>>: Digest for July 20, 2021

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देवगढ़. एक सप्ताह पूर्व खीमाखेड़ा गांव से रहस्यमय ढंग से गायब हुए व्यक्ति की तलाश और जांच को लेकर पुलिस गम्भीर नजर नहीं आ रही है। अभी तक पुलिस के पास न तो कॉल डिटेल, लोकेशन है, न गायब हुए व्यक्ति के पिता द्वारा बताए संदिग्धों से कोई पूछताछ की गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है।

खीमाखेड़ा गांव से गत 11 जुलाई को लक्ष्मण सिंह (47) पुत्र भैरूसिंह रावत अपने गांव से अपनी कार लेकर होटल राजमार्ग जाने का कहकर घर से निकला था, जो अब तक वापस नहीं आया। उसकी कार 15 जुलाई को भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा में लावारिस हालत में मिली थी, जिसे पुलिस चौकी में खड़ी करवाई। हैरतअंगेज बात यह कि पुलिस चौकी से ही रात में गाड़ी चोरी हो गई। इसकी सूचना गुलाबचुरा पुलिस ने दिवेर थाना पुलिस को दी।

भाई ने दो दिन पहले कराई रिपोर्ट
इस मामले में गत 16 जुलाई को उसके भाई प्रताप सिंह ने दिवेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके बाद दिवेर पुलिस ने छानबीन की कार्यवाही शुरू की। दिवेर थानाधिकारी पारसमल ने बताया कि पुलिस टीम और ग्रामीणों ने लक्ष्मण सिंह और उसकी गाड़ी की किशनपुरा व खीमाखेड़ा के जंगलों, बाघाना, कालीघाटी सहित अन्य स्थानों पर दूसरे दिन भी तलाश की, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस सभी जगह सीसीटीवी फुटेज भी चेक कर रही है। थानाधिकारी ने बताया कि गत 15 जुलाई को गुलाबपुरा चौकी से गाड़ी चोरी होने के बाद उसी रात 10.45 बजे जवाजा-तारागढ़ टोलनाके से वह गाड़ी गुजरी, जो सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दी। इधर, लक्ष्मण सिंह के परिजन गुलाबपुरा पुलिस से गाड़ी के बारे में जानकारी लेने के लिए गुलाबपुरा पहुंचे।

पिता ने दो लोगों पर जताया संदेह
गायब व्यक्ति के पिता भैरूसिंह ने अपने पुत्र के अचानक गायब होने के पीछे कुछ सम्भावित कारण बताए हैं। बताया कि लक्ष्मण सिंह के साथ अक्सर बैठकर शराब पीने वाले एवं लक्ष्मण सिंह पर पूर्व में एक बार हमला कर चुके व्यक्ति पर शंका जताई है।

पत्नी नहीं देती थी खाना, चल रही थी अनबन
लक्ष्मण सिंह के पिता ने यह भी बताया कि लक्ष्मण सिंह व उसकी बहू के बीच काफी समय से अनबन चल रही थी। उसने बेटे को खाना भी नहीं देने का आरोप लगाया है। इस स्थिति में वह घर के पास उसी के खेत में बने शराब के ठेके पर ही रहता था।

उम्र के आखिरी पड़ाव में पिता लगा रहा थाने के चक्कर
पत्रिका से बातचीत के दौरान भैरूसिंह ने बताया कि उनकी उम्र 83 साल है। उम्र के इस पड़ाव पर मेरे बेटे को ढूंढने के लिए पुलिस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने रुंधे गले से कहा, बेटे को गायब हुए 8 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक सिर्फ आश्वासन दे रही है और टालमटोल ही कर रही है। उनका आरोप है कि पुलिस ने कॉल डिटेल भी नहीं निकाली न लोकेशन की जांच की है।

पुलिस पर उठ रहे सवाल
- परिवारजनों के कई बार कहने के बावजूद भी लक्ष्मण सिंह की कॉल डिटेल अब तक नहीं निकलवाई है, जिससे पता नहीं चल पा रहा है कि आखिरी बार उसकी किनसे बात हुई।
- पिता ने दो लोगों पर सन्देह जाहिर किया, फिर भी पुलिस ने अब तक उनसे कोई पूछताछ नहीं की है।
- गुलाबपुरा पुलिस चौकी से गाड़ी कैसे चोरी हो गई और अब तक वापस बरामद क्यों नहीं हुई, यह भी सवालों के घेरे में है।
- ब्यावर-गोमती हाइवे पर जवाजा-तारागढ़ टोलनाके के सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी दिखाई दी। फिर देवगढ़ कस्बे में गाड़ी दिखने के बाद भी पुलिस अब तक पता नहीं लगा सकी है।
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पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाकर आसपास के जंगलों और गांवों में तलाश की गई, लेकिन गुमशुदा व्यक्ति ओर कार का कोई सुराग नहीं लगा। चारभुजा थाना क्षेत्र के लाम्बोड़ी एवं खमनोर थाना क्षेत्र में दोनों स्थानों पर कुएं में रस्सी से बांधकर लटकाए शवों की सूचना मिलने पर परिजनों को वहां भेजकर शिनाख्त भी करवाई, लेकिन दोनों शव लक्ष्मण सिंह के नहीं बताए। सोमवार को साइबर टीम बुलवाकर गुलाबपुरा से यहां तक की मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर आगे जांच की जाएगी।
पारसमल, थानाधिकारी, दिवेर

खमनोर. थाना क्षेत्र के झालों की मदार में रविवार को गांव के बाहर कुएं में एक 40-45 साल की उम्र के पुरुष का तीन से चार दिन पुराना शव मिला है। मृतक के दोनों हाथ पैरों से बंधे हुए थे। शरीर पर अण्डरवियर के अलावा कोई कपड़ा नहीं था। शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस इसे हत्या का मामला मान जांच में जुट गई है। पुलिस को शक है कि हत्या कहीं और कर शव यहां लाकर डाल दिया है। शव को फिलहाल डीप फ्रिजिंग करवा दिया है। मृतक की पहचान के लिए प्रदेशभर के थानों में हुलिए की जानकारी भिजवाई है।

झालों की मदार में विकलाई नाड़ी के पास कुएं में शव मिला। दिन में बकरियां चरा रहे ग्रामीण ने बदबू आने पर कुएं में झांका तो पता चला। घटना की सूचना पर दोपहर करीब 2 बजे खमनोर थानाधिकारी कैलाशसिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। एसएचओ ने उच्चाधिकारियों को भी जानकारी दी। शव 3-4 दिन पुराना होने से पानी की सतह पर आ गया। लोगों की मदद से शव बाहर निकाला और मुआयना किया। हाथ-पैर आपस में बंधे हुए थे। पुलिस को यह भी शंका है कि कहीं और हत्या की गई और शव यहां लाकर कुएं में डाल दिया। थाना क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है, इससे ये भी माना जा रहा है कि मृतक बाहरी हो सकता है। पुलिस ने दिनभर की तफ्तीश के बाद शाम को शव नाथद्वारा अस्पताल की मोर्चरी में डीप फ्रिजर में रखवा दिया है। अज्ञात व्यक्ति की हत्या का मामला दर्ज किया है।

इस हालत में मिला शव
पुलिस ने लोगों की मदद से शव को कुएं से बाहर निकलवाया। मृतक का रंग गेहूंआ, काले बाल, शरीर हट्टा-कट्टा, हाइट 5.6 फीट एवं दाएं हाथ में स्टील का कड़ा पहने मिला। दायां हाथ दाएं पैर के साथ एवं बायां हाथ बाएं पैर के साथ डोरी से कसकर बांध रखा था। बॉडी पूरी तरह नग्न हालत में थी।

एफएसएल टीम ने लिए नमूने
पुलिस प्रथम दृष्टया मामला हत्या का ही मान रही है और इसी एंगल से जांच शुरू करने के लिए एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया। उदयपुर से एफएसएल टीम शाम करीब 6 बजे झालों की मदार पहुंची। टीम ने शव एवं घटनास्थल के आसपास से कई सबूत जुटाए।

अधिकारी और स्पेशल टीम जुटी
घटना की सूचना पर करीब 4 बजे एएसपी राजेश गुप्ता, नाथद्वारा उपाधीक्षक जितेंद्र आंचलिया भी मौके पर पहुंचे। स्पेशल टीम में शामिल एसएचओ पेशावर खां, आईटी सेल व अन्य मामले की तफ्तीश कर रहे हैं।

हुलिए से शिनाख्तगी की मशक्तत
अज्ञात व्यक्ति के शव की शिनाख्तगी के लिए हुलिये व फोटो के आधार पर प्रदेश के समस्त पुलिस थानों के अलावा अजमेर व जोधपुर जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) को भी इश्तिहार भिजवाएं हैं। पुलिस इलाके के रूटों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के पिछले 4-5 दिन व रात के फुटेज भी खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि स्थानीय बाशिंदों से पूछताछ एवं अन्य तरिकों से जानकारी जुटाकर अनुसंधान की कडिय़ां जोडऩे की कोशिश की जा रही है।

देवगढ़. अजमेर में आयोजित सेना भर्ती रैली में मगरा क्षेत्र के भीम-देवगढ़ से 200 से ज्यादा युवाओं ने पहली बाधा पार कर ली है। रैली में अपना दमखम दिखाते हुए दौड़ निर्धारित समय में पूरी की और उसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी सफल हुए। अब उनके सामने केवल लिखित परीक्षा देकर आखिरी बाधा पार करने की चुनौती है।
भर्ती रैली के लिए युवा सुबह 4 बजे उठकर दौड़ लगाने का लम्बे समय से अभ्यास कर रहे थे। जिले के हजारों युवाओं ने 1600 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया और उनमें से 200 से अधिक सफल हो गए। विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने भर्ती रैली से पहले युवाओं के लिए जरूरी मदद भी मुहैया करवाई।
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भीम-देवगढ़ शहीदों की पावन धरा है। यहां के युवाओं को नई दिशा देने के लिए अभियान चलाया जाएगा, जिससे युवा गैंगवॉर में लिप्त न होकर अपने पूर्वजों की तरह देश के लिए कुर्बान हों।
सुदर्शन सिंह रावत, विधायक

मगरा क्षेत्र फौजियों का गढ़ है। कुछ समय से युवा नशा, गैंगवॉर में शामिल हो गए थे। अब हालात फिर से बदल रहे हैं। क्षेत्र के युवाओं का यह अभियान उनमें देश प्रेम का जज्बा पैदा करेगा।
देवेन्द्र सिंह, राजस्थान पुलिस

पिछले 2 सालों से 30 से अधिक मेराथन प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, इसी कारण आज इतने युवा मेडिकल टेस्ट में फिट पाए गए। इस लम्बे सफर में कई भामाशाहों और प्रशाशन का भी योगदान रहा। यह संघर्ष जारी रहेगा।
प्रवीण सिंह चौहान, भीम

क्षेत्र के युवाओं ने जिस प्रकार अजमेर सेना भर्ती रैली में दमखम दिखाया, उससे उनकी दिन-रात की मेहनत साफ झलकती है।
राजेश सिंह चौहान, भीम

मगरा के हर घर से फौजी निकलेगा, यह सभी युवा मिलकर तय करें। सेवानिवृत्त फौजी आगे बढ़कर हम सभी का साथ दें, जिससे यह सपना साकार हो सके।
ईश्वर सिंह चौहान, भीम


रावत राजपूत महासभा देगी लिखित परीक्षा की निशुल्क कोचिंग
देवगढ़. राजस्थान रावत राजपूत महासभा प्रदेशाध्यक्ष नाथूसिंह चौहान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह पीटीआई, संरक्षक नंदकिशोर सिंह व कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार अजमेर सेना भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण दिवेर क्षेत्र के युवाओं के लिए लिखित परीक्षा की तैयारी की निशुल्क कोचिंग करवाई जाएगी। प्रवक्ता जसवंत सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों के पंजीयन के उपरांत भीम व ब्यावर में निशुल्क कोचिंग के साथ निशुल्क आवासीय व्यवस्था भी की जाएगी। उन्हें अनुभवी प्रशिक्षकों के माध्यम से मार्गदर्शन दिया जाएगा। युवा पंजीयन करवा सकते हैं।

केस - 01
भंवरलाल साहू (६९) पुत्र उदयलाल को सांस लेने में तकलीफ पर गत ५ जनवरी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जांच में कोरोना पॉजिटिव आए। हालत गंभीर होने पर ९ जनवरी को उदयपुर चिकित्सालय में रेफर किया गया, जहां १९ दिन लगातार इलाज के बाद २८ जनवरी को कोरोना के कारण मृत्यु हो गई। शव की रवानगी और अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन से हुआ, लेकिन तब मृत्यु कोविड से होना नहीं माना।
केस - ०2
प्रवीण पीपाड़ा (४३) पुत्र नवरत्नमल पीपाड़ा को १९ अप्रेल की रात सांस लेने में परेशानी होने पर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। हालत और गंभीर होने पर उदयपुर चिकित्सालय रैफर कर दिया। कोरोना का उपचार लेने के दौरान २० अप्रेल को दिन में एक बजे उनकी मृत्यु हो गई। प्रवीण का शव बॉडी बैग में पैक करके भेजा गया। गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार भी किया गया, लेकिन कोरोना मृतकों सूची में वह शामिल नहीं है।
केस - 03
चतुर्भुज पालीवाल (७१) पुत्र नाथूलाल पालीवाल ३० अप्रेल को संक्रमित हुए। ६ मई को ऑक्सीजन लेवल तेजी से घटने से उन्हें तुरन्त जिला चकित्सालय में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान ८ मई को चिकित्सालय में मृत्यु हो गई। कोविड गाइडलाइन से ही अन्तिम संस्कार किया गया। मृतक के पुत्र गिरिराज पालीवाल ने बताया कि पिता की मृत्यु का कारण कोरोना नहीं दर्शाया गया। समस्त उपचार कोरोना संक्रमण से सम्बंधित ही था।
केस - 04
उमर मोहम्मद रंगरेज पुत्र मोहम्मद की गत वर्ष 20 जुलाई को उदयपुर में कोरोना से मौत हो गई थी। अब्दुल रहमान पुत्र खुदाबख्श की एक जुलाई, 2020 को कोरोना के चलते मृत्यु हुई। दोनों के परिजन सम्बंधित अस्पताल में उपचार सम्बंधी रिकॉर्ड लेने के लिए राजसमंद से उदयपुर तक तीन-तीन बार चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। परिजन राजसमंद सीएमएचओ से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

योगेश श्रीमाली @ कुंवारिया. कोरोना महामारी की त्रासदी झेल चुके परिवारों को अपनों की मौत को कोविड-19 से होना साबित करने में पसीने आ रहे हैं। सरकार ने मुआवजा देने का ज्योंही ऐलान किया, परिजन जरूरी दस्तावेजों को जुटाने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। ग्रामीण इलाकों के लोग अपनों की मौत के सबूत इकट्ठे करने के लिए परेशान हैं।
सरकार की ओर से सहायता राशि प्राप्त करने के लिए लोग यहां से वहां भटक रहे हैं। सरकारी मदद की सरकार ने घोषणा तो कर दी, लेकिन परिजनों को जरूरी कागजी कार्यवाही में अस्पताल और सम्बंधित चिकित्सा संस्थान सहयोग नहीं कर रहे हैं। पीडि़त और आहत परिवार अब राहत प्राप्त करने के लिए भी पापड़ बेलने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों को नहीं मिल रही जानकारी: मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता की घोषणा के बाद परिजनों को स्पष्ट जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि आवेदन कैसे करें, कहां करें, किसे जमा करवाना है, आवेदन के साथ क्या-क्या जरूरी दस्तावेज लगाने हैं।

जिनका आवेदन मंजूर, उन्हें क्या मिलेगी सहायता
जिन बच्चों के माता-पिता का निधन कोरोना बीमारी से हुआ है, उन्हें पहली बार में एक लाख की आर्थिक सहायता, फिर प्रतिमाह 2500 रुपए
बच्चों की 18 साल की उम्र पूरी होने पर एकमुश्त पांच लाख की मदद
12वीं कक्षा तक की पढ़ाई आवासीय स्कूल में निशुल्क
बेरोजगार युवाओं को भत्ता
कोरोना से जिन महिलाओं के पति की मौत हुई है, उन्हें एकमुश्त एक लाख की आर्थिक सहायता
महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए की पेंशन
विधवा महिलाओं के यदि बच्चे हैं, तो उन्हें अलग से 1000 की सहायता हर माह
बच्चों को ड्रेस व किताबें खरीदने के लिए सालाना 2000 रुपए

विभाग ने 167 व्यक्तियों की मौत मानी कोरोना से
चिकित्सा विभाग की ओर से जारी सूची के अनुसार जिले में २५ मई, २०२० से १७ जून, 2021 तक 167 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई।

कोरोना से मृत्यु होने पर परिवारजनों को सरकार की ओर से सहायता की घोषणा के तहत शहरी क्षेत्र के २७ व ग्रामीण क्षेत्र के १९ आवेदन प्राप्त हुए हैं। सरकारी सहायता के लिए आवेदन में एक अप्रेल, २०२० के बाद कोरोना से मृत्यु होने के चिकित्सालय के प्रमाण-पत्र, जांच रिपोर्ट, उपचार की पर्चियां व आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करना होगा।
डॉ. राजकुमार खोलिया, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, राजसमंद

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