>>: सट्टे के अवैध कारोबार का बड़ा गढ़ बना अलवर, रोजाना करोड़ों का सट्टा लग रहा, कई घर बर्बाद हुए

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अलवर. जिला सट्टे के अवैध कारोबार का गढ़ बन चुका है। यहां सैकड़ों छोटे-बड़े सटोरिये सक्रिय हैं, जो कि लोगों की जेब पर रोजाना करोड़ों रुपए का मटके का 'फटका' और क्रिकेट का 'झटका' लगा रहे हैं। हाल ही पुलिस ने अलवर के एक बड़े सट्टा किंग को टीम सहित दबोचा है, लेकिन सटोरियों के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर पाने में पुलिस नाकाम बनी हुई है।

अलवर जिले में क्रिकेट मैचों और अंकों का सट्टा जबरदस्त तरीके से चल रहा है। जिले में करीब पांच दर्जन से ज्यादा बड़े सटोरिये हैं, जिन्होंने अलवर जिले में ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली तक अपना सट्टे का नेटवर्क फैलाया हुआ है, जो कि क्रिकेट मैचों से लेकर दिल्ली, दिसावर, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गली में लगने वाले अंकों का सट्टा चला रहे हैं। इनके अंडर में सैकड़ों छोटे सटोरिये काम कर रहे हैं। इनके पास रोजाना कई हजार छोटे-बड़े ग्राहक चार से पांच करोड़ रुपए का सट्टे का दाव खेलते हैं।

मंथली के खेल में पुलिस की 'चुप्पी'

जिले में सट्टे के अवैध कारोबार का साम्राज्य लगातार तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण है कि बड़े सटोरियों की पुलिस से मंथली बंधी हुई है। ये सटोरिये कई थानों से लेकर स्पेशल टीम के कई पुलिसकर्मियों को मंथली देते हैं। मंथली के मलाई चाटने के कारण पुलिसकर्मी इनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। जबकि उन्हें सटोरियों के पूरे नेटवर्क की जानकारी रहती है।

लोगों को बर्बाद कर एशो-आराम की जिंदगी जी रहे

अलवर शहर में करीब दो दर्जन से ज्यादा बड़े सटोरिये हैं। जो कि पिछले कई सालों से सट्टे का अवैध कारोबार कर रहे हैं। ये सटोरिये न जाने कितने लोगों के घर बर्बाद कर चुके हैं और खुद एशो-आराम की जिदंगी जी रहे हैं। ये सटोरिये आलीशान मकानों में रहते हैं। लग्जरी गाडिय़ों में घूमते हैं तथा और भी कई महंगे शौक रखते हैं। इन सटोरियों ने अलवर शहर ही नहीं बल्कि अलवर से बाहर भी करोड़ों रुपए की प्रोपर्टी बना रखी है।

दिल्ली-जयपुर बैठकर भी चला रहे नेटवर्क

क्रिकेट और अंकों के सट्टे का कारोबार करने वाले अलवर के कई सटोरिये दिल्ली और जयपुर बैठकर भी अपने नेटवर्क चला रहे हैं। ये सटोरिये वहीं बैठे-बैठे मोबाइल के माध्यम से अलवर के ग्राहकों को क्रिकेट और अंकों का सट्टा लगवा रहे हैं। वहीं, उनके गुर्गे अलवर में रहकर उन्हें ग्राहक और रुपयों का कलेक्शन कर दे रहे हैं।

ये हैं प्रमुख सटोरियों के ठिकाने

एनईबी गुरुद्वारा के पीछे कॉलोनी, एनईबी दाउदपुर कॉलोनी, शिवाजी पार्क, बुधविहार, हसनखां मेवात नगर, अपनाघर शालीमार, स्कीम-2, लखण्डा वाला कुआं, मोती डूंगरी, मनुमार्ग, इंदिरा कॉलोनी, कुशमार्ग, प्रतापबास, नयाबास, कालाकुआं, विवेकानंद नगर बजाजा बाजार, सर्राफा बाजार, बीच का मोहल्ला, मुंशी बाजार, त्रिपोलिया के आसपास, रंगभरियों की गली, अशोका टाकीज, बापू बाजार, अखैपुरा मोहल्ला, हजूरी गेट, मीणा पाड़ी, धोबी घट्टा व स्कीम-10 आदि इलाकों में कई बड़े सटोरियों के घर हैं। सटोरियों के इन ठिकानों के बारे में पुलिस को भी पता है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अंजान बनी हुई है।

पूरे नेटवर्क को खंगाल रहे

अलवर जिला पुलिस सटोरियों के पूरे नेटवर्क को खंगाल उसे ध्वस्त करने में गहनता से जुटी है। हाल ही पुलिस ने एक बड़े सट्टा गिरोह का भंडाफोड़ कर सरगना सहित सात सटोरियों को गिरफ्तार किया है। अलवर में सक्रिय अन्य सटोरियों के बारे में जानकारी एकत्रित कर उनकी धरपकड़ की विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है। - तेजस्विनी गौतम, जिला पुलिस अधीक्षक, अलवर।

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