हिण्डौनसिटी. शहर के स्टेशन रोड की सडक़ के निर्माण की कछुआ चाल से आमजन को हो रही परेशानी को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर को आधार बनाकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक स्थायी सेवा समिति में दर्ज हुई याचिका पर18 अक्टूबर को सुनवाई होगी।याचिका में जिला कलक्टर व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं समेत पांच को पार्टी बनाया गया है।
डा. अम्बेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के जिलाध्यक्ष शांतिलाल करसोलिया ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश सुमन की ओर से गत दिनों जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक स्थायी सेवा समिति में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका को दर्ज कर समिति की अध्यक्ष माधवी दिनकर ने मामले में जिला कलक्टर, हिण्डौन के उपजिला कलक्टर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के हिण्डौन खण्ड के अधिशासी अभियन्ता, सहायक अभियन्ता व संवेदक मैसर्स बालाजी इन्फ्रारोड्स प्राईवेट लिमिटेड जयपुर को नोटिस जारी किए हैं। करसौलिया ने बताया कि जनहित याचिका में उल्लेख किया है कि हिण्डौन में रेलवे ओवरब्रिज से स्टेशन रोड होकर कोतवाली थाने के आगे तक राज्य सडक़ निधि योजना द्वारा वित्त पोषित 3.20 किमी. सीसी सडक़ व नाली निर्माण कार्य 21 जुलाई 2022 को शुरु किया गया। निविदा की शर्तों के अनुसार करीब 19 करोड़ रुपए के बजट की इस सडक़ का निर्माण कार्य 20 मई 2023 तक पूरा होना था। लेकिन संवेदक मैसर्स बालाजी इन्फ्रारोड्स प्राईवेट लिमिटेड व सार्वजनिक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अभियंताओं ने सडक़ निर्माण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। जिससे शहर के मध्य से निकल रहे स्टेट हाइवे की सडक़ का कार्य अभी तक करीब 40 प्रतिशत ही हो पाया है। जिससे शहरवासियों के साथ ही वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। निर्माणाधीन सडक़ पर दिनभर धूल उडऩे से लोग बीमार हो रहे हैं। सडक निर्माण में लेटलतीफी के कारण स्टेशन रोड़ पर पिछले करीब एक वर्ष से 100 से अधिक सडक़ दुर्घटना हो चुकी हैं। जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। उल्लखनीय है कि समयावधि बीतने के बाद भी सडक़ निर्माण पूरा नहीं होने पर पत्रिका ने 15 सितम्बर के अंक में 'सवा माह से बंद पड़ा सडक़ निर्माण लेटलतीफी पर 15 लाख का जुर्माना' शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसे जनहित याचिका में आधार बनाया गया है।