नगर परिषद जल्द ही नगर निगम बनने जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन, नगर परिषद व यूआईटी के अफसर ढांचा तैयार करने में जुटे हैं। माना जा रहा है कि नगर निगम की आबादी करीब पांच लाख होगी। इसके लिए आसपास के करीब 60 गांवों को शहर में लाने की योजना है। आबादी के मुताबिक नगर निगम में 85 वार्ड होंगे। पूरा खाका प्रदेश सरकार के पास जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद राज्यपाल पास करेंगे और फिर नोटिफिकेशन जारी होगा।
इन गांवों को निगम के दायरे में लाने पर विचार: सीएम अशोक गहलोत ने बजट के दौरान नगर परिषद को नगर निगम बनाने की घोषणा की थी। उसी के तहत सरकार ने जिला प्रशासन की ओर से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने टीम बनाई है। इस टीम में एडीएम द्वितीय इंद्रजीत सिंह, एसडीएम, तहसीलदार के अलावा नगर परिषद आयुक्त, एक्सईएन, यूआईटी सचिव, मुख्य अभियंता आदि को शामिल किया गया है। बताते हैं कि टीम ने जयपुर से लेकर जोधपुर नगर निगम आदि का ढांचा देखा है। उसका अध्ययन करने के बाद प्रस्ताव तैयार हो रहा है। शहर की आबादी करीब पौने चार लाख है जबकि निगम के दायरे में करीब पांच लाख आबादी चाहिए। ऐसे में आसपास के गांव बुर्जा, मदनपुरी, उमरैण, देसूला, बख्तल क्षेत्र, चिकानी क्षेत्र, बहादुरपुर, हरसोली क्षेत्र आदि नगर निगम में लाए जा सकते हैं। इन गांवों में संसाधन क्या-क्या हैं और उनका विकास कैसे होगा? यह भी टीम देख रही है।
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इसके अलावा प्रशासनिक ढांचा नगर निगम का बन रहा है, जिसमें नगर आयुक्त, दो उप नगर आयुक्त, मुख्य कर अधिकारी, कर निरीक्षक, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, दो एक्सईएन, मुख्य अतिक्रमण अधिकारी आदि होंगे। इन पदों के अलावा विभागवार पद सृजन होंगे। कर्मचारियों की संख्या 80 से बढ़कर करीब 200 पहुंचने के आसार हैं। साथ ही कार्यालय की स्थापना पर भी मंथन चल रहा है। स्टाफ के बढ़ने से वर्तमान नगर परिषद के कार्यालय में सभी का एक साथ बैठना संभव नहीं हो पाएगा। जगह अभाव है। ऐसे में इसका संचालन सूचना केंद्र या फिर कहीं और हो सकता है। संसाधन बढेंगे। साथ ही सभापति की जगह मेयर का चुनाव होगा। पार्षदों की संख्या में भी इजाफा हो जाएगा।
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टीम कर रही काम
नगर परिषद को नगर निगम बनाने के लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा टीम काम कर रही है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर लेगी। इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जाएगा।
उत्तम सिंह शेखावत, एडीएम प्रथम