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राजस्थान हाईकोर्ट स्थापना दिवस आज: 74 साल के सफर में कई सुनहरे अध्याय Tuesday 29 August 2023 05:08 AM UTC+00 जयपुर/जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट मंगलवार को अपनी स्थापना के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अपने 74 साल के सफर में हाईकोर्ट ने न केवल सती प्रथा, भ्रूण हत्या और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी बुराइयों पर प्रहार किया, बल्कि पंचायती राज स्थापना और दो से अधिक संतान पर पंचायती राज चुनाव लड़ने पर रोक जैसे कई प्रगतिशील विषयों को संरक्षण दिया। राजस्थान हाईकोर्ट में रहे तीन न्यायाधीश अब तक देश के प्रधान न्यायाधीश के पद तक पहुंचे हैं। यह भी पढ़ें- जोधपुर मिलिट्री स्टेशन: अफीम की गिरफ्त में सेना, अब खुद का कर्मचारी पकड़ा गया राजस्थान हाईकोर्ट ने अब तक ऐसे कई फैसले दिए हैं, जिन्होंने प्रदेश ही देश के इतिहास को नया रूप दिया। संविधान लागू होने से पहले प्रदेश में रियासतों के हाईकोर्ट हुआ करते थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि उस समय भारतीय संविधान भले नहीं था, लेकिन बूंदी व जयपुर रियासत के हाईकोर्ट ने अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ आदेश दिया और पीड़ितों को मुआवजा भी दिलाया। इनमें से प्रख्यात वकील चिरंजी लाल अग्रवाल ने तो मुआवजे में मिले 60 हजार रुपए से ट्रस्ट बनाया और उसका पैसा आज भी शिक्षा पर खर्च हो रहा है। उनके बेटे एस सी अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश पद तक पहुंचे और उन्होंने भारत यात्रा पर आए अरब राजपरिवार के व्यक्ति को गोडावन का शिकार करने से रोक दिया। राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहने के बाद सीजेआई रहे जे एस वर्मा की कमेटी ने दिल्लीे के निर्भया प्रकरण में और सीजेआई रहे आर एम लोढ़ा ने विवादों में रही बीसीसीआई की चुनाव व्यवस्था को बदलने के लिए ऐतिहासिक रिपोर्ट दी। इन रिपोट का देशभर में असर हुआ है। यह भी पढ़ें- डाक विभाग की घर बैठे प्रसाद मंगाओ योजना पड़ी सुस्त, जनता नहीं दिखा रही रूचि, पढ़ें ये रिपोर्ट
यह बोले पूर्व न्यायाधीश
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