भीलवाड़ा।
जिले के जहाजपुर में आर्यिका रत्न स्वस्ति भूषण माता शाहपुरा प्रवास के बाद 26वें चर्तुमास के लिए कस्बे में गाजे बाजे के साथ मंगल प्रवेश बुधवार को हुआ। शोभायात्रा में बडी संख्या में जैन समाज के लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। स्वस्तिधाम प्रणिता गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी की शोभायात्रा मांगलिक भवन के पास से शोभायात्रा के साथ 26वें चार्तुमास के लिए मंगल प्रेवश हुआ। मंगल प्रवेश में शाहपुरा, पण्डेर, जहाजपुर, मुंबई, इंफाल, जयपुर, कोटा, भीलवाड़ा आदि जगहों से जैन समाज के लोग शामिल होकर माताजी की एकल झलक पाने के लिए आतुर दिखाई दिए। शोभायात्रा भगवान मुनि सुव्रतनाथ धाम पहुंची। जहां भगवान मुनिसुव्रतनाथ का शांतिधारा व अभिषेक किया गया।
धर्म और अध्यात्म में जीवन जीने की कला
आर्यिका रत्न स्वस्ति भूषण माताजी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म और अध्यात्म में जीवन जीने की कला है। अध्यात्म ही अनैतिक व्यक्ति को नैतिक बनाता है। माताश्री ने कहा कि तनाव मुक्ति के लिए अध्यात्म मेडिशन का कार्य करता है। अध्यात्म के अभाव में परिवार में सामंजस्य नहीं रहता है। यदि जीवन में अध्यात्म का समावेश हो तो सभी तरह की समस्याओं का समाधान सहज में प्राप्त हो सकता है। इस मौके पर उपस्थित भक्तों ने माताश्री के श्री चरणों में श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर कार्यकारणी के धनराज जैन, ज्ञानेन्द्र जैन, पारस जैन, भानु जैन, जितेन्द्र जैन, महावीर जैन व दानमल जैन उपस्थित रहे।