>>: 199 दिन धरने के बाद मालपुरा को मिली जिले की सौगात, आतिशबाजी कर मनाई खुशी

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टोंक/टोडारायङ्क्षसह/मालपुरा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में गो सेवा सम्मेलन में प्रदेश में नए जिलों की घोषणा कर मालपुरा को नया जिला बनाने की बड़ी सौगात दी है। अब टोंक जिले से अलग होकर संभावित टोडारायङ्क्षसह उपखण्ड शामिल होने के साथ मालपुरा नया जिला अस्तित्व में आएगा।

पिछले 30 वर्षों से मालपुरा में कांग्रेस प्रत्याशी नहीं जीतने तथा आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए तथा वर्तमान में बीसूका उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉ. चंद्रभान की मांग, मालपुरा जिला बनाओ कोर कमेटी, पीसीसी उपाध्यक्ष रामबिलास चौधरी समेत कई क्षेत्रवासियों की मांग पर गत 199 दिनों से जिला बनाने की मांग को लेकर धरने पर लोगों के प्रयास से सफल हुआ। मालपुरा को जिला बनाने की घोषणा के साथ ही लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग आतिशबाजी करने लगे। इधर, 199 दिन से मालपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर चल रहा धरना भी समाप्त हुआ।

विधायक कन्हैयालाल चौधरी ने भी शुक्रवार सुबह जिला बनाने की मांग को लेकर समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा था। घोषणा के साथ ही क्षेत्रवासियों ने एक दूसरे का मुंह मीठा करवाकर एक दूसरे को बधाइयां दी।


अतीत पर उठाई मांग
क्षेत्रवासियों ने भौगोलिक परिदृश्य प्रस्तुत करते हुए मांग पत्र में बताया था कि मालपुरा में 1947 से नगरपालिका संचालित होने के साथ 1935 में हवाई पट्टी, ब्रिटिशकाल से न्यायालय परिसर व एसडीएम कार्यालय समेत अन्य विभागीय कार्यलय आदि संचालित थे।


वर्तमान में एएसपी कार्यालय तथा उच्च स्तर की शिक्षा व चिकित्सा होने के साथ उपखण्ड मुख्यालय मालपुरा जिला मुख्यालय बनने में सक्षम है। मालपुरा उपखण्ड टोंक जिले का सबसे बड़ा उपखण्ड होने के साथ दूदू व केकड़ी क्षेत्र की जनसंख्या से अधिक जनसंख्या वाला क्षेत्र है। मालपुरा क्षेत्र में मुन्सिफ न्यायालय व उपखण्ड मजिस्ट्रेट न्यायालय आजादी पूर्व से संचालित है, इनका क्षेत्राधिकार फागी, फुलेरा, सांभर, दूनी, दूदू, मौजमाबाद आदि था।

कमिश्नरी का क्षेत्राधिकार टोंक तक था। मालपुरा में एडीजे कोर्ट व नई एडीएम कोर्ट खोले गए हैं। इसके अलावा केन्द्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान संस्थान व प्रसिद्ध श्रीकल्याण महाराज का मंदिर व श्री जैन श्वेतांबर मंदिर दादाबाड़ी है। अलग जिला बनने से ये होंगे लाभ: मालपुरा अलग जिला बनने के बाद जहां राजस्व बढ़ेगा, जमीनों के भाव बढ़ेंगे, सरकारी कार्यालय होने से लोगों को राहत मिलेगी। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। स्थानीय लोगों को टोंक नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही विकास के कार्यों को गति मिल सकेगी।

ये बना आधार: मालपुरा उपखंड मुख्यालय होने के साथ ही यह जयपुर-भीलवाड़ा स्टेट हाईवे पर स्थित है। यहां अतिरिक्त जिला कलक्टर कार्यालय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, उपखंड कार्यालय, पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय, रैफरल अस्पताल, राजकीय महाविद्यालय, बिजली एवं जलदाय विभाग के कार्यालय संचालित हैं। वहीं मालपुरा सालों से नगरपालिका है, जो भी जिले की दावेदारी का आधार बना। वहीं जयपुर की ढूंढाड़ संस्कृति से जुड़े टोडारायङ्क्षसह क्षेत्र को केकड़ी में शामिल कर अजयमेरू संस्कृति में जोड़ दिया गया। नव सृजित जिलों में मालपुरा जिला बनने से विलय होती दो संस्कृतियों का ह्वास होने से अब बच गया।

मालपुरा जिले में संभावित क्षेत्र

टोंक जिले से अलग होकर अस्थित्व में आए मालपुरा जिले में 35 वार्डों वाला मालपुरा नगरपालिका क्षेत्र व उपखण्ड की 38 ग्राम पंचायतों के अलावा विखण्डित होकर केकड़ी जिले में शामिल 25 वार्डों वाले टोडारायङ्क्षसह नगरपालिका क्षेत्र तथा 20 ग्राम पंचायतों के साथ टोंक विधानसभा में शामिल टोडारायङ्क्षसह की 11 पंचायतें भी संभावित है। मालपुरा जिला मुख्यालय की करीब 45 हजार की आबादी होगी।

पत्रिका ने भी उठाया था मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर मालपुरा को जिला बनाने का मुद्दा उठाया था। इन समाचारों से प्रेरित होकर स्थानीय लोगों ने जिले की मांग को तेज कर दी तथा रैली-धरना प्रदर्शन कर मांग को मजबूती दी।


ये भी जानें: मालपुरा को जिला बनाने के बाद टोडारायङ्क्षसह नगरपालिका क्षेत्र व संपूर्ण 31 ग्राम पंचायतों के नवीन जिले में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है। वर्ष 1977 में टोडारायङ्क्षसह विधानसभा में देवली उपखण्ड शामिल था।
वर्तमान में भाजपा से विधायक कन्हैयालाल लगातार दूसरी बार विधायक हैं। मालपुरा को जिला बनाकर कांग्रेस इस सीट पर जीत की कोशिश में है।

मालपुरा फैक्ट फाइल

मालपुरा शहर आबादी:45000

शहर में वार्ड:35

ग्राम पंचायतें:38

नगर पालिका बनी:1947

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