>>: अफगानिस्तान में तालिबान राज में महिला पत्रकारों को नहीं मिल रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने की इजाज़त, बयां किया अपना दर्द

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15 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान (Afghanistan) में उथल-पुथल मच गई, जब आतंकी संगठन तालिबान (Taliban) ने देश में सरकार का तख्तापलट करते हुए सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया। तालिबान के अफगानिस्तान में शासन पर आते ही पूरे देश की व्यवस्था बिगड़ गई। अफगानिस्तान में अर्थव्यवस्था, कानून व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था के साथ सब कुछ चरमरा गया। लोगों को उनके मानवाधिकारों तक से दूर रखा जाने लगा। पर तालिबान का अफगानिस्तान में राज लौटने के बाद सबसे बुरा असर महिलाओं पर पड़ा। मानवाधिकारों के हनन के साथ ही महिलाओं पर कई तरह के बैन लगा दिए गए। महिलाओं से उनकी आज़ादी छीन ली गई और उन्हें घर में कैद होकर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बात अगर महिला पत्रकारों की हो, तो तालिबान राज में उनकी स्थिति भी काफी मुश्किल हो गई है।


महिला पत्रकारों को नहीं मिल रही प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने की इजाज़त

रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाने की इजाज़त नहीं मिल रही। तालिबान के आने के बाद से ही अफगानिस्तान में मीडिया की स्थिति काफी खराब हो गई है, पर इसका सबसे ज़्यादा असर महिला पत्रकारों पर ही पड़ा है। उन्हें ज़्यादातर प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।

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महिला पत्रकारों ने बयां किया दर्द


अफगान न्यूज़ ब्रॉडकास्टर टोलो न्यूज़ (Tolo News) से बात करते हुए हाल ही में कुछ महिला पत्रकारों ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने बताया कि तालिबान के आने के बाद से न सिर्फ उनके पत्रकारिता करने में मुश्किलें आने लगी हैं, बल्कि हर काम करना एक चैलेंज जैसा हो गया है। तालिबान राज में महिलाओं की ज़िंदगी बहुत ही मुश्किल हो गई है और महिला पत्रकारों को भी कई जगह प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।

महिला पत्रकारों ने सरकार से लगाई गुहार

टोलो न्यूज़ पर महिला पत्रकारों ने बात करते हुए तालिबान सरकार से गुहार लगाई है कि उन्हें हर सेक्टर में काम करने की इजाज़त देनी चाहिए। महिला पत्रकरों ने टोलो न्यूज़ पर बात करते हुए महिलाओं के अधिकारों की अहमियत बताते हुए तालिबान सरकार से उन्हें बिना किसी प्रतिबंध के काम करने देने के लिए गुहार लगाई है।

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