>>: टेम्परेचर ज्यादा था इसलिए डोटासरा का मानसिक संतुलन बिगड़ गया-अलका गुर्जर

>>

Patrika - A Hindi news portal brings latest news, headlines in hindi from India, world, business, politics, sports and entertainment!

जयपुर। भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर ने गोविंद डोटासरा के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कल कल टेम्परेचर ज्यादा होने की वजह से डोटासरा का मानसिक संतुलन बिगड़ गया होगा। भाजपा के सचिवालय घेराव कार्यक्रम में मुझ सहित प्रदेश मंत्री अशोक सैनी, विधायक निर्मल कुमावत, राज्यसभा सांसद राजेंन्द्र गहलोत, महापौर सौम्या गुर्जर और जिला प्रमुख रमा चौपड़ा ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था, जो ओबीसी वर्ग से ही आते हैं।

उन्होंने कहा कि लगता है डोटासरा नाथी के बाड़े से आई चैकअप कराके आए है। इस वजह से उन्हें मंच पर एक भी ओबीसी का वक्ता दिखाई नहीं दिया। कांग्रेस की नीतियां हमेशा से विभाजनकारी राजनीति की रही हैं। कांग्रेस तुष्टिकरण और वर्ग विभेद की राजनीति करती है। किसी राष्ट्रीय पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गैर जिम्मेदाराना और लापरवाह ढंग से इस तरह के आरोप लगाते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको बता दें कि मंगलवार को बीजेपी के प्रदर्शन के बाद डोटासरा ने कहा था कि प्रदर्श में जितने भी वक्ता थे, उनमें से एक भी ओबीसी का नहीं था। एक भी ओबीसी के नेता को बोलने का मौका नहीं दिया गया। जबकि बीजेपी ओबीसी हितैषी होने का राग अलापती रहती है।

आपके पास पप्पू तो हम क्या करें ?

उन्होंने कहा कि डोटासरा कहते है कि भाजपा बार-बार नरेंद्र मोदी को बुलाती है। इसमें क्या गलत है। हमारे पास पीएम मोदी जैसा वैश्विक नेतृत्व हैं, जिन्होंने देश का नाम विश्व में बढ़ाया है। उनके पास पप्पू हैं तो हम क्या करें ?

 

यह भी पढ़ें:-Cyclone Biparjoy Update: राजस्थान के 12 जिलों में ओरेंज अलर्ट, मूसलाधार बारिश के साथ चलेंगी तूफानी हवा

 

राजस्थान में ओबीसी की स्थिति बदतर

उन्होंने मोदी सरकार के नौ वर्ष के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग के लिए कामों का ब्योरा रखा और प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने पांच से अधिक प्रदेशों का दौरा किया, जिसमें राजस्थान में ओबीसी वर्ग से जुडी़ अनियमितताएं पाई गई। प्रदेश के घोषणावीर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ओबीसी वर्ग के हैं, इसके बावजूद प्रदेश में पिछडा वर्ग के लोगों की स्थिति बदतर है। नॉन क्रीमिलेयर लोगों के माता-पिता की आय के बजाय पूरे कुटुंब की आय को आधार मानकर उन्हें क्रीमिलेयर श्रेणी में रखा जा रहा है, जिसके चलते ये लोग आरक्षण के लाभ से वंचित हो रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश के सात जिलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, पाली, राजसमंद और सिरोही में ओबीसी के डांगी, देवासी सहित अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे जो कि संविधान विरूद्ध है।

You received this email because you set up a subscription at Feedrabbit. This email was sent to you at rajasthanews12@gmail.com. Unsubscribe or change your subscription.