>>: बिलाड़ा में जीरा 50 हजार पार व सौंफ 32 हजार के भाव बिकी

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

जोधपुर @ पत्रिका. बिलाड़ा कृषि उपज मंडी बिलाड़ा में स्थानीय व्यापारियों की बोली में जीरा 50 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल बिकने का नया रिकॉर्ड बनाया है। स्थानीय व्यापारियों ने जीरे की बोली लगाते हुए 50 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदा और मसालों की रानी सौंफ भी तेजी का रूख अपनाते हुए अपने रिकॉर्ड भाव 32 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बिकी। इसबगोल भी 23 हजार की ऊंची बोली पर बिका वहीं रायडा के भाव स्थिर रहे और 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बिका। जीरा और सौंफ की नीलामी बोली लगाने के लिए जयपुर, कोलकाता, इंदौर, उंझा, केकड़ी की मंडियों से भी व्यापारी बिलाड़ा पहुंचे और तरुण जैन ने जीरे का एक बड़ा ढेर 50 हजार 500 रुपए की बोली पर छुड़ाया। जीरा, रसोई का सबसे महत्वपूर्ण मसाला है जिसके बिना खाने की कल्पना भी मुश्किल है।

इस समय इसमें आग लगी हुई है, भाव आसमान छू रहे हैं। आज की तारीख में यह 550 -600 रुपए किलो तक बिकने लगा है। लगातार महंगे हो रहे जीरे के पीछे का कारण मौसम में हो रहा अनियमित बदलाव है, जिसकी वजह से इसके उत्पादन पर फर्क पड़ा है। देश का सबसे बड़े जीरा उत्पादक राज्य राजस्थान में मौसम के बदलते पैटर्न ने मांग-आपूर्ति के संतुलन को बिगाड़ दिया है। इससे जीरे के भाव लगातार महंगे हो रहे हैं।

दुनिया के 8 देशों में जीरे का निर्यात राजस्थान व गुजरात से

कृषि उपज मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष तरुण मुलेवा एवं जीरा, सौंफ खरीद के बड़े व्यापारी बाबूभाई पटेल, महावीर भंडारी, रामचंद्र पटेल, चेतन पटेल, महेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि गुजरात की मंडी उंझा से ही जीरा के दाम तय होते हैं। एशिया की सब से बड़ी जीरा मंडी उंझा है। पूरी दुनिया में 10 में से 8 देश गुजरात के उंझा से जीरा खरीद कर खाते हैं। पूरे विश्व में 1.5 लाख टन से ज्यादा जीरा उंझा से निर्यात होता है। जीरे का 99 प्रतिशत उत्पादन गुजरात और राजस्थान में ही हो रहा है, और सभी किसान जीरा बेचने के लिए उंझा पहुंचते है।

सौंफ खरीदने देश भर से आते है व्यापारी

मसाला फसल के क्रम में सौंफ को मसालों की रानी कहा जाता है, और इन दिनों यह भी ऊंचे दामों पर बिक रही है। राजस्थान की पहली सौफ मंडी का दर्जा पाने के बाद से ही यहां 50-50 कोस के किसान अपनी सौंफ की उपज बेचने के लिए आ रहे हैं। सौंफ की खरीद के लिए उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों के व्यापारी बढ़-चढक़र प्रतिस्पर्धा में बोलियां लगाकर किसानों को ऊंचे दाम दे रहे हैं। बाहरी व्यापारियों कि शिकायत है कि राज्य सरकार ने मंडी को राज्य की मंडी घोषित तो कर दी लेकिन किसान अपनी उपज को खुले में ढेरी लगाकर रखता है जिससे तेज गर्मी में जीरे और सौंफ का प्राकृतिक कलर फेड हो जाता है।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanss63@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.