जयपुर
सरकार ने अपने तीन साल जैसे तैसे पूरे कर लिए हैं लेकिन इन तीन साल में राजस्थान राज्य की शांति को ग्रहण लगा है। तीन साल के दौरान अपराध के इतने केस सामने आए हैं जितने आज तक नहीं आए। पिछली सरकार के तीन साल के कार्यकाल की गणना वर्तमान सरकार के तीन साल के कार्यकाल से की जाए तो करीब पचास हजार से भी ज्यादा अपराध वर्तमान सरकार के ज्यादा हैं। पिछली सरकार के तीन साल के दौरान पांच लाख साठ हजार से ज्यादा अपराध दर्ज हुए।
5 मर्डर, 16 बलात्कार और 20 अपहरण, कहानी औसतन हर दिन की
सरकार के तीन साल के समय के दौरान हुए अपराध की फेहरिस्त काफी लंबी हैं। तीन साल में करीब छह लाख बीस हजार अपराध दर्ज हुए हैं। औसतन हर दिन हत्या के पांच केस सामने आ रहे हैं। अपहरण के औसतन हर दिन बीस केस और रेप के औसतन हर दिन 16 मामले सामने आ रहे हैं। हर रोज करीब 99 चोरी के केस दर्ज हो रहे हैं। तीन साल के दौरान 5038 मर्डर, 21,463 अपहरण और 17184 रेप केस दर्ज हुए हैं। साथ ही 1,02,170 केस चोरी सामने आए हैं ।
कोरोना और लाॅकडाउन भी कम नहीं कर सका अपराध
प्रदेश भर में साल 2020 और 21 में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान करीब नौ महीने का लाॅकडाउन और भारी पुलिस बंदोबस्त सड़कों पर रहा था। लेकिन इस 9 महीने के समय के दौरान भी करीब दो हजार से ज्यादा मर्डर हुए और अपहरण एवं रेप के भी हजारों मामले दर्ज हुए। चोरी के मामले भी इन नौ महीनों के दौरान नहीं थमे। हांलाकि पिछले सालों की तुलना में इस साल सरकार ने केसेज में जांच और उन पर अंतिम रिपोर्ट देने की प्रक्रिया को बूस्ट किया है। बदमाशों की गिरफ्तारी भी लगातार हो रही है।
इस साल इतनी गोलियां चलीं, जयपुर में चलाना पडा आॅपरेशन आग, उसका भी धुआं निकला
पुलिस अफसरों के अनुसार लाॅकडाउन हटते ही अपराध में तेजी देखने को मिली। लूटपाट और छीनाझपटी के केस और ज्यादा सामने आए। अवैध हथियारों का जमकर उपयोग हुआ। इस साल जनवरी से लेकर नवम्बर महीने तक 5065 प्रकरण आम्र्स एक्ट के दर्ज हुए। इनमें 5419 बदमाश पकडे गए और उनके पास से हजारों हथियार भी बरामद हुए। जयपुर शहर में एक साल से आॅपरेशन आग चलाया जा रहा है उसमें ही एक साल के दौरान करीब बारह सौ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।