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Weather Alert: बिन मौसम तूफानी बारिश का दौर, कहीं धरती पर जीवन ना हो जाए मुश्किल, पढ़ें ये रिपोर्ट Monday 05 June 2023 08:54 AM UTC+00 फलोदी। इस साल प्रकृति में लगातार हो रहे बदलाव का असर धरती पर जीवन को मुश्किल राह पर ला सकता है। ऐसे में मौसम में हो रहे बदलावों के माध्यम से प्रकृति के संदेश को समझते हुए धरती की सेहत व जीवन को बचाने के प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है। बारिश को तरसने वाले पश्चिमी राजस्थान में इस साल जिस तरह से सर्दी व भीषण गर्मी के सीजन में बरसात का दौर चल रहा है, वह प्रकृति के लिए कितना उपयोगी व नुकसानदेह होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन अचानक से आए इस बदलाव के मायनों को समझकर धरती की सेहत में सुधार के लिए अभी से ही सतर्क होकर कार्य करने की जरूरत महसूस होने लगी है। यह भी पढ़ें- अब एयरपोर्ट पर आपके पास है बस 3 मिनट का समय, ये काम किया तो लग जाएगा इतने रुपए का जुर्माना जानकारों की माने तो मई और जून माह में पश्चिमी राजस्थान में भीषण गर्मी रहती है और तापमान भी 45 डिग्री तक रहता है, लेकिन इस साल मई माह में पांच-सात दिनों को छोड़कर भीषण गर्मी का दौर कहीं नजर नहीं आया। इस बार कूलर व पंखों की ग्राहकी जैसे खत्म सी हो गई। सर्दी के मौसम में भी तापमान अधिक गिरावट भरा नहीं रहा। हालात यह है कि भीषण गर्मी के दौर में तूफानी बारिश व ओळावृष्टि का होना साफ तौर से जलवायु परिवर्तन का संकेत है, जिसे समय रहते समझने की आवश्यकता है। यह भी पढ़ें- इनका दर्द देखिएः पाकिस्तान में मिली इतनी प्रताड़ना कि नवजात बच्चे को छोड़ आना पड़ा भारत पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि हम हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते है और हजारों-लाखों पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी को सुरक्षित रखने के प्रयास अब भी नाकाफी साबित हो रहे है। कोविड महामारी के बाद पर्यावरण संरक्षण के प्रयास में कुछ समय तो तेजी रही लेकिन लेकिन बाद में कमी आ गई। केवल पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण करने की औपचारिकता की जगह अब हर दिन अधिकतम पौधे लगाकर संरक्षण की जरूरत है। फलोदी के मौसम में बहुत बडा अंतर नजर आया है। मात्र एक पखवाड़े के भीतर पांच बार बिन मौसम बारिश व ओळावृष्टि जलवायु को प्रभावित कर रही है।
जलवायु परिवर्तन का दौर पांच दशक से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन इस पर गौर नहीं किया, अब हालात भयावह हो रहे है। हृदय रोग व कोविड जैसी पनप रही बीमारियां इसी का परिणाम है। इन दिनों बिना मौसम तूफानी बारिश का दौर चल रहा है। जिसका परिणाम आगामी दिनों में नजर आएगा। - प्रकाश छंगाणी, भू-वैज्ञानिक व जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञ
अब जलवायु परिवर्तन का असर मौसम के बदले मिजाज से भी देखा जा सकता है। अधिकतम पौधे रोपित किए जाकर जलवायु परिवर्तन को रोकने के प्रयास होने चाहिए। - डॉ. अरूण माथुर, विशेषज्ञ |
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