>>: Digest for July 09, 2021

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भरतपुर. शहर के रेल गोदाम स्थित क्लिंकर प्लांट के मामले में बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई हुई। इसमें सुनवाई अब चार सप्ताह बाद करने का समय दिया गया है। साथ ही एक और नया खुलासा हुआ है कि क्लिंकर प्लांट पर रैक से माल अनलोडिंग से पहले उस एरिया में वायु प्रदूषण 345 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर था, जबकि अनलोडिंग के दौरान वायु प्रदूषण 697 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर निकला। हालांकि चार मार्च का भी वायु प्रदूषण का स्तर 610 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर बताया गया है। मार्च के वायु प्रदूषण के स्तर की रिपोर्ट पर आंदोलन कर रहे कॉलोनी के लोगों ने भी सवाल उठाया है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय लोगों की ओर से बार-बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देने और प्रदर्शन करने के बाद अब एनजीटी ने क्लिंकर से फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और चिकित्सा विभाग के एक चिकित्सक की टीम गठित की गई थी। यह टीम क्लिंकर से पहले, क्लिंकर खाली होने के दौरान और क्लिंकर खाली होने के बाद फैल रहे प्रदूषण के स्तर की जांच कर चुकी है। सोमवार को डॉ. उदित चौधरी ने कॉलोनीवासियों के स्वास्थ्य जांच की थी। इसमें प्रथम दृष्टया सामने आया था कि यहां की ज्यादातर आबादी खुजली, सांस आदि रोगों से पीडि़त है। इस प्रकरण को लेकर सात जुलाई को एनजीटी में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने निर्णय लिया कि इस प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। वहीं रिपोर्ट में चार मार्च 2021 को भी नमूना लेकर वायु प्रदूषण की रिपोर्ट दी गई है। जो कि 610 है।

50 तक ठीक है उससे बढ़ता गया तो खतरनाक होता जाता है।

दुनियाभर में हुए तमाम शोध व अध्ययन बताते हैं कि इंसानी स्वास्थ्य के लिहाज से पीएम 2.5 बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि यह बेहद महीन प्रदूषक कण होते हैं जो सांस के साथ फेफड़ों में गहराई तक जाकर जमा हो जाते हैं। इससे कई तरह की सांस संबंधी बीमारियां, शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र संबंधी बीमारियां, कार्डियोवेस्कुलर बीमारियां व रक्त विकार हो सकते हैं। लगातार इस तरह के वातावरण में रहना जहां पीएम 2.5 स्वीकृत मात्र से अधिक है, वह प्राणघातक हो सकता है।

प्रशासन खुलवाना चाहता है क्लिंकर प्लांट

कॉलोनी के विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि चार मार्च को किसके कहने पर वायु प्रदूषण की जांच की गई। यह सब सवालों के घेरे में है। इस बारे में कॉलोनी के लोगों को भी अवगत नहीं कराया गया। शत प्रतिशत प्रशासन चाहता है कि प्लांट को चालू कराया जाए। इसमें कुछ के हित सध रहे हैं। इसलिए कॉलोनियों के लोगों को नारकीय जीवन जीने पर मजबूर किया जा रहा है।

बुलंद होने लगी आवाज, बोले: जारी रहेगा आंदोलन

-हम छत पर नहीं बैठ सकते। सांस लेने में दिक्कत होती है। क्लिंकर जब चलता है तो घर का दरवाजा बंद कर अंदर ही रहना पड़ता है।

नीरज, रूंधिया नगर

-क्लिंकर प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है। प्रशासन इसे दोबारा शुरू करना चाहता है। यह लोगों के साथ धोखा है। पहले मंत्री से भी मिले थे। उन्होंने भी आश्वासन दिया है लेकिन लगता है मंत्रीजी किसी न किसी कारण से चुप है।

सत्यवीर फौजदार, रूंधिया नगर

-क्लिंकर के चलने से दर्जनों कॉलोनी प्रभावित हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्गों पर फर्क पड़ रहा है। मैं अपने पिताजी को कमरे के अंदर ही रखता हूं। छत पर भी नहीं ले जा सकता। प्रशासन इसे बंद कराए। वरना आंदोलन करेंगे।

गोपाल सिंह, रूंधिया नगर

-जब काम चलता है तो आसमान में धुंध सी छाई रहती है। सांस लेने में दिक्कत होती है। हमारे घर से काफी दूर है लेकिन वाहनों पर पर क्लिंकर की परत सी जमा हो जाती है।

मधु, अग्रसेन नगर

-क्लिंकर चलता है जब बच्चों को बाहर खेलने भी नहीं जाने देते। दिन भर रेत का गुबार सा उठता रहता है।

सीमा शर्मा, अग्रसेन नगर

-क्लिंकर चलने के दौरान घर का कूलर बंद करना पड़ता है। क्योंकि पूरी डस्ट अंदर जमा हो जाती है। प्रशासन को बंद करना चाहिए।

अनिल अग्रवाल, अग्रसेन नगर

-क्लिंकर जब चलता है तो खांसी होती रहती है काफी दिन तक तो समझ में नहीं आया कि यह धुंध कहां से आ रही है। बच्चों का बाहर निकलना भी बंद कर दिया है।

भावना, अग्रसेन नगर

-मकान में धूल सी आती रहती है। स्टील की रेलिंग पर क्लिंकर की परत जम गई है। प्रशासन इसे बंद कराए।

महेंद्र कुमार, रूंधिया नगर

भरतपुर . शहर के वार्ड नंबर 39 व हालिया वार्ड 48 में सीसी निर्माण का काम मानकों से परे किया गया है। जांच में भी ठेकेदार के बताए गए स्थान से नमूना उठाया गया है। अब नगर निगम इस कार्य का भुगतान करने की तैयारी में है। इसको लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष इमरान कुरैशी ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर निगम के अधिकारियों की सीसी निर्माण कार्यों में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए ठेकेदार को भुगतान करने संबंधी शिकायत की है।
जानकारी के मुताबिक वार्ड में ठेकेदार की फर्म आशा कन्स्ट्रक्शन की ओर से कार्य किया गया है। इसके लिए 30 सितंबर 2019 से 10 अक्टूबर 19 तक निविदा डाली गई। खास बात यह है कि इस कार्य की जांच कराने के लिए थर्ड पार्टी इंजीनियरिंग कॉलेज से कराई गई। जांच के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग कराकर क्यू भराने का प्रावधान है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। इसके अलावा रिपोर्ट भी ठेकेदार की ओर से बनवाई गई है। जांच के दौरान ऐसे स्थानों से नमूने उठाए गए हैं, जो ठेकेदार की ओर से चिह्नित किए गए। सीसी निर्माण के दौरान नियमानुसार पीसीसी की मोटाई चार इंच होनी चाहिए, जो महज दो इंच ही डाली है। वहीं सीसी छह इंच की जगह तीन से चार एवं डब्ल्यूबीएम 3 की जगह दो इंच डाली है। इसके अलावा निर्माण में लाल डस्ट नहीं डली है तो सीमेंट की क्वालिटी भी घटिया बताई जा रही है। काम भी करीब तीन माह की देरी से हुआ है। खास बात यह है कि इस फर्म की गुणवत्ता पर पहले भी वार्ड 53 की पार्षद दिलकेश कुमारी ने सवाल उठाए थे। उन्होंने वार्ड में कार्य संख्या 756 का हवाला देते हुए गुणवत्ता से काम नहीं करने एवं एस्टीमेट में दर्शाए गए स्थानों से अलग स्थानों पर कार्य करने के आरोप लगाए थे।

मिलीभगत के लगाए आरोप

जिलाध्यक्ष इमरान कुरैशी ने जिला कलक्टर को लिखे पत्र में निगम के अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। कुरैशी का आरोप है कि निगम में भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो गया है कि महापौर एवं आयुक्त से कई बार शिकायत करने के बाद भी निगम के अधिकारी मिलीभगत कर ठेकेदार को भुगतान करने की तैयारी कर रहे हैं।
ठेकेदार की फर्म आशा कन्स्ट्रक्शन की ओर से सीसी निर्माण कार्य के लिए वर्क ऑर्डर क्रमांक 727/730 की नगर निगम से 14 अक्टूबर 2019 को जारी किया गया। इस कार्य की लागत करीब 22 लाख 18 हजार रुपए थी। इस निर्माण कार्य में संबंधित फर्म के संवेदक की ओर से नगर निगम के वर्क आर्डर में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं किया गया। कुरैशी ने पूरे घटिया निर्माण कार्य की जांच को लेकर किसी उच्चाधिकारियों से कराने की मांग की है। इससे सत्यता सामने आ सके। इस मौके पर विनोद, अन्नू, रामभरोसी, सतभान, कलुआराम, राम, संदीप, रविन्द्र एवं राजेश आदि मौजूद रहे।

-अभी यह प्रकरण में मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जानकारी करता हूं कि किसने क्या शिकायत की है। अगर शिकायत की है तो जांच कराई जाएगी।

डॉ. राजेश गोयल
आयुक्त नगर निगम

भरतपुर . गर्मी की मार से मुरझाए मरीजों के चेहरों पर भामाशाहों ने मुस्कान बिखेर दी है। जनाना अस्पताल में उसम से बेहाल मरीजों की पीड़ा पर अस्पताल प्रशासन का मौन भले ही नहीं टूटा, लेकिन भामाशाहों ने आगे आकर जननी और नौनिहालों की पीड़ा पर मल्हम लगाकर उन्हें मुस्कान दी है। जनाना अस्पताल को लुपिन ने संस्था ने 60 पंखे दान दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य मंदिर संस्था एग्जास्ट फैन देगी, जबकि एक अन्य भामाशाह ने तीन कूलर दान दिए हैं। ऐसे में अस्पताल के वार्डों सहित गैलरी एवं बरामदों में भी अब हवा के झोंके मरीजों को राहत दे रहे हैं।
जनाना अस्पताल में कूलर खराब हैं तो पंखे हवा के नाम पर लोगों को चिढ़ाते नजर आते हैं। इस पीड़ा को पत्रिका ने लगातार प्रकाशित किया। खास बात यह है कि अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को राहत देने के बजाय गैलरी एवं बरामदे में लगे पंखों के कनेक्शन तक काट दिए। इससे मरीजों की पीड़ा और बढ़ गई। पत्रिका में खबरें प्रकाशित होने के बाद लुपिन एवं स्वास्थ्य मंदिर संस्था ने आगे आकर मरीजों की इस पीड़ा को दूर करने का बीड़ा उठाया। लुपिन संस्था एवं स्वास्थ्य मंदिर संस्था ने अस्पताल प्रशासन को पंखे उपलब्ध कराए हैं। अब मरीजों को उसम भरी भीषण गर्मी से निजात मिल मिल रही है।

पंखे देने लगे हवा, कूलर भी कर रहे कूल

जनाना अस्पताल को लुपिन संस्था की ओर से उपलब्ध कराए पंखे वार्डों में चलने लगे हैं। इससे मरीजों को राहत मिली है। वार्डों सहित अन्य स्थानों पर नए पंखे लगने का काम शुरू हो गया है। साथ ही खराब पड़े पंखों की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है। इसके लिए लुपिन संस्था की ओर से आधा दर्जन मैकेनिक इस काम के लिए लगाए गए हैं। अस्पताल में ज्यादातर पंखे अब सही हो गए। साथ ही नए पंखे भी दौडऩे लगे हैं। इससे मरीजों को भीषण गर्मी में खासी राहत मिली है। बुधवार को जनाना अस्पताल के गायनी वार्ड एवं पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में पंखे चलने लग गए। इससे मरीजों को खासी राहत मिली। अन्य वार्डों के साथ गैलरी-बरामदों में भी देर शाम पंखे चालू कर दिए गए।

प्रदेश महामंत्री ने भेंट किए कूलर

जनाना अस्पताल में गर्मी की पीर से आहत मरीजों को भाजपा के प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा ने भी राहत दी है। बुधवार को शर्मा ने जनाना अस्पताल पहुंचकर मरीजों को ठंडी हवा के लिए 3 कूलर भेंट किए। उन्होंने कहा कि पत्रिका में मरीजों की पीड़ा पढ़कर गर्मी से निजात दिलाने के लिए तीन कूलर भेंट किए हैं। शर्मा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से चलाए जा रहे 'सेवा ही संगठनÓ के तहत जनाना अस्पताल को तीन कूलर भेंट किए गए। प्रदेश महामंत्री शर्मा ने जनाना हॉस्पिटल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के बारे में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से चर्चा की। श्री शर्मा ने चिकित्सा अधिकारी को आश्वस्त किया कि किसी भी चीज की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। भाजपा हर संभव मदद के लिए तैया है। इस दौरान जिला महामंत्री भगवान दास शर्मा, संभाग मीडिया प्रभारी शैलेष कौशिक, जिला प्रवक्ता नरेश सेन, मंडल अध्यक्ष नरेंद्र सिंघल, लाखन पहलवान, जगत गुर्जर, दीपू पंडित, टुंडा पहलवान एवं लल्लू पहलवान आदि मौजूद रहे।

भरतपुर. कोतवाली थाना अंर्तगत यहां सुजानगंगा नहर में गुरुवार दोपहर एक व्यक्ति ने कूदकर जीवनलीला समाप्त कर ली। सूचना पर पुलिस और नागरिक सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंचे और मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाल लिया। घटना की वजह गृह क्लेश बताया जा रहा है। मृतक घर से स्कूटी लेकर यहां मंसादेवी मंदिर के पास पहुंचा था और खड़ी करके उसने नहर में छलांग लगा दी। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया।

थाना प्रभारी रामकिशन यादव ने बताया कि दोपहर में सूचना मिली कि सुजानगंगा में अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची। सूचना पर नागरिक सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंचे और शव को बाहर निकाला। मृतक की पहचान मुकेशचंद (50) पुत्र ओमप्रकाश वैश्य निवासी सुभाषनगर के रूप में हुई। सूचना पर मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। मृतक नमकीन की ढकेल लगाता था। बताया जा रहा है कि मुकेशचंद दोपहर करीब एक बजे घर में हुए विवाद के बाद इलेक्ट्रिक स्कूटी लेकर के निकल गया और यहां मनसा देवी के पास स्कूटी खड़ी कर दी। इसके बाद वह सुजानगंगा नहर के पास पहुंचा और नहर में छलांग लगा दी। कुछ लोगों ने दूर से उसे देखा जिस पर पुलिस को सूचना दी। बाद में नागरिग सुरक्षा के कर्मचारियों को बुलाया और जिन्होंने शव को बाहर निकाला। शव की शिनाख्त मुकेशचंद के रूप में हुई। नागरिक सुरक्षा की टीम में इंचार्ज करतार सिंह, विवेक सिंह, दिनेश चन्द, अनिल कुमार, राकेश वर्मा, भागमल, राकेश कश्यप देशराज शामिल थे।

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