>>: Digest for July 20, 2021

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Table of Contents

श्रीगंगानगर. आठ साल पहले घड़साना क्षेत्र में एक नाबालिक युवती का अपहरण कर उसे यौन प्रताडऩा देने के जुर्म में एक जने को आठ साल कठोर कारावास व दस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया है। यह निर्णय पोक्सो कोर्ट संख्या दो के विशेष जज ने सुनाया।

जिला मुख्यालय पर पोक्सो कोर्ट संख्या दो के खुलने के बाद पहली बार निर्णय सुनाया गया है। विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि घड़साना थाने में 7 फरवरी 2013 को पीडि़ता के पिता की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

इसमें पीडि़ता के पिता का कहना था कि उसकी नाबालिग लड़की को चक 3 एसटीआर निवासी सुभाष पुत्र लालचंद वाल्मीकि उस समय जबरदस्ती उठा ले गया जब उसकी लड़की लघुशंका करने के लिए घर से बाहर निकली थी।

उसके शोर मचाने के बावजूद सुभाष ने उसकी लड़की को नहीं छोड़ा। इसके बाद उसके फोन पर सुभाष ने धमकी दी कि अगर बीस हजार रुपए की राशि नहीं दी तो लड़की सही सलामत नहीं आएगी। इस संबंध में उसने पुलिस थाने के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी अवगत कराया।

पुलिस ने आरोपी सुभाष के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने अपहरण की गई लड़की को आरोपी सुभाष के कब्जे से छुड़ाया। इस आरोपी के दो सहयोगियों वीरूराम और पूनिया उर्फ पवन कुमार को गिरफ्तार किया। मेडिकल जांच के बाद अदालत में पीडि़ता सहित दस जनों ने अपने बयान दर्ज कराए।
विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि अदालत ने मुख्य आरोपी सुभाष वाल्मीकि को विभिन्न धाराओं में दोषी माना। अदालत ने इस दोषी को आईपीसी की धारा 363 व धारा 366 में तीन-तीन साल कठोर कारावास और तीन-तीन हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

जुर्माना अदा नहीं करने पर एक एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा। इसी तरह पोक्सों एक्ट की धारा 3-4 में आठ साल कठोर कारावास व दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना निर्धारित समय अवधि में जमा नहीं कराने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा। शेष दोनों आरोपियों में से वीरूराम को बरी कर दिया जबकि पवन उर्फ पूनियां फरार होने के कारण उसका प्रकरण लंबित रखा गया है।

श्रीगंगानगर. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. सुभाष राजोतिया को हैनीट्रेप में फंसाने के मामले में मुख्य आरोपी को पंजाब पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार किया है। पंजाब के मोहाली में पुलिस थाना सुहाना के एएसआई और जांच अधिकारी हरविन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी धर्मपाल सहारण को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है।

वह मूल रूप से गणेशगढ़ गांव का रहने वाला है लेकिन जयपुर के जगतपुरा में रहता है। इस धर्मपाल सहारण ने अपने साले दलीप के साथ मिलकर राजोतिया से मोटा माल कमाने के लिए हैनीट्रेप का जाल बिछाया था।

राजोतिया से पहले तीन करोड़ रुपए में डील करने का प्रस्ताव किया लेकिन इतनी बड़ी से राजोतिया ने इंकार किया तो उससे अस्सी लाख रुपए का सौदा तय कर लिया। इसके लिए बीस हजार रुपए की पेशगी भी दी गई।

यह रकम मुख्य आरोपी धर्मपाल ने अपने बैंक खाते में ऑनलाइन मंगवाई थी। इस एंट्री से राजोतिया ने हैनीट्रेप का खुलासा करने के लिए पंजाब पुलिस की मदद मांगी। सुहाना पुलिस थाने के जांच अधिकारी ने बताया कि जयपुर में आरोपी धर्मपाल को गिरफ्तार किया गया है। इस पर ब्लैकमेलिंग के आरोप में डा.़ राजोतिया ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

इधर, चिकित्सक राजोतिया ने बताया कि उसे हैनीट्रेप में फंसाने के लिए धर्मपाल और उसके साले ने यह पूरी खेल खेला था। इस गैंग में माहोली के विक्रम, राजेन्द्र सिंह, दलीप के अलावा एक युवती भी शामिल थी। करीब एक महीने पहले इन सभी के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मामला सुहाना थाने में मामला दर्ज कराया था।

राजौतिया ने अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द होने की उम्मीद बताई है। ज्ञात रहे कि इसी साल पच्चीस मार्च को माहोली में एक होटल में एक बॉडी मॉडल से रेप करने के आरोप में राजोतिया को पंजाब पुलिस ने काबू किया था।

इस मॉडल ने खुद को रोगी बताते हुए उपचार के लिए चिकित्सक से संपर्क किया और उसे होटल में बुला लिया। होटल के कमरे में आकर चिकित्सक ने उपचार की आड़ में उससे दुराचार किया। इस दौरान मॉडल के फोन कॉल पर पंजाब पुलिस ने आकर चिकित्सक को दबोच लिया था।
इधर, चिकित्सक राजोतिया ने बताया कि आरोपी धर्मपाल और उसके साथियों ने उससे संपर्क कर पूरा मामला रफा दफा करने के एवज में तीन करोड़ रुपए की मांग की थी। इसके बाद उससे अस्सी लाख रुपए में सौदा तय होने की बात कही गई।

इस सौदे के अनुसार पेशगी के तौर पर उससे बीस लाख रुपए मांगे। लेकिन इतनी बड़ी राशि फिलहाल नहीं होने की बात टाल दी।

लेकिन बीस हजार रुपए देने पर अड़ गए। बीस हजार रुपए की यह राशि दस अप्रेल को मुख्य आरोपी के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई। राजोतिया ने इन लोगों की पड़ताल कराई तो ये हैनीट्रेप की साजिश की कहानी सामने आई। हालांकि आईएमए के पदाधिकारियों ने पहले ही हैनीट्रेप की आंशका जताई थी।

सोहाना पुलिस के मुताबिक 25 मार्चकी शाम को एक युवती ने वुमन हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन कर बताया कि वह एक होटल में है और बहुत ही मुश्किल हालात में है। इस सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पीडि़त युवती से पूछताछ की।

पीड़िता ने बताया कि डॉ. राजोतिया ने चेकअप करने के बहाने होटल के कमरे में बुलाया। उसे कोई गोली खाने के लिए दी,जिससे वह बेहोश हो गई। कुछ देर बाद होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। डॉक्टर ने उससे दुष्कर्म किया है।

पीड़िता ने यह आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने उसी समय 10 हजार देकर मामला आगे नहीं बढ़ाने के लिए भी कहा, लेकिन उसने 112 नंबर पर फोन कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि डॉ. राजोतिया मौके पर ही मिल गए थे, लेकिन पीड़िता द्वारा दी गई रिपोटज़् के आधार पर दुष्कमज़् का प्रकरण दजज़् कर दो-तीन दिन तक गहनता से पड़ताल की गई। इसके बाद डॉक्टर को हिरासत में ले लिया गया।

इक्कीस वर्षीय अविवाहित यह युवती मूल रूप से बठिंडा की निवासी है, जो बॉडी मॉडल का काम करती है। इस युवती का कहना था कि इस महीने के प्रथम सप्ताह में वह किसी काम से श्रीगंगानगर गई थी, जहां बाथरूम में गिर जाने से चोटिल हो गई थी।

उसके कमर में चोट लगी। तब वह राजोतिया हॉस्पिटल में इलाज करवाने गई थी। उस दौरान डॉ राजोतिया ने मोबाइल फोन नंबर ले लिए थे। इसके बाद वह मोहाली आ गई। डॉक्टर ने फोन करके बताया कि वह भी यहां आया हुआ है। उसने चेकअप करवाने के बहाने होटल में बुलाया और फिर दुष्कर्म कर डाला।

श्रीगंगानगर. हाउसिंग बोर्ड चौराहे पर बड़े और महंगे भूखंड पर मालिकाना पर नगर विकास न्यास के बाद नगर परिषद ने अपनी संपति का दावा करते हुए वहां साइन बोर्ड लगा दिए है। इससे विवाद बढ़ गया है। इन दोनों संस्थाओं ने अपने अपने अधिकार क्षेत्र में होने की बात कही है। इस भूखंड की बोली 70 करोड़ तक लग चुकी है।

दरअसल यह भूखंड डाक विभाग को आवंटित किया गया था। वहीं यूआईटी का दावा है कि यह भूखंड पहले डाक विभाग को दिया था लेकिन उन्होंने वहां निर्माण नहीं कराया तो यह भूखंड निरस्त कर न्यास ने बेचान करने के लिए निलामी लगाई थी।

करीब नौ साल पहले इस भूखंड की निलामी के दौरान बोलीदाताओं ने आपसी स्पर्धा होने के कारण रुपए जमा नहीं कराए तो यह बोली निरस्त कर दी गई। इस बीच डाक विभाग ने नगर विकास न्यास के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर इस भूखंड के बेचान प्रक्रिया पर रोक लगाने की गुहार की।

यह प्रकरण अब भी कोर्ट में विचाराधीन है। इधर, नगर परिषद ने पिछले दो दिनों से इस भूखंड में डाली जाने वाली गंदगी को साफ कराया और वहां चारों ओर लोहे की जाली लगाने की प्रक्रिया शुरू की तो नगर विकास न्यास प्रशासन ने शनिवार देर रात को वहां खुद की संपति के साइन बोर्ड लगा दिए।

इस पर नगर परिषद सभापति करुणा चांडक ने रविवार को वहां नगर परिषद की संपति का दावा करते हुए साइन बोर्ड लगवा दिए, इससे विवाद बढ़ गया। रविवार शाम को जिला कलक्टर जाकिर हुसैन ने बीच बचाव करते हुए नगर परिषद आयुक्त से जवाब मांगा कि यह भूखंड न्यास का है।

न्यास की संपति पर नगर परिषद ने बिना अनुमति वहां साइन बोर्ड कैसे लगवा दिए। इस पर नगर परिषद प्रशासन ने बोर्ड हटाने की बात कही है। नगर विकास न्यास प्रशासन ने वर्ष 1984 में डाक विभाग को दो भूखंड आवंटित किए थे।

हाउसिंग बोर्ड के सामने सुखाडि़यानगर में एक भूखंड पर डाक विभाग की ओर से सरकारी आवास का निर्माण करवाया गया जबकि दूसरे भूखंड को ऑफिस बनाने के लिए आरक्षित रख लिया।

बजट नहीं आने के कारण डाक विभाग ने वर्ष 2005 में न्यास प्रशासन से इस भूखंड को आवासीय से कॉमर्शियल के रूप में अनुमति देने का आग्रह किया। लेकिन न्यास प्रशासन ने डाक विभाग का यह प्रस्ताव निरस्त कर दिया।

हालांकि इस भूखंड के बहाल करने के लिए डाक विभाग की ओर से पत्र व्यवहार भी किया गया था। यहां तक कि आवंटन निरस्त के खिलाफ कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी।

न्यास ने इस भूखंड को बोली में बेचने की प्रक्रिया भी अपनाई लेकिन बड़ी राशि की खरीददारी होने के कारण राशि जमा नहीं हो पाई तो यह निलामी अटक गई।

इस बीच डाक विभाग ने यहां सिविल न्यायालय में न्यास के खिलाफ मामला दायर कर दिया। डाक विभाग का कहना है कि आवंटित होने के बावजूद न्यास प्रशासन ने यह भूखंड किस आधार पर बेचान करने की प्रक्रिया अपनाई।

अब भी यह प्रकरण कोर्ट मे विचाराधीन है। इस बीच वर्ष 2012 में न्यास प्रशासन ने इस भूखंड को बेचान करने के लिए न्यास परिसर में ही खुली लगाई। उत्तर प्रदेश से एक फर्म के दो लोगो ंको व्यापारी बताकर वहां पेश किया गया।

पहले व्यक्ति ने इस भूखंड की बोली 26 करोड रुपए की लगाई तो दूसरे व्यक्ति ने 70 करोड़ रुपए की बोली लगाकर सबको चौंका दिया था। न्यास प्रशासन ने इस व्यक्ति से 15 लाख रुपए की राशि भी जमा कराई थी।

नियमानुसार भूखंड की बोली लगाने वाले बोलीदाता को बोली राशि का 25 प्रतिशत हिस्सा जमा करवाना होता है। लेकिन बोलीदाता का कहना था कि यह बोली इतनी ऊंची जाएगी, यह पता नहीं था।

इस कारण उसने पन्द्रह लाख रुपए जमा करवा कर शेष राशि चार दिन में जमा कराने का आश्वासन दिया। लेकिन वह नहीं आया। यहां तक कि उसके पते पर नोटिस भी जारी किए गए लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया तो यह राशि न्यास प्रशासन ने जब्त कर ली।

नगर परिषद सभापति करुणा चांडक और उनके पति अशोक चांडक ने रविवार सुबह इस भूखंड की चारदीवारी करने आए तब वहां यूआईटी का साइन बोर्ड देखा तो उसी समय नगर परिषद से भी संपति दावे का बोर्ड लगवा लिया। चांडक का कहना था कि इस भूखंड पर पिछले ३७ सालों से लोग गंदगी डाल रहे है।

वहां सफाई कराने की बजाय कचरा प्वाइंट बना दिया गया है। तब यूआईटी कहां थी। उनका यह भी कहना था कि जवाहरनगर एरिया न्यास ने वर्ष 2014 में नगर परिषद को सुपुर्द कर दिया है तो इस भूखंड के स्वामित्व का अधिकार भी नगर परिषद को सौंपा जाना चाहिए।

यह भूखंड किसका है, इस संबंध में दस्तावेज तो दिखाएं। चांडक के अनुसार यह भूखंड यूआईटी का नहीं है लेकिन जानबूझकर इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।यूआईटी सचिव डा.़हरिमिता ने नगर परिषद आयुक्त को नोटिस थमाया है। इसमें बताया गया है कि यह भूखंड न्यास का है।

उन्होंने राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2013 के नियमों का हवाला देते हुए है लिखा है कि हस्तान्तरित योजनाओं में रिक्त भूखंड का विक्रय संबंधित न्यास द्वारा किया जाएगा। इस भूखंड का प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। इय भूखंड पर नगर परिषद की ओर से स्वामित्व का बोर्ड लगाया है, तुरंत प्रभाव से हटा लेना चाहिए।

-पहली से आठवीं तक हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों को किया गया है शामिल...कार्य पुस्तिकाओं से कम होगा 'लर्निंग गैप' शुरु हुई एनएएस की तैयारियां
-नि:शुल्क होगा वितरण
--कृष्ण चौहान
श्रीगंगानगर.कोरोना वायरस के कारण बीते दो सालों से अस्त-व्यस्त चल रही पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश का शिक्षा विभाग हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसके चलते अब राज्य के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को कार्य-पुस्तिकाओं का वितरण किया जाएगा। फिलहाल ये कार्य पुस्तिकाएं कक्षा-1 से कक्षा-8 तक के छात्र-छात्राओं के लिए उनकी बुनियादी दक्षताओं और अधिगम स्तर के आधार पर तैयार की गईं है। उल्लेखनीय है कि इन कार्य पुस्तिकओं का निर्माण बैक टू स्कूल कार्यक्रम के तहत राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद और आरएससीइआरटी के संयुक्त प्रयासों से किया गया है।

-दो माह चलेगा ब्रिज कोर्स
परिषद ने कार्य पुस्तिकाओं को दो भागों में बांटा हैं,जिसके पहले चरण में ब्रिज कोर्स के तहत दो माह तक कार्य पत्रकों पर अभ्यास करवाया जाएगा। इस आधार पर बच्चे का प्राथमिक और समग्र आकलन होगा। जबकि दूसरे चरण में विद्यार्थियों के अधिगम स्तर के अनुरूप अतिरिक्त कक्षाओं के द्वारा वर्ष पर्यंत उपचारात्मक शिक्षण सुविधा दी जाएगी।

-तीन कक्षाओं में एनएएस की सामग्री
विभाग ने कक्षा-3, 5वीं व आठवीं की कार्यपुस्तिकाओं में नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021 की तैयारियों के लिए अभ्यास सामग्री को सम्मिलित किया है। इसके साथ-साथ बच्चों के लिए इस सर्वे के पूर्व अभ्यास हेतु एनएएस- 2017 का प्रश्न पत्र भी कार्यपुस्तिकाओं के अंत में जोड़ा गया है।

-घर-घर पहुंचेगें गुरुजी
कोविड-19 के कारण वर्तमान में विद्यार्थियों के लिए विद्यालय बंद है। ऐसी स्थिति में विषय अध्यापकों के द्वारा आओ घर से सीखे-2 कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यार्थी के घर पर जाकर उसे कार्य पुस्तिका में कार्य करवाना होगा। इसके अलावा कार्य पत्रकों पर आकलन की नियमित समीक्षा की जिम्मेदारी भी शिक्षकों पर ही रहेगी।

-यूं रहेगा स्तरानुसार विभाजन

कक्षा पुस्तिका का नाम सीखने के प्रतिफल

तीसरी पहल कक्षा-1 से 2
चौथी व पांचवी प्रयास कक्षा-2 से 4
छठी व सातवीं प्रवाह कक्षा-4 से 6
आठवीं प्रखर कक्षा-5 से 7

फैक्ट फाइल
जिला स्तर
जिले में लाभान्वित होने वाले सरकारी स्कूल - 1927
जिले में लाभान्वित होने वाले विद्यार्थी -205813
राज्य स्तर
प्रदेश में लाभान्वित होने वाले माध्यमिक स्कूल- 14793
प्रदेश में लाभान्वित होने वाले प्रारम्भिक स्कूल- 49301
राज्य के कुल सरकारी विद्यार्थी - 8583572

विभाग द्वारा जारी इन चारों कार्य पुस्तिकाओं का उद्देश्य विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में होने वाली क्षति को कम करना है। इससे आकलन के आधार बच्चे उपचारात्मक शिक्षण से भी लाभान्वित हो सकेंगे।
-भूपेश शर्मा,समन्वयक,विद्यार्थी परामर्श केंद्र,शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर।

कार्य पुस्तिकाओं के वितरण और उपयोग संबंधी विस्तृत निर्देश जारी कर सभी सीडीइओ को पाबंद किया है। प्रारम्भिक व माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कृत शिक्षा के स्कूलों में भी कार्यपुस्तिकाएं पंहुचाई जा रहीं है।
-सौरभ स्वामी,निदेशक,शिक्षा विभाग,बीकानेर।

नशा का त्याग,पर्यावरण संरक्षण व महिला शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान

-राजस्थान बावरी समाज विकास संस्था का संवाद कार्यक्रम
श्रीगंगानगर.नशा का त्याग,पर्यावरण संरक्षण व महिला शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया। रविवार को राजस्थान बावरी समाज विकास संस्था का संवाद कार्यक्रम रावला मंडी स्थित बावरी समाज की धर्मशाला में सेवानिवृत कैप्टन भगवानसिंह की अध्यक्षता में में हुए कार्यक्रम में किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व विधायक शिमला देवी बावरी ने कहा कि समाज की जागृति,एकता व महिला शिक्षा को बढ़ावा देने,समाज में व्याप्त कुरीतियों का त्याग करने पर ही समाज आगे बढ़ सकता है।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि महिला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी रायसिंहनगर की अध्यक्ष रामदेवी बावरी ने कहा कि समाज की बेटियां को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ाने की संस्था की मुहिम जारी रखनी चाहिए और पर्यावरण संरक्षण का महत्व को समझते हुए पौधरोपण किया जाए।

कार्यक्रम में मास्टर छोटूराम,प्रदेश सचिव कृष्ण चौहान,पूर्व सरपंच मुख्यार सिंह,वरिष्ठ अध्यापक रामप्रकाश व लेखराज बावरी ने कहा कि समाज की जागृति के लिए निस्वार्थ भावना से समाज की सेवा करनी चाहिए। संस्था का संवाद कार्यक्रम 25 जुलाई को गुंसाई मंदिर घड़साना में किया जाएगा।

बावरी समाज की धर्मशाला में होगा हॉल का निर्माण

रावला मंडी में बावरी समाज के हुए कार्यक्रम में समाज की धर्मशाला में एक हॉल निर्माण करवाने का निर्णय किया गया। इसमें पूर्व विधायक शिमला देवी बावरी ने निर्माण कार्य के लिए ईंटों का सहयोग करने की घोषणा की है। रावला क्षेत्र के समाज के सात सरपंचों ने अन्य निर्माण सामग्री के लिए एक बार 11-11 हजार रुपए की सहयोग राशि देने की घोषणा की है। समाज के नानकराम चौहान,जीत सिंह,मास्टर अर्जुन लाल,मनीराम बावरी सहित अन्य ने दस-दस हजार रुपए धर्मशाला विकास के लिए सहयोग राशि देने की घोषणा की है। एक हजार रुपए मौके पर ही गुरादेवी ने धर्मशाला निर्माण के लिए सहयोग दिया।

पुलिस अधीक्षक से मिलने का निर्णय

लेखराज बावरी सहित अन्य समाज के लोगों ने रावला क्षेत्र में कुछ माह पहले एक महिला की हत्या व बालात्कार प्रकरण में अभी तक कार्रवाई नहीं होने पर रोष वक्त किया गया तथा संस्था की मीटिंग में यह तय किया गया कि इस प्रकरण में जल्द ही संस्था का एक शिष्टमंडल पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत श्रीगंगानगर से मिलकर इस प्रकरण में शामिल मुल्जिमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी जाएगी।

ब्लॉक स्तरीय कार्यकारिणी का किया गठन

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राजस्थान बावरी समाज विकास संस्था की कार्यकारिणी का गठन कर सेवानिवृत कैप्टन भगवान सिंह को अध्यक्ष व राजाराम को सचिव बनाया गया है। कार्यकारिणी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रिछपाल सिंह,उपाध्यक्ष कृष्ण लाल भाटी,उप सचिव राजकुमार,कोषाध्यक्ष डॉ.कमल चौहान,संगठन मंत्री मोहन रोजड़ी,संगठन मंत्री अर्जुन लाल व मीडिया प्रभारी ओमप्रकाश को चुना गया।

जिला स्तर पर सरपंचों का दबदबा
जिला कार्यकारिणी सदस्यों में ग्राम पंचायत 12 एमएलडी सरपंच पति मेघराज,आठ केएनडी सरपंच पति तूलसा राम,6 एसकेएम सखी के सरपंच पति सोहन लाल राठौड़,पांच पीएसटी सरपंच पति दर्शन सिंह बावरी व 22 आरजेडी सरपंच पुत्र कश्मीर सिंह को चुना गया।

प्रदेश में इन्होंने बनाई जगह

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों में नानक राम चौहान,स्वर्ण सिंह राठौड़,मनीराम चौहान,हंसराज पंवार व मास्टर भगवानाराम को चुना गया।

श्रीगंगानगर. पाकिस्तान सीमा पार गए वीर सिंह के परिजनों ने उसके वापस लौटने की आस छोड़ दी थी लेकिन केसरीङ्क्षहसपुर पुलिस थाने से वीडियो कॉल में उसके सही सलामत को देखा तो सुकून मिला। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के नलवट गांव के रहने वाले वीर सिंह पुत्र भीम सिंह मंदबुद्धि है।

वह अक्सर अपने घर से बिना बताए चला जाता था लेकिन कुछ दिनों बाद वापस घर लौट आता। लेकिन पिछले तीन महीने से अधिक समय से उसका अता पता नहीं मिलने पर परिजनों ने उसके वापस आने की उम्मीद छोड़ दी।

लेकिन केसरीसिंहपुर पुलिस ने वीडियो कॉल से उसके परिजनों को दिखाया तो उन्होंने भगवान का शुक्रिया कहा। इधर, केसरीसिंहपुर पुलिस अब जांच एजेसियों के पास संयुक्त पूछताछ केन्द्र में इस वीर सिंह को पेश करेगी।

पाकिस्तान सेना की भारतीय सीमा सुरक्षा बल के साथ हुई फ्लैग मीटिंग के दौरान मंदबुद्धि वीर सिंह को 5 एस सीमा चौकी पर सुरक्षा बलों को सौंपा गया।

पाकिस्तानी सेना की ओर से पुश बैक करने के बाद बीएसएफ ने इस युवक को केसरीसिंहपुर पुलिस के सुपुर्द किया। केसरीङ्क्षसहपुर थाना प्रभारी सुशील खत्री ने बताया कि वीर सिंह ज्यादा किसी से बात नहीं करता। वह रोटी खाकर सोता है।

वह कैसे आया और कहां से आया, यह ज्यादा बताता नहीं है। पाकिस्तान में तीन माह पहले वह बॉर्डर पार कर चला गया था। वहां कड़ी पूछताछ में भी पाक सेना ने उसे मंदबुद्धि का बताते हुए वापस पुशबैक करने का निर्णय लिया।

पुलिस ने किया परिजनों से संपर्क केसरीसिंहपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में बेडि़या पुलिस से संपर्क किया था।

बेडि़या थाने के पुलिस कर्मियों ने नलवट गांव के सरपंच देवीसिंह से वीर सिंह के बारे में बताया। वहां से वीडियो कॉल कराई गई तो वीर सिंह के परिजनों ने देखा।

उसके परिवार में उसकी पत्नी सोनूबाई के अलावा दो बेटियां, मां और भाई है।

इधर, सीआईडी जोन की एडिशनल एसपी दीक्षा कामरा ने बताया कि सोमवार को वीरसिंह के आने के बाद ही उससे पूछताछ की जाएगी। वीरसिंह पाकिस्तान में तीन महीने पहले पहुंच गया था।

उसके परिजन काफी गरीब है, एेसे में उसके पास रेल या बस का किराया भी नहीं था।

यहां तक कि लॉक डाउन में वाहनों की आवाजाही भी नहीं थी कि वह किसी ट्रक या अन्य वाहन के माध्यम से बॉर्डर तक जा सके।

परिजनों ने सरपंच से सवाल किया कि नलवट गांव से पाक सीमा तक करीब दो हजार किमी दूर वह कैसे पहुंच गया। पाकिस्तान सीमा के अंदर किस रास्ते पहुंचा, यह पहेली बना हुआ है।

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