विधानसभा चुनाव में सत्ता हार के बाद से निवर्तमान हुए अशोक गहलोत को सीएम पद की कुर्सी वाकई में नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद वे अब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। हालांकि नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण नहीं होने तक उनके पद के आगे 'कार्यवाहक' लगा रहेगा। इस बीच गहलोत के चुनाव नतीजे पूर्व दिए गए वो बयान चर्चा में हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं तो मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूँ, लेकिन सीएम कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही है।
7 दिन से कार्यवाहक मुख्यमंत्री
कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के फ़ौरन बाद 3 दिसंबर को ही गहलोत ने राजभवन जाकर मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंप दिया था। मिश्र ने भी बगैर देरी किए गहलोत के इस्तीफे को मंज़ूर कर लिया था। ऐसे में इस्तीफा देने के बाद और नया मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण नहीं होने तक वे कार्यवाहक मुख्यमंत्री की भूमिका में बने हुए हैं। हैरानी की बात ये है कि गहलोत को कार्यवाहक मुख्यमंत्री पद संभालते हुए अब एक सप्ताह यानी पूरे 7 दिन बीत गए हैं।
चर्चा में बयान '...कुर्सी नहीं छोड़ रही'
मुख्यमंत्री पद में बने रहने के गहलोत के चुनाव परिणाम पूर्व बयान राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक में चर्चा का विषय बने हुए हैं। ''मैं सीएम पद की कुर्सी छोड़ना चाहता हूँ, लेकिन ये कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही है'', के गहलोत के बयानों के पुराने वीडियोज़ वायरल हो रहे हैं।
जितनी देरी... उतना देर 'कार्यवाहक'
एकतरफा जीत हासिल करने के बाद भी भाजपा 7 दिन से राजस्थान में अपने मुख्यमंत्री का चेहरा तलाश नहीं कर पाई है। माना जा रहा है कि इस कवायद में एक-दो दिन और लग सकते हैं। चेहरा तय होता है तो नए सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में दो दिन लगना तय माना जा रहा है। ऐसे में इस कवायद में जितनी ज़्यादा देरी होती रहेगी, ज़ाहिर है सीएम पद की कुर्सी गहलोत को नहीं छोड़ेगी। भले ही पद कार्यवाहक का क्यों ना हो।
'बायो' में अभी भी मुख्यमंत्री
निवर्तमान होने के साथ ही 'कार्यवाहक' मुख्यमंत्री हुए अशोक गहलोत के सोशल मीडिया अकाउंट्स के बायो में भी फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है। अपने सभी ऑफिशियल डिजिटल प्लेटफॉर्म गहलोत अब भी राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
भाजपा पर भड़के थे गहलोत
नए मुख्यमंत्री के चयन में हो रही देरी को लेकर 'कार्यवाहक' मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में भाजपा पर जमकर बरसे थे। उन्होंने कहा था कि भाजपा सात दिन से मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं कर पाई है जबकि ये हम पर आरोप लगाते हैं कि इस पार्टी में बिखराव है और अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं है। अब इसे क्या कहेंगे? सीएम चयन में अगर हमारे 6 दिन लग जाते तो पता नहीं क्या-क्या आरोप लगाते ये लोग।
कार्यवाहक के तौर पर लिया बड़ा फैसला
फूल टाइम मुख्यमंत्री नहीं होने के चलते फिलहाल कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत को ही राज्य सरकार का कामकाज देखना पड़ रहा है। साथ ही ज़रूरी फैसले भी लेने पड़ रहे हैं। हाल ही में गहलोत ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच एनआईए से करवाने को लेकर मंज़ूरी दी है।
उन्होंने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कही थी। उन्होंने कहा था कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्या मामले में मुझे एनआईए जांच पर कोई आपत्ति नहीं होने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने पड़े हैं। जबकि ये काम नए मुख्यमंत्री को करना चाहिए था। मैं चाहता हूं कि भाजपा नए मुख्यमंत्री पर जल्द कोई फैसला ले।