>>: शहीद शिवनारायण मीना पंचतत्व में विलीन

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शहीद शिवनारायण मीना पंचतत्व में विलीन,
अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की जुटी भीड़
शहीद के और भारत माता के लगे जयकारे
गूंजे देश भक्ति गीत

करौली जिले में श्रीमहावीरजी के समीप कोडिया गांव के शहीद हुए शिवनारायण की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर को पंचतत्व में विलीन हो गई। उनकी अंतिम यात्रा के मौके पर हजारों लोगों की भीड़ मौजूद कही।

छत्तीसगढ़ के नारायण पुर में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए चाँदन गांव कोडिया निवासी शिवनारायण मीना का पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ किए गए अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोगों ने उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए भावभीनी अंतिम विदाई दी।
शहीद की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह करीब 8 बजे जुलूस के रूप में श्रीमहावीरजी से पैतृक गांव कोडिया के लिए रवाना हुई । इसमे हजारों लोगों ने हिस्सा लिया आईटीबीपी 45 बटालियन के वाहन द्वारा शहीद शिवनारायण मीना की पार्थिव देह को देश भक्ति के गीतों और जयकारों के साथ पैतृक गांव में लाया गया। गांव में सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारियों व जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग तथा पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा सहित जनप्रतिनिधियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए।

इसके बाद सेना के बैंड की धुन पर शहीद के शिवनारायण मीना के पैतृक घर से अंतिम यात्रा शुरू हुई। शहीद शिवनारायण मीना अमर रहे के नारों से गुंजायमान गांव कोडिया में आईटीबीपी के जवानों ने तीन राउंड हवा में गोलियां फायर कर शहीद को अंतिम सलामी दी।
शहीद के छोटे भाई नमोनारायण मीना ने शहीद की चिता को मुखाग्नि दी।

शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर हिण्डौन विधायक भरोसी लाल जाटव , करौली विधायक लाखन सिंह, गंगापुर विधायक रामकेश मीना, पूर्व विधायक गोलमा देवी, पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर, पूर्व विधायक सुरेश मीणा गांव कोडिया पहुंचे । उन्होंने शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाया। इनके अलावा हिण्डौन उपखंड अधिकारी अनूप सिंह ,हिण्डौन सीओ किशोरीलाल थानाधिकारी धर्मसिंह सहित आला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे ।
सभी ने परिजनों को राज्य सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस मौके कहा कि क्षेत्र की वीरों की भूमि राजस्थान के करौली जिले के जवानों ने समय-समय पर अपनी शहादत देकर देश की सीमाओं की रक्षा की शहीद शिवनारायण में ने वीरों की इस परंपरा को आगे बढ़ाया है। इस पर समस्त राजस्थान वासियों को गर्व है।


पिता बोले देश के लिए हुआ कुर्बान शहादत पर है फक्र

अपने माता-पिता के बड़े बेटे शिवनारायण थे। उनसे छोटे नमोनारायण एक बहन मैनावती जो सबसे बड़ी थी। माँ ईसर बाई बेटे की शादी को लेकर तैयारियां कर रही थी। पिता ऊँकार मीना का कहना है कि रोज शाम शिवनारायण का फोन आता था। एक दिन पहले कहा था कि पापा में रक्षाबंधन को घर आ रहा हूं। वो तो नही आया लेकिन उसकी तिरंगे में लिपटी ..........इतना कह कर वह फ़क फक कर रोने लगे ।

मंगलवार को बेटे का फोन नहीं आने से वे कुछ आशंकित तो थे। लेकिन उन्हें शिवनारायण की शहादत की खबर मिलेगी, यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था। उनका कहना है कि बेटे की शहादत का गम तो जीवन भर रहेगा, लेकिन उन्हें अपने बेटे के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है।

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