>>: कैसे पूरे हों सोनाळी धरती के हरियल सपने

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-बिजली चाहिए- 06 घंटे,मिल रही-ट्रिपिंग और अधूरी
दूसरा वादा बिजली...अब माननीय लाइए करंट
रेगिस्तान का शिव इलाका जहां एकतरफ एक घड़ा पानी के लिए आबादी तरस रही है तो दूसरी ओर ऊण्डू, राजबेरा,भिंयाड़ सहित बड़ा इलाका अब द्विफसली हो गया है। भगवान के घर देर है,अंधेर नहीं की कहावत यहां पूरी हुई तो इधर सरकार के घर की अंधेर खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। किसानों को 03 घंटे के करीब ही बिजली मिल रही है। चौहटन फागलिया में ट्रांसफार्मर नहीं मिलने से किसानों की फसलें नष्ट हो रही है। सिवाना-समदड़ी इलाके में पानी कम होने की फिक्र सता रही है तो बिजली भी बार-बार धरातल बता रही है। सरकार रेगिस्तान के किसानों को आधी-अधूरी की बजाय पूरी और समय पर बिजली दें तो सच मानिए 50 अरब की फसल लेने वाला यह इलाका 100 अरब को तो यों छू जाएगा। पर, यह समय रहते करे..ऐसा न हों कि आज बिजली रोड़ा बनी हुई है औैर कल किसान को पानी जवाब दे दे।

बाड़मेर.
सातों विधानसभाओं में सिंचित क्षेत्र केे अलग-अलग बैल्ट है जहां 69 हजार 213 कृषि कनेक्शन है। किसानों को यहां फरवरी माह तक 8 घंटे बिजली की दरकार है। जब तक खुद विधायकों की ओर से किए गए दूसरे वादे में तो अब तुरंत ही करंट की जरूरत है।
गुड़ामालानी विधानसभा
धोरीमन्ना-गुड़ामालानी और सिणधरी क्षेत्र में 6 घंटे तक की विद्युत आपूर्ति अधिकांश जगह हो रही है लेकिन यहां ट्रिपिंग की समस्या से किसान ज्यादा परेशान है। निर्बाध आपूूर्ति हों तो किसान पूरे इलाके से रबी की फसल इस बार अच्छी लेने की उम्मीद पाले हुए है।
धोरीमन्ना
कृषि के लिए नियमित रूप से 6 घंटे विद्युत आपूर्ति हो रही है इसमें ट्रिपिंग की समस्या रहती है । बार बार ट्रिपिंग की समस्या में सुधार होता है तो किसानों के लिए और सहुलियत रहेगी। हनुमानराम बोलों का डेर
धोरीमन्ना क्षेत्र में 6553 कृषि कनेक्शन
मेहलू क्षेत्र में 2700 कृषि कनेक्शन
धोरीमन्ना क्षेत्र में कुल 47339 हेक्टेयर में रबी फसल की बुवाई की गई है
सिणधरी/ गुड़ामालानी
आए दिन ट्रिपिंग की समस्या खेतों में पानी देने में बाधा उत्पन्न कर रही है। सरकार हर समय 7 घंटे बिजली देने का वादा करती है, लेकिन यहां पर मुश्किल से 5 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। किसान अपने खेत में फसल को पूरा पानी नहीं दे पा रहे हैं। कम से कम 8 घंटे की बिजली आपूर्ति की जरूरत है। क्षेत्र के दरगुड़ा,कादानाड़ी, मड़ावला, सड़ा, भाटाला आदि गावो में किसान रबी फसल बुवाई कर रहे है।
8 घंटे बिजली दो
बिजली की समस्या तो है। बिजली पांच घंटे आती है,इससे परेशानी है। कम से कम आठ घंटे विद्युत आए तो काम बने। पूरी फसल तो तभी मिलनी है। इसको लेकर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
- भावाराम कलबी सड़ा
विधानसभा सिवाना-
लूनी नदी के किनारे स्थित गांव रामपुरा, महेश नगर, मजल, करमावास, खरंटिया, कोटडी, अजीत, चारणों का बाडा, गोदो का बाडा, जेठंत्री सिलोर, आदि गांव में इस वर्षं किसानों ने बड़े भूभाग में खेती की है। सरसों गेहूं जीरा ईसबगोल अरंडी फसल की बुवाई की है। बीते दिनों हुई अच्छी बरसात पर बहुत से किसानों ने तारा मीरा की बुवाई की है। सिवाना विधानसभा क्षेत्र में अब तक 30 हजार 118 हेक्टर में बुवाई हुई है।
ट्रिपिंग बार-बार, 5.30 घंटे आपूर्ति
किसान नियमित रूप से 8 घंटे बिजली की जरूरत महसूस कर रहे हैं। लेकिन पूरे 6 घंटे भी विद्युत उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। बार-बार ट्रिपिंग से किसानों को 5 से 5:30 घंटे बिजली मिलती है। दिन-रात अलग-अलग बारी में सप्लाई होने से अन्य परेशानियां भी उठानी पड़ती है।
ट्रिपिंग और कम बिजली
जल स्तर बढऩे पर इस वर्ष रबी फसल की बुवाई की है। फसल अच्छी खड़ी है। लेकिन नियमित रूप से 6 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं करवाई जाती है। बार-बार ट्रिपिंग होने से कम बिजली मिलती है।- भैराराम पटेल, किसान
विधानसभा पचपदरा
गत वर्षों की तुलना में विधानसभा पचपदरा में भी इस वर्षं अपेक्षा का रबी फसल में अच्छी बुवाई हुई है। क्षेत्र के गांव पारलू कनाना,सराना, किटनोद, होटलू, असाडा, टापरा, जागसा, मुंगड़ा, बुडीबाडा, आदि गांव में किसानों ने अच्छी बुवाई की है। अनार बागवानी खेती के अलावा किसानों ने सरसों गेहूं जीरा, अरंडी फसल की बुवाई की है। विधानसभा पचपदरा में 12 हजार 235 हेक्टेयर में बुवाई हुई है। इन दोनों अच्छी अवस्था में फसलें खड़ी है।
8 घंटे दे बिजली
इस बार किसानों ने अधिक भूभाग में हुआ की है। इस पर बिजली की अधिक जरूरत है। सरकार किसानों को कम से कम 8 घंटे बिजली उपलब्ध करवाए। इससे परेशानी नहीं हो।-विजय कुमार किसान
विधानसभा-चौहटन
सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही किसानों ने रबी की फसलों की बुवाई कर दी अब बीज अंकुरित होकर जमीन से बाहर आने लगा है। यहां के किसानों ने जीरा, ईसब, अरण्डी, मेथी, गेहूं की फसलें लगाई है। बीते वर्ष जीरे के भाव में आई जबरदस्त तेजी के कारण इस बार किसानों ने जीरे की बुवाई को ज्यादा प्रमुखता दी है।
05 घंटे बिजली
पांच - छह घंटे बिजली मिल रही है लेकिन किसान आठ घंटे बिजली आपूर्ति चाहते हैं। किसानों का कहना है कि छह घंटे बिजली का प्रावधान है लेकिन आपूर्ति के बीच बार बार ट्रिपिंग होने से फव्वारों और लाइन का प्रेशर नहीं बन पाता जिससे फसल की सिंचाई में बाधा आती है।
4740 कुओं का विद्युत कनेक्शन चालू
238 कनेक्शन बंद
768 कृषि कनेक्शन पेंडिंग
ं 35 जले हुए ट्रांसफामज़्र जमा
सेड़वा-7766 कृषि कुओं पर विद्युत कनेक्शन
फागलिया -5 हजार कृषि कनेक्शन
- 20 नए ट्रांसफार्मर शनिवार को फागलिया पहुंचाए

संकट
चौहटन, धनाऊ, सेड़वा एवं फागलिया चार पंचायत समिति क्षेत्रों में हजारों कृषि कनेक्शन हैं लेकिन पूरी बिजली नहीं मिलने और बार बार ट्रिपिंग जैसी समस्याओं को लेकर विगत छह महीनों के दौरान सभी मुख्यालयों पर किसान धरना प्रदर्शन कर आपूर्ति बढ़ाने और ट्रिपिंग की समस्या के स्थायी समाधान की मांग उठा चुके हैं। इसके अलावा कृषि कुएं पर लगे ट्रांसफामज़्र जल जाने या खराब होने की स्थिति में किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ता है जिससे फसलें प्रभावित होती है।

किसान बोले-
छह घंटे बिजली मिलती है लेकिन क्षेत्र में बिजली ट्रिपिंग की बड़ी समस्या है। आठ घंटे निर्बाध बिजली मिले तो ही राहत मिल सकती है। ट्रांसफार्मर जल जाने पर उसको बदलने में लंबा समय इंतजार करना पड़ता है जिससे फसलों को नुकसान हो जाता है।
- मगनाराम चौधरी प्रगतिशील किसान धनाऊ
रबी की फसलें राम से ज्यादा राज पर ज्यादा आश्रित है, जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने और बिजली उपकरण उपलब्ध करवाने का कोई ठोस सिस्टम नहीं है। यहां लांठा री सिकरांत है, प्रभावी और सिफारिश वालों को वरीयता मिल जाती है । ऐसा लचर सिस्टम को सुधारने से आम किसानों की समस्या का समाधान हो पाएगा।

- ईश्वर चौधरी, प्रगतिशील किसान देवाणियों का तला चौहटन

एक्सईएन-03- बाड़मेर, बालोतरा, सिवाना, गुड़ामालानी
सब डिविजन-26
कहां कितने गांव जुड़े है
पंचायत समिति- ग्राम पंचायत
पाटोदी- 31
सिणधरी-30
रामसर-31
बायतु-38
कल्याणपुर-29
आडेल-20
पायला कला-20
शिव-38
चौहटन-50
सिवाना-35
गुड़ामालानी-31
धनाऊ-30
धोरीमन्ना-44
समदड़ी-26
सेड़वा-28
बाड़मेर ग्रामीण-37
बाड़मेर-38
फागलिया-22
गिड़ा-36
बालोतरा-37
कुल-689

फागलिया : जले ट्रांसफार्मर नहीं मिल रहे समय पर
फागलिया विद्युत विभाग के ऑफिस में जली हुई डी पी वापस नहीं मिल रही है। ट्रांसफार्मर की प्रायरटी लिस्ट नहीं है। नंबर से ट्रांसफार्मर जारी नहीं हुए। फागलिया के किसानों
चौहटन
धनाऊ
स्टाफ पॉजीशन
पद स्वीकृत कार्यरत रिक्त
इंजीनियर- 99 73 26
तकनीकी स्टाफ-1163 905 258
मंत्रालयिक कर्मचारी-282 90 92

यह है कनेक्शन
घरेलू कनेक्शन-576532
अघरेलू-43954
हाईटेंशन-364
सिप/एमआइपी-8696
मिक्सड लोड-761
एग्रीकल्चर-69213
अन्य-322

विद्युत आपूर्ति
6 घंटा
80 लाख युनिट प्रतिदिन व्यय
485 मेगावाट पीक डिमांड

एग्रीकल्चर कनेक्शन पेंडिंग की स्थिति(डीएन डिपोजिट)
सामान्य श्रेणी-8605
अनुसूचित जाति-387
ड्रिप-840
डिग्गी-0
कुल-9832

एग्रीकल्चर कनेक्शन पेंडिंग की स्थिति(डीएन इश्यू)
सामान्य श्रेणी-0
अनुसूचित जाति-266
ड्रिप-1054
डिग्गी-0
कुल-1320

- 33 केवी- 15 स्वीकृत है पर कमिशन नहीं हुए है
-06 वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत हुए है
-21 कुल स्वीकृत हुए है
-18 पेंडिंग है

बिजली, बीमा और पानी किसानों की तीन समस्याएं
एक्सपर्ट व्यू
दल्लाराम बटेसर, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय किसान संघ
किसानों की तीन समस्याएं हैै बिजली, बीमा और पानी। बिजली की सर्वाधिक समस्या शिव क्षेत्र में है और अन्य इलाकों में भी। यहां बिजली कम से कम 6 से 7 घंटे चाहिए लेकिन मिलती नहीं है। बार-बार आंदोलन किए है। कई बार अवगत करवाया लेकिन आपूर्ति को लेकर कई बहाने बनाए जाते है। किसान अब खेत भी आधे बुवाई करने लगा है। किसानों के कनेक्शन पेंडिंग पड़े है। यह कनेक्शन समय पर जारी हों तो किसान फसल लेने को तैयार है। उन्होंने खर्च भी कर लिया है। हर बार पांच साल की सरकार में किसान की मांगे जस की तस रहती है और समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।

विधानसभा -शिव

शिव.क्षेत्र में लगातार कृषि कनेक्शन जारी होने से कृषि उपभोक्ताओं के साथ घरेलू उपभोक्ताओं को पर्याप्त समय व वोल्टेज के साथ बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। कृषि उपभोक्ताओं को सिंचाई कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां रबी की सीजन में किसानों को 6 -7 घंटों के मुकाबले 3 घंटे बिजली मिल रही है। उपखंड क्षेत्र के भियाड़ व शिव क्षेत्र में तकरीबन 7000 कृषि कुएं हैं। यहां बिजली समस्या समाधान को लेकर वर्ष 2022 में विरोध प्रदर्शन के साथ 2023 में धरना प्रदर्शन भी किया गया। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
नहीं मिल रही सामग्री-कृषि उपभोक्ताओं के साथ घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए भी सैकड़ो आवेदन लंबित है जिनके लिए पर्याप्त सामग्री के अभाव में कनेक्शन जारी नहीं हो रहे हैं। कृषि कनेक्शन के लिए वर्ष 2014 से 2018 के आवेदकों ने मांग पत्र के अनुरूप डिमांड राशि भी जमा करवा दी उसके बाद भी कनेक्शन जारी नहीं हो रहे हैं।

उपखंड क्षेत्र में बिजली की गंभीर समस्या है लगातार कृषि उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है उसी के अनुरूप किसानों को पयाज़्प्त वोल्टेज के साथ निधाजि़्रत समय तक बिजली नहीं मिल रही है। जिसके लिए उपखंड मुख्यालय पर कई बार विरोध प्रदशज़्न भी किया।

-मोहन गोदारा, किसान नेता
उपखंड मुख्यालय पर निमाणज़धीन 220 केवी ग्रिड सबस्टेशन का निमाज़्ण जल्दी पुरा होना चाहिए। जिससे किसानों के साथ घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिजली समस्या से राहत मिलेगी।
- अभयसिंंह राठौड़, किसान नेता

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