पर गांव बहड़ पहुंचे रेंजर को ग्रामीणों ने बताया कि गांव बहड़ की पहाड़ी में बघेरे के साथ दो शावक भी कई बार देखे गए हैं। जिन्हें जल्दी से पकडकऱ अभ्यारण्य छोडऩे की मांग की। जिस पर रविवार की सुबह कुछ ग्रामीणों के साथ वन रक्षक बद्री जाट व रामराज मीणा ने बहड़ की पहाडिय़ों में ट्रेकिंग कर बघेरे के शावकों को तलाशा। बघेरे की गुफा तक वन कर्मियों ने ग्रामीणों के साथ सर्च ऑपरेशन के तहत शावक के पदचिह्न देखे, लेकिन वह किसी नतीजे पर पहुंच पाए।

गुफा से निकलता है
बघेरे गांव नोहटा व बहड़ की पहाडिय़ों में बनी गुफा से निकल कर रात में पशुओं, मवेशियों, जंगली जानवरों, नील गाय और गांव में घूमने वाले श्वानों का आए दिन शिकार करते जा रहे हैं, लेकिन बघेरों को पकडऩे के लिए दो वर्ष में वन विभाग के अधिकारियों की ओर से पुख्ता योजना नहीं बनाई गई। इससे लगातार बघेरों कुनबा बढ़ाता ही जा रहा है।


नोहटा में तीन बघेरे दिए थे दिखाई
गांव नोहटा की पहाडिय़ों में करीब 6 माह पूर्व शाम समय एक साथ तीन बघेरे दिखाई दिए थे। जिनके वीडिओ और फोटो ग्रामीणों ने वन कर्मियों को दिखाए थे। नोहटा, कांटोली सहित आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि नोहटा की पहाड़ी में बनी गुफा में 5-6 बघेरे है। जो रात के अंधेरे में पहाड़ से उतर कर आसपास के गांवों में शिकार करते हंै।

पशु चिकित्सकों ने की जांच

रविवार दोपहर निवाई के पशु चिकित्सक डॉ. शिवराज शर्मा डॉ. अविनाश जैन और डॉ. मुकेश मंगल ने संजय वन पहुंचकर बघेरे की स्वास्थ्य जांच की। वन कर्मचारियों को बघेरे के लिए पीने के पानी और खाने के लिए मांस की व्यवस्था के लिए कहा। शिवराज शर्मा ने बताया कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी बघेरे को यहां से उपयुक्त स्थान पर छोड़ दिया जाए।

अन्यथा पिंजरे में बाहर निकलने की कोशिश में बघेरा घायल हो सकता है। इधर, टोंक रेंजर व वाइल्ड लाइफ एक्पर्ट संतोष कुमार का कहना है कि पिंजरे में कैद बघेरा मादा है और इसके शावक नहीं हो सकते हैं। इस मादा बघेरे की उम्र करीब चार से साढ़े चार वर्ष तक है।

बघेरे को अभ्यारण्य व जू में भेजने का निर्णय उच्चाधिकारियों की ओर से लिया जाएगा। आसपास वन क्षेत्र में छोडऩे से बघेरा आदमखोर हो सकता है। इधर, क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी दिनेश दोतानिया का कहना है कि गांव बहड़ में शनिवार की रात बघेरा बकरे का जैसे शिकार करने की कोशिश की तो वह पिंजरे में कैद हो गया। और पिंजरे को रात में ही संजय वन लाकर सुरक्षित रख दिया। उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर ही बघेरे को अभ्यारण्य व जू में भेजा जाएगा।

दूनी. घाड़ थाना क्षेत्र के चंदवाड़ में शराब माफिया की ओर से शनिवार रात लकडिय़ों एवं सरियों से हमलाकर युवक को घायल सहित आए दिन लोगों को परेशान करने से आक्रोशित ग्रामीण रविवार को घाड़ थाने पहुंचेे और शराब की दुकान हटाने सहित आरोपी युवकों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर प्रदर्शन व नारेबाजी की।

इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने चार आरोपी के खिलाफ मामला दर्जकर दुकान हटाने को लेकर दिए ज्ञापन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण प्रदर्शन समाप्त कर घर लौटे। कल्याणपुरा निवासी युवक भगवान जाट के साथ लकडिय़ों एवं सरियों से मारपीट के बाद एकत्रित हुए दर्जनों ग्रामीण घाड़ पुलिस थाने पर पहुंचे ओर शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने एवं गांव के मुख्य मार्ग पर लगी अवैध शराब की दुकान हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन व नारेबाजी करने लगे।

पुलिस ने मारपीट के नामजद आरोपी चंदवाड़ निवासी हसंराज मीणा सहित चार के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर शराब की अवैध दुकान हटवाने को दिए ज्ञापन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने बताया की शनिवार देर रात कल्याणपुरा निवासी भगवान जाट आयोजित समारोह से घर लौट रहा था।

इसी दौरान चंदवाड़ गांव स्थित मुख्य मार्ग पर मौजूद नामजद आरोपी चंदवाड़ निवासी हसंराज मीणा सहित चार आरोपी ने उसके साथ लकड़ी एवं सरियों से हमलाकर दिया। सूचना पर परिजन एवं ग्रामीण उसे दूनी अस्पताल लेकर गए मगर हालत गंभीर होने पर परिजन उसे देवली स्थित निजी अस्पताल लेकर गए जहां उसका उपचार चल रहा है।

इधर, युवक पर हुए हमले के बाद चंदवाड़ के ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन हो गया। ग्रामीणों ने बताया की शराब माफिया ने मुख्य मार्ग पर अवैध शराब की दुकान खोल रखी है, इसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। माफिया के लोग आए दिन स्थानीय लोगों से मारपीट करते रहते है, इससे उनका देर-सवेर बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है।

राजमहल. कस्बे के देवीखेड़ा सडक़ मार्ग पर नए तालाब के नाम से पहचाने जाने वाले सार्वजनिक तालाब की मुख्य दीवार को जेसीबी से तोडऩे को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी बनी हुई है। मुख्य दीवार टूटने के कारण बारिश के दौरान तालाब में भरने वाला पानी तालाब में नहीं रखकर खेतों व देवीखेड़ा सडक़ मार्ग को तोडऩे की आशंका को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है।

ग्रामीणों ने बताया कि देवी खेड़ा सडक़ मार्ग पर स्थित सार्वजनिक तालाब की मुख्य दीवार को कुछ दिनों पूर्व खेतों से मिट्टी निकालने के लिए प्रभावशाली लोगों ने बीच में से काटकर रास्ता निकाल दिया, जिससे वापिस मिट्टी से नहीं भरा गया है जिसको लेकर तालाब की मुख्य दीवार लगभग 20 फीट लंबी व 15 फीट ऊंचाई तक तोड़ दिया गया है जिससे दीवार के बीच सुरंग बन चुकी है।

साथ ही करीबी खेतों के मालिकों ने मुख्य दीवार को जगह.जगह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिससे बारिश के दौरान तालाब में भरने वाला पानी तालाब परिसर में नहीं ठहर कर क्षतिग्रस्त दीवार से करीबी खेतों व देवीखेड़ा सडक़ मार्ग पर बहने की आशंका है।

वहीं सार्वजनिक तालाब खाली रहने की आशंका सताने लगी है। तालाब की दीवार क्षतिग्रस्त ग्रस्त होने से तालाब में बारिश का पानी नहीं ठहरने को लेकर मवेशियों के पेयजल की आशंका भी सताने लगी वही खेतों में सिंचाई पर भी संकट के बादल मंडराने की आशंका है।


इनका कहना है
अगर ऐसा है तो पंचायत प्रशासन से मिलकर तालाब की पाल को जल्द ही मिट्टी से भरवा कर सही करवाएंगे।


- सर्वेश्वर लिम्बार्क तहसीलदार देवली

इनका कहना है
मुझे अभी जानकारी हुई है जल्द ही तालाब की दीवार को तोडऩे वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही दीवार को सही करवाने का प्रयास जारी है।
- किशन गोपाल सोयल सरपंच राजमहल

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at abhijeet990099@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.