World Environment Day 2023: लगातार हो रहे मौसमी बदलाव और अप्राकर्तिक परिवर्तन को रोकने व सुधार के लिए ही विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। आज के दौर में जहां बिगड़ते जनजीवन और पर्यावरण में हो रहे असुंतलित बदलाव को देखते हुए पर्यावरण सुरक्षित व संरक्षित रखना जरूरी हो गया है। इसका ताजा उदाहरण है, देशभर में हो रहे बेमौसम बदलाव की वजह गर्मी में भी लगातार बारिश पर्यावरण को हो रहे नुकसान की तरफ साफ इशारा कर रही है। आधुनिकता की ओर बढ़ रहे विश्व में विकास की राह में कई ऐसी चीजों का उपयोग शुरू कर दिया है, जो धरती और पर्यावरण के लिए घातक है। इंसान और पर्यावरण के बीच गहरा संबंध है, जो जनजीवन को प्रभावित करने के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं की भी वजह बन रहा है।
पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देना है उद्देश्य
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की E-waste management policy लॉन्च किया। अल्बर्ट हॉल पर सोमवार सुबह राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर तैयार की गई इस नीति के साथ राजस्थान जलवायु परिवर्तन नीति और राजस्थान वन नीति का भी विमोचन भी किया गया। इस दौरान बताया गया कि ई-कचरा प्रबंधन नीति से ना केवल वैश्विक मानकों के मुताबिक ई कचरे का निपटान करने में मदद मिलेगी बल्कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग की जाने वाली कीमती सामग्री के नुकसान को रोकने में भी मदद करेगी।
आसपास नियामकीय शिकंजे को मजबूत करेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि ई.अपशिष्ट को वैश्विक मानदंडों के अनुसार किया जाए और पुनर्नवीनीकरण या पुन: उपयोग किया जाए।
जन जागृति दौड़ से दिया संदेश
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत सुबह 6 बजे अल्बर्ट हॉल से 'रन फॉर एनवायरमेंट' के साथ होगी जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रसारित करने के लिए दौड़ लगाई। इससे एक दिन पहले 31 मई को मिशन लाइफ को लेकर राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया।
वायू गुणवत्ता को लेकर होंगे प्रयास
प्रदूषण मंडल की तरफ से प्रदेश के सभी 33 जिलों में प्रदुषण जांच केंद्र की स्थापना की जानी है इसकी शुरूआत आज हो सकती है। अब प्रदेश में बरसात की तरह ही जिला मुख्यालयों पर प्रदूषण के स्तर को लेकर चेतावनी भी जारी की जा सकेगी, साथ ही प्रदूषण यानी वायु की गुणवत्ता को लेकर भी सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा प्रदेश के पांचवें टाइगर रिजर्व धौलपुर टाइगर रिजर्व को लेकर भी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। साथ ही तीन नए कंजर्वेशन रिजर्व, मनसा माता और खेतड़ी बांसियाल में सफारी की शुरुआत को लेकर भी घोषणा हो सकती है।
उदयपुर में निकली रैली
उदयपुर के उप वन संरक्षक ने बताया कि शहर के पर्यावरण प्रेमी, वन विभाग, बीएसएफ, आर्म स्काउट, एनसीसी कैडेट, विद्यार्थी और अन्य विभागों के कर्मचारी जागरूकता रैली निकाली गई। इस मौके पर कलेक्टर आनन्दी, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) राहुल भटनागर समेत अन्य लोगों ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली मोती मगरी फतहसागर के मुख्य द्वार से शुरू होकर मुंबइया बाजार, फतहसागर ओवरफ्लो गेट होते हुए देवाली गेट, फतहसागर पाल पर समाप्त होगी।
जंगल और पहाड़ों की रक्षा को लेकर उठाए जाएंगे कदम
राजस्थान में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई तथा जंगलात इलाकों में पक्के निर्माणों को लेकर पर्यावरण असुंतलन पैदा हो रहा है। वन्य क्षेत्र लगातार कम हो रहे हैं, पशुओं को जंगल में कटने से मानवीय असुंतल पैदा हो रहा है। इसी को लेकर सरकार इस बार कुछ नए कदम उठा सकती है। आस—पास प्राकृतिक तौर पर मौजूद पर्यावरण, खासतौर पेड़ पौधे, जंगल, पहाड़, वन्य क्षेत्रों को बचाने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। राजस्थान में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो व्यक्तिगत, समुदाय और वैश्विक स्तर पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह दिन विभिन्न संगठनों व आम आदमी को पर्यावरण का महत्व समझाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
5 जूून को विश्व पर्यावरण दिवस अलग थीम पर मनाया जाता है
भारत समेत विश्वभर में 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सभी देश अलग अलग तरीके से पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र संघ ने 5 जून 1972 को पहला पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला किया था, लेकिन सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 1972 में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों में हिस्सा लिया था।
दुनिया में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। इसी बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति पर खतरा बढ़ रहा है। जिसे रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई, ताकि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके। हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए प्रतिवर्ष एक खास थीम होती है। इस साल भी विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम "" को बनाया गया है।