चीन (China) उन देशों में से एक है जहाँ आज भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांव में निवास करता है। रिपोर्ट के अनुसार चीन की आबादी का 35-36% हिस्सा गांव में निवास करता है। गांव में रहने वाले चीन के लोगों की कमाई का मुख्य जरिया खेती है। चीन की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांव में रहता है और इस वजह से खेती कई लोगों की आजीविका का साधन होने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी काफी ज़रूरी भी है। पर चीन के किसानों के सामने इस समय एक बड़ी मुश्किल है।
क्या है चीन के किसानों के सामने मुश्किल?
चीन में कुछ समय पहले लगातार दो हफ्तों तक तेज़ बारिश हुई थी। इस बारिश की वजह से काफी नुकसान भी हुआ। इस नुकसान से फसलें भी बच नहीं सकी। भारी मात्रा में चीन की कई फसलें दो हफ्तों की तेज़ बारिश की वजह से धुल गई। साथ ही कई फसलों को ज़्यादा पानी मिलने से वो समय से पहले ही पक गई। दोनों ही स्थितियों में किसानों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।
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अनाज की क्वालिटी होगी प्रभावित
बारिश की वजह से चीन में अनाज वाली फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि कई फसलें इतना ज़्यादा भीग गई है कि उन्हें सही से सूखने में कई दिन लगेंगे। उसके बाद ही उनकी कटाई की जा सकेगी। उसके बाद भी उस अनाज से आटा अच्छी क्वालिटी का होगा या नहीं, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
वहीं जो फसलें समय से पहले ही पक गई, उनसे भी कम क्वालिटी का आटा बनेगा। दोनों ही स्थितियों में अनाज की कम क्वालिटी से आटे की क्वालिटी में भी गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे नूडल्स, ब्रेड, पास्ता आदि खाने की कई चीज़ों की क्वालिटी भी गिरेगी।
आयात की दर में हो सकता है इजाफा
तेज़ बारिश के असर से चीन के अनाज का आयात करने की दर पहले से ही बढ़ रही है। ऐसे में मौजूदा फसल को नुकसान पहुंचने से अनाज का आयात और बढ़ेगा। हालांकि चीन में अनाज के भंडार से देश में खाने की कीमत बढ़ने की संभावना नहीं है, पर मौजूदा फसलों के भीगने से कम क्वालिटी के अनाज के बनने से और फसलों के पूरी तरह से खराब होने की स्थिति में आगे जाकर चीन में अनाज का ज़्यादा आयात करने की ज़रूरत पड़ सकती है।
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