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वसुंधरा राजे समर्थक पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को भाजपा से निष्कासित किया, बयान पड़े भारी, अब भाजपा से बाहरी Sunday 18 July 2021 04:20 AM UTC+00 अलवर. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के अलवर दौर के दो दिन बाद शनिवार को पार्टी ने डॉ. रोहिताश्व शर्मा को बाहर कर दिया। डॉ. रोहिताश्व की ओर से पिछले दिनों प्रदेशाध्यक्ष, केन्द्रीय मंत्रियों एवं संगठन को लेकर दिए हालांकि पाटी से छह साल के निष्कासन तक शर्मा के संगठन को लेकर दिए गए चुभाऊ बयान जारी रहे। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से शनिवार को जारी आदेश में पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा को अनुशासन भंग करने का आरोप जांच के बाद प्रमाणित पाए जाने पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है। पिछले दिनों वायरल हुए 22 वर्ष पुराने एक पत्र के संदभ में रोहिताश्व शर्मा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद अनुशासनहीता कर चुका हो, अनुशासन की पराकाष्ठा क्रॉस कर चुका हो, वह दूसरे को अनुशासन की क्या सलाह दे सकता है, यह खेद की बात है। वर्चुअल मीटिंग में प्रदेशाध्यक्ष व केन्द्रीय नेताओं पर साधा था निशाना भाजपा अलवर उत्तर जिला की कोरोनाकाल में हुई वर्चुअल मीटिंग में भी रोहिताश्व शर्मा ने पूनिया पर प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद एक बार भी अलवर नहीं आने तथा कोरोना के दौरान प्रदेश के तीन केन्द्रीय मंत्रियों में से किसी के भी अलवर जिले में दौरा नहीं करने पर सवाल खड़े कर आरोप लगाए थे कोरोना के दौरान इन पदाधिकारियों व केन्द्रीय मंत्रियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अकेला छोड़ दिया, जबकि कार्यकर्ता लोगों की सेवा में जुटे रहे। वर्चुअल मीटिंग में पार्टी नेताओं की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करने पर पार्टी की ओर से उन्हें नोटिस दिया गया, जिसका जवाब शर्मा ने पिछले दिनों ही दिया था। प्रदेशाध्यक्ष के दौरे में रहे नदारद, बाद में लगाए आरोप भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया गुरुवार को भाजपा जिला दक्षिण की कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने आए थे। इस दौरान शर्मा नदारद रहे। प्रदेशाध्यक्ष के दौरे के बाद रोहिताश्व शर्मा ने जिला कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मंच पर जगह नहीं देने, प्रदेशाध्यक्ष की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा उन्हें अपरिपक्व नेता बताने, उनके दौरे को खानापूर्ति बताने सहित अन्य कई आरोप लगाए। निष्कासन तक जारी रही बयानबाजी डॉ. शर्मा की भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं संगठन को लेकर विवादित बयानबाजी लगातार जारी रही। पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित होने के एक दिन पूर्व भी उन्होंने विवादित बयान दिया। बाद में शनिवार शाम को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की ओर से उनके निष्कासन के आदेश जारी कर दिए गए। |
पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा बोले- सतीश पूनिया ने व्यक्तिगत रंजिश व पद का दुरूपयोग कर मुझे निष्कासित किया Sunday 18 July 2021 04:45 AM UTC+00 अलवर. भाजपा से छह साल के लिए निष्कासित किए गए पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कार्रवाई को उनसे व्यक्तिगत रंजिश और पद का दुरुपयोग बताया है। भाजपा से निष्कासन के बाद पत्रिका से बातचीत में डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि मुझे पार्टी से निष्कासन का कोई कारण नहीं था, मैंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की और न ही मैं पार्टी के खिलाफ बोला हूं। मैंने मात्र इतना कहा था कि सतीश पूनिया ने २२ साल पहले भाजपा और पार्टी नेताओं के खिलाफ अभद्र शब्दों का प्रयोग किया और त्यागपत्र दे दिया। चुनाव के समय में अपनी पूरी पार्टी को साथ लेकर चले गए। एेसे अनुशासनहीन व्यक्ति दूसरों पर क्या अनुशासन का डंडा चलाएंगे। मात्र इस रंजिश को पूरा करने के लिए उन्होंने मुझे पार्टी से निकाला। भाजपा मेरी मां है और मैं पार्टी के साथ हूं, मैं कभी भाजपा के साथ धोखा नहीं करूंगा और मैं कभी कांग्रेस में जाने वाला नहीं हूं। कांग्रेस के लिए मैंने इतना जरूर कहा कि वह मेरा पीहर है और भाजपा ससुराल तो इसमें क्या दिक्कत है। में भाजपा में अपनी हक की लड़ाई लडूंगा। मुझे सतीश पूनिया ने व्यक्तिगत रंजिश के कारण और कुछ अनुभवहीन नेताओं ने जान बूझकर अनर्गल बात कही है, जिनका मैं पहले ही खंडन कर चुका हूं। न्याय की लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक जाऊंगा, मुझे उम्मीद है कि ये नेता न्याय करेंगे। मैं अनुभव वाले व्यक्तियों का शिष्य रहा हूं, उनके नीचे ट्रेनिंग ली है। मैं कभी गलत शब्द और भाषा का प्रयोग नहीं करता, हमारे नेताओं ने विधानसभा और लोकसभा में नई परम्परा कायम की है, मैं उन परम्परा में पला व्यक्ति हूं। मैं कभी गलत व अनुशासनहीन नहीं हो सकता। मैं पूरी लड़ाई लडूंगा और मुझे विश्वास है कि मेरी जीत होगी |
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, त्योहारों पर सार्वजनिक आयोजनों को अनुमति नहीं Sunday 18 July 2021 05:07 AM UTC+00 अलवर. कोरोना की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम के लिए जिला कलक्टर नन्नूमल पहाडिया ने जिले में धार्मिक त्योहार, यात्राओं और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ न हो, इसके मद्देनजर त्रिस्तरीय जन-अनुशासन दिशा-निर्देश 5.0 जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि श्रावन मास में आयोजित होने वाली कावड़ यात्रा में भीड़-भाड़ की संभावनाओं को देखते हुए इस प्रकार की समस्त धार्मिक यात्राओं एवं जुलूस आदि की सम्पूर्ण अलवर जिले में अनुमति नहीं होगी। 21 जुलाई को ईद-उल-जुहा के अवसर पर किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर एकत्रित होकर इबादत करने की अनुमति नहीं होगी। वहीं गोवेर्धन के मूडिया पूर्णिमा मेले पर रोक लगाई गई है, ऐसे में वहां अलवर से श्रद्धालु न जाएं, इस सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। चातुर्मास पर्व के अवसर पर सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर भीड़-भाड़ एवं आयोजन करने की अनुमति नहीं होगी। स्वीमिंग पूल खोलने की अनुमति नहीं, पार्क में जाने के दिशा-निर्देश गाइडलाइंस के अनुसार फिलहाल स्वीमिंग पूल खोलने की अनुमति नहीं होगी। वहीं सार्वजनिक उद्यान में प्रात: 5 बजे से शाम 4 बजे तक जाने की अनुमति होगी। जो व्यक्ति कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगवा चुके हैं, उन्हें शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक की भी अनुमति होगी। |
अलवर के सागर जलाशय के सुधरेंगे दिन, पानी निकालकर होगी सफाई, फिर निखरेगा रूप Sunday 18 July 2021 05:22 AM UTC+00 अलवर . शहर की ऐतिहासिक धरोहर सागर जलाशय को अब पर्यटक नए रूप में देखेंगे। इस जलाशय का स्वरूप सुधारने के लिए प्रशासन की ओर से अशोका लीलैंड कंपनी को गोद दिया जाएगा। इसके बाद से सागर में मशीनों से पानी निकालने का काम शुरु हो गया है। इससे अलवर के पर्यटन भी सकारात्मक असर पड़ेगा । करीब 30 साल पहले भी सागर जलाशय को पूरी तरह से खाली करवाया गया था। इसमें वर्षो से जमा मिटटी को निकाला गया था। इसको खाली करने में बहुत समय लगा था। कलात्मकता का नमूना है सागर गौरतलब है कि यह जलाशय कलात्मकता का बेजोड नमूना है। वर्तमान में यह पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संरक्षित स्मारकों में भी शामिल है। इसमें बहुत ही सुंदर तरीके से छतरियों को बनाया गया है। अलवर में आने वाले पर्यटक इसे देखे बिना नहीं जाते हैं। सागर की छतरियों का एक हिस्सा पानी में डूबा रहता है। सागर की आकर्षक सुंदरता के चलते अनेक बार यहां पर नाटक व फिल्मों की शूङ्क्षटग भी हो चुकी है। वर्ष 2008 में हुआ था काम नगर परिषद की ओर से वर्ष 2008 में सागर की साफ- सफाई के बाद इसमें लाइटें लगाई गई थी। इसकी छतरियों पर रंग रोगन करवाया गया था। इसके कुछ समय बाद यहां पर चारों तरफ रेलिंग लगवाई गई थी। फव्वारों लगाए गए थे। यहां पर पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए नाव भी चलाई गई थी। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के चलते यहां के हालातों में कुछ सुधार नहीं हुआ। विभागों से ली एनओसी साफ सफाई व देखेरख के लिए अशोक लीलैंड को गोद दिया गया है। इसमें अलग अलग विभागों से एनओसी ली गई है। इसके लिए सागर जलाशय को खाली करवाया जा रहा है, मछलियों के जीवन पर संकट न आए इसके लिए भी उन्हें विशेष निर्देश दिए गए हैं।सोहन सिंह नरूका, आयुक्त, नगर परिषद, अलवर। पार्षद को जानकारी नहीं सागर जलाशय को खाली करने के बाद पार्षद को भी जानकारी दी जानी चाहिए थी, क्योंकि पार्षद को क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के बारे में पता होता है। लेकिन मुझे इसके बारे में नहीं बताया गया। सागर को इस समय खाली नहीं करना चाहिए। शहर में पानी की बहुत परेशानी है इसके बाद भी सागर के पानी को मशीनों से निकाला जा रहा है। यह पानी व्यर्थ जा रहा है। इसको हजूरी गेट के नाले में निकाला जा रहा है। जो कि गलत है। नारायण साईंवाल, स्थानीय पार्षद, अलवर। |
जगन्नाथ महोत्सव: सीताराम जी ने किया मंदिर में विहार, आज निकलेगी जगन्नाथ जी की सवारी, कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होगा आयोजन Sunday 18 July 2021 05:31 AM UTC+00 अलवर . शहर के पुराना कटला स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किए जा रहे ऐतिहासिक जगन्नाथ महोत्सव के तहत शनिवार की शाम को मंदिर परिसर में प्रतिकात्मक रूप में भगवान सीतारामजी की सवारी निकाली गई। भगवान सीताराम को पूजा अर्चना के बाद घंटे घडियालों की मधुर ध्वनि के साथ विशेष रूप से तैयार किए गए लकडी से बने छोटे रथ में विराजमान किया गया। भगवान को सलामी देने की परंपरा को भी निभाया गया। इस दौरान भगवान इंद्रदेव ने वर्षा कर भगवान का स्वागत किया, तेज बारिश के चलते भक्तों ने भी गर्मी से राहत महसूस की। अलवर में हर साल होता है भगवान जगन्नाथ व जानकी का विवाह मंदिर के महंत पंडित राजेंद्र शर्मा ने बताया कि रविवार को मंदिर परिसर में ही शाम 6 बजे भगवान जगन्नाथ की सवारी प्रतिकात्मक रूप से निकाली जाएगी। इसमें महंत परिवार व मंदिर से जुडे कुछ सेवादार ही शामिल होंगे। इसमें वैक्सीन लगने वालों को ही शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अलवर में आयोजित होने वाला जगन्नाथ महोत्सव सबसे विशेष होता है क्योंकि इस महोत्सव में प्रतिवर्ष जगन्नाथ व जानकी मैया का विवाह करवाया जाता है। अलवर के अलावा भगवान जगन्नाथ के विवाह की परंपरा भारत में और कहीं नहीं होती है। भक्तों ने किए ऑनलाइन दर्शन इस दौरान महंत परिवार के सदस्य व कार्यक्रम से जुडे भक्तों ने विशेष पीले रंग की पोशाक व दुपट्टा पहना हुआ था। कोरोना के चलते इस तरह मंदिर परिसर में निकलने वाली इस अनूठी यात्रा का अनुभव भी सबसे अलग था। जहां मंदिर में सवारी निकलने के दौरान हर तरफ श्रद्धा व आस्था का माहौल बना हुआ था, वहीं श्रदलुओं ने घर बैठे ऑनलाइन ही भगवान के दर्शन किए। इस छोटे विमान को श्रद्धालु भक्त रस्सी के सहारे खींच रहे थे। 72 घंटे बाद हुए भगवान जगन्नाथ के दर्शन, नहीं मिला प्रसाद आषाढ मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी को जगन्नाथ मंदिर में जगन्नाथ का भात, जगत पसारे हाथ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना प्रोटाकाल के तहत यह आयोजन भी प्रतिकात्मक रूप से ही हुआ। दोपहर 12 बजे 72 घंटे बाद भगवान जगन्नाथ के पट खोले गए और महाआरती हुई। इसके बाद भक्तों ने भगवान के दर्शन किए। प्रतिवर्ष भगवान की आरती के बाद पंचामृत व चावल का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। मंदिर से जुडे बहुत से श्रद्धालु साल भर इस प्रसाद का इंतजार करते हैं, इसको लेने के बाद ही भोजन करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के चलते प्रसाद का वितरण नहीं हुआ। |
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