>>: मदर मिल्क बैंक से सैकड़ों नवजात शिशुओं को मिल रहा जीवनदान

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अलवर. जनाना अस्पताल का मदर मिल्क बैंक सैंकड़ो नवजात शिशुओं को जीवनदान देने में अहम भूमिका निभा रहा है। यहां महिलाएं अपना दूध दान कर दूसरे बच्चों पर भी अपनी ममता जी भर कर लुटा रही है। मदर मिल्क बैंक की ही देन है कि जनाना अस्पताल में आने वाले किसी भी शिशु को यदि स्वयं की मां का दूध नहीं मिलता है तो उसे बाहर से दूध लाने की जरुरत नहीं पड़ती, मदर मिल्क बैंक से तुरंत दूध मिल जाता है।

ब्रेस्ट फ्रीडिंग की सर्विस भी दी जाती है: जिन माताओं को दूध नहीं आता है उनके शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियां पैदा हो जाती है। इससे कई बार छाती में गांठ पड़ जाने जैसी परेशानी भी सामने आती है। इसलिए मदर मिल्क बैंक में ब्रेस्ट फीडिंग की सर्विस दी जाती है, इसमें बताया जाता है कि नवजात शिशु को दूध कैसे पिलाएं। कुछ कोशिश के बाद महिलाओं को दूध भी आना शुरु हो जाता है।

16,165 शिशुओं को किया लाभान्वित: मदर मिल्क बैंक में एकत्रित दूध से अभी तक 16, 165 शिशुओं को लाभान्वित किया गया है। इसमें ऐसे बच्चे शामिल हैं, जिनकी मां इस दुनिया में नहीं है या फिर मां किसी कारणवश शिशु को दूध पिलाने में सक्षम नहीं है।

2016 में हुई मदर मिल्क बैंक की स्थापना

अलवर के जनाना अस्पताल में 10 सितंबर 2016 को आंचल मदर मिल्क बैंक की स्थापना की गई थी। तब से अभी तक 12, 797 माताओं ने 32,342 बार में दुग्ध दान किया है। इस दौरान 3,97,223 एमएल दुग्ध दान किया जा चुका है। इसके साथ ही 23, 147 माताओं को अभी तक स्तनपान कराने में सक्षम भी बनाया गया है।

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