भीलवाड़ा।
जिला प्रशासन के दो निजी अस्पतालों को सीज करने के विरोध में रविवार को शहर के सभी निजी अस्पतालों में हड़ताल रखी गई। डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से मरीज परेशान हुए। निजी अस्पताल बंद रहने से एमजीएच में मरीजो की संख्या ज्यादा रही। मालूम हो, जिला प्रशासन ने कई खामियां मिलने पर जहां आरसी व्यास कॉलोनी के स्वास्तिक हॉस्पिटल को सीज कर दिया था। वहीं तिलक नगर के सिद्धी विनायक अस्तापल में कुछ खामियां मिली लेकिन वहां ट्रोमा व कार्डियो मरीजों को भर्ती रखने की छूट दी थी।
स्वास्तिक चिकित्सालय से बायो मेडिकल वेस्ट को इधर-उधर डालने तथा मरीजों के वाहन को अंदर तक खड़े करने तथा कई तरह की शिकायतें जिला प्रशासन को मिली थी। कोरोना काल में संक्रमण की आशंका जताई गई थी। लोगों का मानना है कि स्वास्तिक अस्पताल में सफाई के पुख्ता इंतजाम नहीं होने से आसपास की कॉलोनियों के लोगों को भी खतरा है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में मरीजों का उपचार नहीं करना भी सीज की वजह बना।
मामला अदालत ले जाने की चेतावनी
प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में आईएमए की आपात बैठक रखी गई। इसमें कार्रवाई की कड़ी भत्र्सना करते लड़ाई को अदालत ले जाने की चेतावनी दी गई। आईएमए अध्यक्ष डॉ.दुष्यन्त शर्मा ने कहा कि अस्पतालों में कुछ खामियां थी तो नोटिस देना चाहिए। कमी दूर करने का समय देना चाहिए। एक संघर्ष समिति बनाई है। इसमें ५० बैड से ज्यादा वाले अस्पतालों के प्रतिनिधि एवं सर्विस डॉक्टर शामिल किए जाएंगे व आगे की रणनीति बनाएंगे। यूनाइटेड प्राइवेट क्लीनिक एंड हॉस्पिटल एसोसिएशन के जिला सचिव डॉ. कुलदीप सिंह नाथावत, डॉ. नरेश पोरवाल, स्वास्तिक हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. हरीश मारू, कैलाश भण्डारी, सुनील लोढ़ा, मोहित जैथलिया, फरियाद मोहम्मद आदि मौजूद थे।
आज भी हड़ताल
आईएमए भीलवाडा संघर्ष समिति के निर्णय अनुसार सोमवार को सभी प्राइवेट अस्पताल व लैब बंद रहेंगे। जब तक सीज अस्पताल सरकार बिना शर्त खोलने के आदेश नहीं देती, तब तक आपातकालीन समेत सभी सेवाएं बंद रहेंगी।