>>: मुकुन्दरा के लिए सेवानिवृत्त आईएफएस ने कही दिल खुश करने वाली बात, सलाह भी दी

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कोटा.मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में एक और बाघिन शिफ्ट करना सुखद है। यह बाघों के संरक्षण के लिए अहम कदम है।अब हमें सकारात्मकता पूर्ण विचार के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।
.मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वर्ष 2018 में फील्ड डायरेक्टर व मुख्य वन संरक्षक रहे सेवानिवृत्त आईएफएस घनश्याम शर्मा ने यह बात कही। टाइगर रिजर्व में पहला बाघ शर्मा के कार्यकाल में ही छोड़ा गया था।

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उन्होंने कहा कि मुकुन्दरा में मेरे कार्यकाल के दौरान जो अनुभव किया,उसके अनुसार मुकुन्दरा में काफी पोटेंशियसल है। चाहे पर्यटन की दृष्टि से बात करें या बाघों के लिए अनुकूलता की। मुकुन्दरा बाघों की दृष्टि से उपयुक्त स्थान है।

कुछ बातें हैं जिनका विशेष ध्यान रखना होगा। सबसे महत्वपूर्ण चीज तो यह है कि बाघों की मॉनिटरिंग बेहतर हो। उसके लिए पर्याप्त स्टाफ भी मिलना चाहिए। टाइगर रिजर्व में बसे गांव के ग्रामीणों के साथ विभाग के अधिकारियों का संवाद व तालमेल बना रहना चाहिए। साथ ही सरकार को गांवों का विस्थापन जितना जल्दी हो सके यह प्रयास किया जाना चाहिए।

सावधानी के तौर पर आसपास के गांव में जो मवेशी हैं, उनका टीकाकरण किया जाए। मुकुंदरा के जंगल 80 के दशक तक बाघों की दहाड़ से गूंजे हैं। टाइगर रिजर्व से बहती चंबल और यहां का इतिहास विरासत मुकुंदरा को अन्य टाइगर रिजर्व से अलग बनाता है। अब वक्त है हम सावधानी वह सकारात्मक विचारधारा के साथ आगे बढ़े।


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