अलवर./राजगढ़. भरतपुर की सेवर सेंट्रल जेल से पैरोल पर रिहाई के बाद फरार हुए उम्र कैद के सजा याफ्ता बंदी को जिला पुलिस की स्पेशल टीम (डीएसटी) ने मंगलवार को अलवर जिले के राजगढ़ इलाके से गिरफ्तार कर लिया। शातिर आरोपी बीते 20 माह से एक मंदिर में तांत्रिक बनकर रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी द्वारा 5 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि जिला पुलिस के ऑपरेशन वांटेड़ के तहत जिला पुलिस की स्पेशल टीम के प्रभारी यदुवीर सिंह के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में राजगढ़ के मंदिर में तंत्र साधना करते हुए आरोपी को दबोच लिया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी नादौती थाना इलाके के बरदाला गांव निवासी सोहनलाल बैरवा (38) पुत्र रंगलाल है। आरोपी को पोक्सो एक्ट के एक मामले में न्यायालय की ओर से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद वह सेवर की जेल में सजा काट रहा था।
करीब 20 माह पहले पैरोल पर जेल से बाहर आया, लेकिन तीन दिसम्बर 19 को पैरोल की अवधि पूरी होने के बावजूद जेल वापस नहीं पहुंचा। तब से ही वह फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए करौली एसपी ने पांच हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
कार्रवाई के दौरान डीएसटी प्रभारी यदुवीर सिंह, सहायक उप निरीक्षक राजवीर सिंह, हैडक़ांस्टेबल परमजीत सिंह, हैडक़ांस्टेबल मानसिंह, कांस्टेबल, मोहनसिंह, तेजवीर व चालक हरिसिंह, साइबर सेल के जिलेसिंह व मनीष कुमार मौजूद रहे।
मुखबिर से मिली सूचना पर आया पकड़ में
डीएसटी प्रभारी यदुवीर सिंह ने बताया कि आरोपी सोहनलाल बैरवा के बारे में डीएसटी ने खोजबीन शुरू की। तो मुखबिर के जरिए कांस्टेबल मोहनसिंह व तेजवीर को आरोपी के राजगढ़ में होने की सूचना मिली। कई दिनों तक गुप्त सूचनाएं एकत्रित करने के बाद डीएसटी टीम अलग-अलग वाहनों से राजगढ़ पहुंची। आरोपी के कमरे को घेर लिया। संदेह होने पर आरोपी ने भागने का प्रयास किया, लेकिन पहले से घेराबंदी कर तैनात डीएसटी के जवानों ने उसे धर दबोचा।