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हैलो...मैं 104 एम्बुलेंस का चालक बोल रहा हूं, दरवाजा नहीं खुल रहा, अंदर मरीज है...क्या करें Thursday 29 February 2024 02:42 AM UTC+00 ![]() Jhunjhunu News : अगर किसी एम्बुलेंस की बाहर व अंदर से बॉडी क्षतिग्रस्त हो, उसका साइड गेट पूरी तरह से खुलता नहीं हो और हैड लाइट टूटी हुई तो मरीज का क्या हाल होता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ ऐसी ही स्थिति प्रदेश में कई जगह 104 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस की हैं। कंडम घोषित होने के बावजूद इन एम्बुलेंस को गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को अस्पताल तक पहुंचाने के काम में लिया जा रहा है। कई बार मरीजों के सामने दिक्कत खड़ी हो चुकी। एम्बुलेंस चालक और सीएमएचओ स्तर पर भी बार-बार इन कंडम एम्बुलेंस को बदलने के लिए लिखा जा रहा है। इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
इस तरह की आती है दिक्कत
कहां क्या आ रही दिक्कत1. रतनगढ़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 26 फरवरी को ही एम्बुलेंस संचालन करने वाली मार्डन इमरजेंसी सर्विसेज को लिखा है कि रतनगढ़ में 6-7 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस का संचालन बिना फिटनेस के हो रहा है जो कि अवैध है। इसके अलावा एम्बुलेंस में फ्यूल नहीं होने के कारण केस नहीं लिए जाने की शिकायतें भी मिल रही है। इससे मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 2. दिनांक 26 फरवरी को ही सीकर के फतेहपुरा चिकित्सा अधिकारी प्रभारी ने सीएमएचओ को लिखा है कि वहां कार्यरत 104 एम्बुलेंस 12 साल पुरानी है। इस कारण इसका फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा। गाड़ी के बाहरी व अंदर की तरफ से बॉडी क्षतिग्रस्त है। गेट पूरी तरीके से खुल नहीं रहा है। हैड लाइट टूटी हुई है। 3. झुंझुनूं में एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मनेन्द्रसिंह ने सीएमएचओ को लिखा है कि वर्ष 2021 में झुंझुनूं जिले में 16 एम्बुलेंस मिली थीं। हैंडओवर के समय ही इन सभी गाडि़यों को कंडम घोषित कर दिया गया था। इसके बावजूद गाडि़यों को काम में लिया गया। अब भी 7-8 गाडि़यां उसी कंडीशन में चल रही हैं। 4. उदयपुर सीएमएचओ को एम्बुलेंस चालकों ने ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि उन पर कम्पनी के अधिकारी रोजाना 2 केस करने का दबाव बनाते हैं। ऐसा नहीं करने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी जाती है। फ्यूल नहीं होने से पेट्रोल पम्प पर चार-पांच घंटे तक खड़े रहना पड़ता है।
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600 में से 180 एम्बुलेंस कंडम
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